RE: Hindi Sex Kahani माया ने लगाया चस्का
माया: हिमत रख जब में हूँ तो कुछ नहीं होगा, यह कहते हूँ ए उसने मेरी जांघ पे हाथ रखा और आहिस्ता आहिस्ता उसपर अपनी हथेली रगड़ ने लगी. मेरा टाइट लोडा देखकर बोली तुजे कुछ नहीं आता में शिखा दूंगी. वो धीरे धीरे मेरे लोडे की तरफ बढ़ रही थी, मेरे तम्बू पे हाथ रख कर कहा.
माया: क्यों इस बिचारे को दबा कर रखता है. उससे बहार निकाल कर उसके असली घर में आने दे. उसने लपक कर मेरा लोडा बरमूडा के बहार से पकड़ लिया. मेने कहा.
में: माया अभी नहीं, तुम जाओ चाची ऊपर आ जाएगी. और आज तुमे देखने भी आ रहै है तुम निचे जाओ. हम शाम को यही पे मिलेगे. उसकी आँखों में एक चमक आ गयी. उसने मेरे गाल में अपनी जबान रगड़ते हूँ ए चुम्मी ली और कहा की मेरा ड्रेस सुख जाये तो ९ बजे इसमें इस्त्री करा कर लाना. वो खुश होती हूँ ए दोड़ती निचे गयी और में नहाने चला गया.
नहाकर करीब ८ बजे में निचे चाय पिने गया तो रमाचाची ने कहा
रमा चाची: बेटा में तुजे कल बताना भूल गयी थी आज माया को बोरीवली से कुछ लोग शादी हैतु देखने आ रहै है तो मुना तू आज कही जाने वाला तो नहीं? तूमें बेटा मेरी थोड़ी मदद करने हमारे साथ रहैगा? आज सीमा और सपना भी टूर में गयी है और वो लोग अचानक ही आने वाले है.
में: (खुश होते हूँ ए और अंनजान बनते हूँ ए) अरे बुआ आप तो बड़ी छुपी रुस्तम निकली हमें बताती भी नहीं. बुआ ने अन्दर के रूम से मुस्कुराते हूँ ए मुझे आंख मारी.
चाची: अरे बुद्धू… लडकिया ऐसी बाते अपने मुह से कहैगी क्या? वो शर्माएगी नहीं ? पागल बुआ को मत छेड और ये ले पैसे और जा थोड़ी सी चीजे बाज़ार से ला वो लोग ११ बजे तक आ जायेगे. देख समोसे, बेसन के लड्डू, कचोडी, दूध, मावा के पेडे ले के फटाफट आजा. माया ने मुझे रूम से इशारा किया ड्रेस को इस्त्री भी करा लाना. मेने जान बुज के पूछा.
में: बुआ आप को भी कुछ मगाना है? में उसके रूम गया तो हमें कोई देखे नहीं इस तरह से खीच के दरवाजे के पीछे मेरे होंठो को चूमके मेरे कुलहो पर चांटा मार के कहा डॉलर की एक बेह्नी और गुलाब लाना.
में फटाफट बाइक लेके गया और एक घंटे में वापस आया तो सारे घर के मस्त सफाई हो चुकी थी और बेठने का कमरा अच्छी तरह से सजाया गया था. में सीधा रसोई में गया और सामान रमाचाची को दिया और हिसाब कर बाकी पैसे देकर माया के कमरे में गया तो में उसे देखता रह गया, वो नहा धोकर मस्त तैयार होकर बैठी थी क्या खुश्बू थी कमरे में! में गया तो उसने फट से मेरे गाल पे किस कर के ड्रेस लेते हूँ ए कहा बहार जा. क्या इसे में तेरे सामने पह्नुगी? मेने कहा नहीं लाओ में ही पहना दू. मेने आज पहल करते हूँ ए उसके होंठो को कस के चुम्मी ले और उसके होंठो को जोर से काटा. अपने दोने हथेलियों से उसकी चूचिया जोर से दबाई. वो दबी आवाज़ में –
माया: उई ई इ इ इ माँ, काट के खून निकालेगा क्या? ओह्ह में सब के सामने कैसे आ सकुंगी पागल. यह क्या किया. वो आईने में अपने होंठ देखने लगी. उसने मुझे जोर से धक्का दे कर अपने कमरे का दरवाजा बन्ध कर ड्रेस बदलने चली गयी. में अपने को ठीक कर बैठक के पेपर पढने बैठ गया. इतने में चाचा मेहमानों को लेके घर आ गए. उसने चाची को आवाज़ लगायी-
|