RE: Virgin Girl Sex मासूम मुन्नी
मुन्नी यह सुनकर खुशी से उछल पड़ी. उसने अंकल की तरफ देख कर
कहा,"डालेंगे ना अंकल आप मेरी चूत मे अपना लंड?" अंकल ने हँसकर
कहा, "हाँ बेटी, ज़रूर डालेंगे. जब मा बेटी राज़ी हो गयी है तब
मेरी क्या मज़ाल की तेरी छोटी चूत मे लौदा ना डालु? खूब चोदेन्गे आज
बिटिया रानी को. तू फिकर मत कर. चल आजा इधर. छोड़ लंड को
हिलना अब. तेरी चूत का नाम सुनते ही मेरे बूढ़े लंड मे जान आ गयी
है. अब उसे हिलाने की कोई ज़रूरत नही." यहा कहकर अंकल ने मुन्नी
की मा की तरफ देखहते हुए आँख मारी.
मा तिलबिलकार रहा गयी. "मेरी छोटी बेटी की कोरी चूत मिलते ही आप
के तेवर बदल गये लगते है भैसाहब. ये मत भूलिएगा कि अगर
मेरी सेवा करना अपने बंद किया तो मुन्नी और मैं दोनो मे से आप को
कोई भी नही मिलेगी." इसपर मुन्नी भी बोल पड़ी, "हाँ अंकल, मेरी मा
को चोदना आप बंद मत कीजिएगा. नही तो मैं फिर कभी नही
चुड़ावऊंगी आपसे." मुन्नी लंड पकड़े हुए बोली जा रही थी. अंकल ने
उसे भरोसा दिलाया कि वो दोनो की चूत मारते रहेंगे. और उसकी
हाथों से अपना लंड छुड़ा कर मुन्नी को उन्होने गोद मे उठा लिया.
अंकल ने पलंग पर ले जाकर मुन्नी को उसपर सुलाया और उसकी मा को
कहने लगे, "देखहो भाभी, मुन्नी की इच्छा तो पूरी करनी पड़ेगी.
वरना वो अपने पापा को बात बताने से नही चूकेगी. आप मेरी मदद
कीजिए. जहाँ तक हो सके, मैं मुन्नी को तकलीफ़ दिए बिना उसकी छेद
मे लंड डालने की कोशिश करूँगा. आप उसकी चूत चाट कर गीली कर
देंगी तो अछा रहेगा." मा ने हामी भर दी. अपने छिनरपन के कारण
ही उसे यहा करना पड़ रहा था. इतना मोटा लंड बच्ची के चूत मे
जाते हुए तकलीफ़ तो होगी ही, पर उसे थोड़ा कम करने के लिए जो किया
जा सकता है वो सब करने को मुन्नी की मा तैयार थी.
मुन्नी का फ्रा~म्सी उपर उठाकर उसने चड्डी नीचे खींची और झुक कर
अपनी बेटी की चूत पर जीभ लगाई. छेद मे जीभ ठेलते हुए वो मुन्नी
का छेद बड़ा करने का प्रयास करने लगी. बहुत देर तक मा ने मुन्नी
की चूत चॅटी. अंकल तब मुन्नी के मुँह मे अपना लौदा दे कर खड़े
खड़े उसकी छोटी छोटी चूची मसलते हुए मुन्नी की चूत चटाई देख रहे
थे. जब चाट कर मुन्नी की चूत गीली हो गयी तब उसकी मा ने मुन्नी
के छोटे छेद मे एक उंगली डाली और उसे घूमाते हुए छेद को बड़ा
करने की कोशिश करने लगी. मुन्नी भी मा की उंगली अंदर लेने के
लिए अपनी कमर उछालकर सहयोग दे रही थी. इधर अंकल का लंड
अपने मुँह मे चूस्ति हुई मुन्नी को महसूस हुआ कि लंड उसकी मुँह मे
लपक रहा था. अगर वो मुँह मे ही झार गया तो फिर जल्दी खड़ा
नही होगा ये बात मुन्नी को मालूम थी.
मुन्नी ने लंड को मुँह से बाहर किया और मा से बोली,"मा अब बंद करो
उंगली चलाना. अंकल का लंड एकदम कड़ा हो गया है. जल्दी से मेरी
चूत मे डलवाओ ये लंड नही तो बाहर ही झार जाएगा." मा ने चूत
से उंगली हटाई और अंकल से कहा,"आइए भाई सहाब, मुन्नी की चूत
मैने आपके लिए चटकार तैयार की है. अब डालिए मेरी बेटी की चूत
मे आपका मोटा लंड." अंकल हाथ मे अपना लपकता हुआ लौदा लेकर पलंग
पर चढ़ गये. मुन्नी की फैली हुई टाँगो के बीच आकर उन्होने मुन्नी की
मा को कहा," ज़रा अपने हाथों से फैला दीजिए भाभी मुन्नी की चूत."
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