RE: Incest Sex Kahani सौतेला बाप
सौतेला बाप--12
कुँवारी चूत एक ऐसी चीज़ होती है जिसे मारने के लिए आदमी कुछ भी कर सकता है
और यही हाल इस वक़्त लोकेश का हो रहा था, उसके मन मे पता नही क्या-2 चल रहा था, की ये क्यो अपनी चूत बचा कर रख रही है, इतना कुछ तो कर ही चुकी है, तो इसके लिए क्यो मना कर रही है
पर वो कर भी क्या सकता था, ज़बरदस्ती वो कर नही सकता था
सिर्फ़ उस समय का वेट कर सकता था जब वो इसके लिए राज़ी हो जाए
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अब आगे
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अपना काम करवा कर काव्या वहा से निकल कर अपने कमरे मे आ गयी, और हमेशा की तरह उसने अपनी सहेली श्वेता को सारी बाते बता डाली, श्वेता भी उसकी पर्फॉर्मेन्स से काफ़ी खुश थी, क्योंकि अभी तक सब कुछ उनके अनुसार ही चल रहा था.
एक इंसान को उस चीज़ की चाहत तब तक रहती है, जब तक वो उसे ना मिल जाए, और यही हाल इस समय लोकेश का हो रहा था, काव्या की कुँवारी चूत उसके मुँह तक आकर निकल गयी थी, वो उसे मार नही पाया था...
और उसकी चूत मारने की चाहत अब और भी बढ़ चुकी थी, और इसके लिए वो कुछ भी करने को तय्यार था, पर समझ नही पा रहा था की आख़िर काव्या क्या चाहती है.
अगले दिन भी यही सिलसिला चला, वो उसके कमरे मे आई, दोनो ने चाटम - चाटी की पर चुदाई नहीं करने दी काव्या ने, ज़्यादा ज़ोर देने पर सिर्फ़ इतना कहा की वक़्त आने पर वो सब भी करेगी, पर इसके लिए उन्हे तोड़ा इंतजार करना होगा.
अगले दिन वो सब वापिस निकल पड़े, एक हफ्ते का हनिमून मना कर समीर और रश्मि भी काफ़ी खुश थे.
वापिस आकर काव्या सीधे श्वेता के घर गयी.
दोनो एक दूसरे से मिलकर काफ़ी खुश हुए और श्वेता ने तो काव्या के होंठों पर एक जोरदार किस भी कर दी.
वो चोंक कर बोली : "ये क्या कर रही है, आंटी ने देख लिया तो ??"
श्वेता : "कोई नही देखेगा, मम्मी घर पर नही है"
इतना सुनते ही काव्या की आँखे भी चमक उठी और उसने भी दुगने उत्साह के साथ उसके होंठों को चूम लिया
और ऐसे ही चूमते-2 दोनो सहेलिया श्वेता के रूम तक पहुँच गयी और दोनो एक दूसरे के कपड़े भी उतारती चली गयी.
अब तक दोनो उत्तेजना के शिखर पर पहुँच चुकी थी..
दोनो अब पेंटी और ब्रा मे थी बस..
श्वेता : "साली, तूने तो इतने मज़े ले लिए, अब तो मेरे से भी आगे निकल गयी है तू''.
और इतना कहकर उसने काव्या की ब्रा और पेंटी नोचकर फेंक दी, और उसके छोटे-2 मुम्मों को ज़ोर से मसल दिया ..
दोनो जब भी उत्तेजित होती थी तो एक दूसरे को गालियाँ देकर बाते करती थी.
