RE: Virgin Girl Sex मासूम मुन्नी
मा ने सोचा कि अगर इसे ठीक से नही बताया कि औरते मुठ्ठी कैसे
मारती है, तो ये नादान बच्ची किसिके लंड की शिकार हो जाएगी. मुन्नी
के सामने वो पहले ही खुल गयी थी. उसने कहा,"ठीक है बेटी. तू
दरवाजा बंद करके आ मैं तुझे बताती हूँ."
मुन्नी दौड़ कर दरवाजा बंद करके वापस आई. मा ने उसे अपने पलंग
पर बिठाया और अपनी साडी खोल कर उसके सामने दोनो टाँगे फैला कर
बैठ गयी और मुन्नी को समझाने लगी. "देख बेटी, जब तेरा मन करता
है लॉडा लेने को तब ऐसे अपनी चूत खोल कर बैठना. फिर एक हाथ
से चूत को ऐसे चिदोरकर खोलना. दूसरे हाथ की एक उंगली अपनी थूक
से गीली करके ऐसे यहाँ धीरे धीरे रगड़ना." मा मुन्नी को ये सब
कहते हुए साथ मे खुद करके भी दिखा रही थी. उसे भी मज़ा आने
लगा था. आज मुन्नी के अंकल भी नही आए थे. उसकी चूत चुदसी हो
गयी थी. अपनी बेटी के सामने चूत फैलाकर उंगली करने से उसकी
चूत पानी से भर आई थी.
मुन्नी पूछती ,"मा ये क्या है आप की चूत के उपर जो अभी फूला हुआ
है?" माने समझाया कि यहा क्लाइटॉरिस है. इसपर उंगली रगड़ी तो बहुत
मज़ा आता है. मा अब अपनी क्लाइटॉरिस रगड़ने लगी. उसकी मस्ती बढ़ने
लगी तब उसने दो उंगलियाँ चूत के छेद मे डाल दी और बुर मे उंगली
करते हुए अपनी बेटी को समझाने लगी,"देख मुन्नी, मेरी चूत अब
चौड़ी हो गयी है. इसलिए इसमे एक साथ दो क्या चार उंगलियाँ भी घुस
सकती है. लेकिन तू अपनी छोटी सी छेद मे पहले केवल एक ही उंगली
डालना. बाद मे जब तेरी चूत ढीली हो जाएगी तब दो या तीन उंगली डाल
सकती है. चूत मे उंगली डाल कर ऐसे हिलाई जाती है. पहले धीरे
धीरे और बाद मे जब ज़्यादा मज़ा लेना हो तब ज़ोर ज़ोर से उंगली करना."
मा खुद अपनी उंगली की रफ़्तार बढ़ाकर झरने लगी. मुन्नी के सामने
झरते हुए वो आँखें बंद करके चुप चाप मज़ा लेने लगी. मुन्नी
भी मा को इस तरह झरते हुए देखकर गरम होने लगी. उसने अपनी
चड्डी बाजू हटा कर अपनी बुर रगड़ना शुरू किया. मा देर तक झरती
रही. फिर आँखे खोल कर देखी तो उसे पता चला कि मुन्नी गरम हो
चुकी है और अपनी बुर पर उंगली रगड़ रही है. लेकिन अभी मुन्नी को
वो क्रिया ठीक से नही जम रही थी.
तो दोस्तो कैसा मासूम मुन्नी का ये दूसरा पार्ट पूरी
कहानी जानने के लिए मासूम मुन्नी का तीसरा पार्ट पढ़ना ना भूले
क्रमशः................
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