काव्या : "अहह, यु बिच ...धीरे कर ना, दर्द होता है.....और मैं तेरे से आगे नही निकली हू, मेरी चूत की पेकिंग अभी तक सलामत है''
उसने अपनी डबलरोटी जैसी चूत के उपर अपनी उंगलियों को नचाते हुए कहा
उसकी गुलाबी चूत देखकर श्वेता के मुँह मे पानी भर आया, वो झपटकर उसके पास पहुँची और उसे बेड पर लिटा कर उसकी चूत के अंदर अपनी दो उंगलिया घुसेड़ डाली और झुककर उसके निप्पल को मुंह में डालकर चूसने लगी
और फिर वो खिसककर नीचे की तरफ जा पहुंची और उसकी नमकीन चूत के ऊपर अपनी जीभ रख कर अंदर घुसेड़ डाली
''अहह एसस्स्स्स्स्सस्स ऐसे ही चूसा था लोकेश अंकल ने भी .....अहह और अंदर डाल ना अपनी जीभ कुतिया .......एसस्स्सस्स अहह ऐसे ही ....उम्म्म्ममममममम ''
उसकी जीभ के साथ - 2 ढेर सारी लार भी उसकी गुल्लक के अंदर जाकर उसे और गीला कर रही थी
बेडशीट पूरी तरहा से भीग चुकी थी
अचानक काव्या को महसूस हुआ की वो झड़ने वाली है, उसने तुरंत श्वेता को उपर की तरफ खींच लिया और अपने ऑर्गॅज़म को थोड़ी देर के लिए टाल दिया, क्योंकि वो इतनी जल्दी नही झड़ना चाहती थी, उपर खींचने के बाद वो उसके फूल जैसे होंठों पर लेगे अपनी चूत के शहद को चाटने लगी
दोनो की चूतें एक दूसरे से रगड़ खा रही थी
अपने ओर्गास्म को थोड़ा शांत करने के बाद काव्या ने घूमकर श्वेता को 69 की पोज़िशन मे जकड़ लिया और दोनो ने एक दूसरे की दहक रही भट्टी पर अपने-2 होंठ रख दिए और एकसाथ दोनो सिसक भी उठी
''उम्म्म्ममममम.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....अहह''
ऐसी मक्खन जैसी चिकनी चूत जब किसी के मुँह से लगती है तो ऐसी ही आवाज़ें आती है
श्वेता बुदबुदाई : "ज़रा चूस कर बता, कैसे चूसा था तूने अपने लोकेश अंकल का लॅंड....''
इतना सुनते ही जैसे काव्या के अंदर किसी उर्जा का संचार हो गया, उसने अपने दोनो हाथों से उसकी चूत के होंठों को पकड़ा और जैसे ही माँस इकट्ठा होकर उभरा, उसने उस उभरे हुए भाग को अपने मुँह मे लेकर किसी लॅंड की तरहा चूसना शुरू कर दिया,
और इस समय काव्या को ऐसा लग रहा था की 69 की पोज़िशन मे वो श्वेता के साथ नही बल्कि लोकेश अंकल के साथ ही है, उनका मोटा ताज़ा लॅंड निगल रही है और वो उसकी चूत को चूस कर उसकी मलाई चाट रहे है
श्वेता की तितली के पंख जैसी छूट जब काव्या के मुँह मे गयी तो वो तड़प उठी, उसे लगा की शायद उसने लोकेश के बारे मे पूछकर और काव्या को उसके लॅंड चूसने के बारे मे याद दिलाकर कोई ग़लती की है, पर जब उसकी चूत के बीच फँसा हुआ मोती काव्या के मुंह के अंदर उभरा और उसने उसे चुभलाया और हल्का सा काटा तो उसकी चिंताए दूर हो गयी और वो आनंद सागर मे गौते खाकर भरभरा कर झड़ने लगी
''अहह .....उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ....काव्य्ाआआआआआआ .....उम्म्म्मममममममम ....एसस्स्सस्स''
और काव्या के मुँह मे जब मीठे शहद की नदी ने प्रवेश किया तो उसकी खुद की झील का झरना श्वेता के मुँह मे गिरकर उसकी प्यास बुझाने लगा..
''उम्म्म्मममममम....अहह''
दोनो के चेहरे ऐसे लग रहे थे जैसे उनपर आमरस मल दिया हो बहुत सारा.
दोनो ने एक दूसरे के आमरस को चाटकार सॉफ किया और फिर एक दूसरे के गले से मिलकर अठखेलिया करने लगे
और जब वो ये सब कर रहे थे तो वो ये नही जानते थे की उन्हे कोई देख रहा है दरवाजे की औट से ...
और वो था श्वेता का भाई नितिन
जो कॉलेज से वापिस आ चुका था, और श्वेता और काव्या की नासमझी की वजह से बाहर का दरवाजा खुला रह गया
और जब वो अंदर आया तो सबसे पहले उसे सामने पड़ी हुई टी शर्ट दिखाई दी और उसके बाद जीन्स और पेंटी भी
वो उन्हे उठाता गया और सूंघटा गया
और उन गिरे हुए कपड़ो का पीछा करते-2 वो जब अपनी बहन श्वेता के रूम के बार पहुँचा और अंदर से आ रही आवाज़ों को सुना तो उसे पक्का विश्वास हो गया की आज ज़रूर उसे कुछ गरमा गरम देखने को मिलेगा, और हुआ भी ऐसा ही..अंदर उसके सपनो की रानी काव्या पूरी तरहा से नंगी थी और उसकी सग़ी बहन के साथ वो 69 की पोज़िशन मे मज़े ले और दे रही थी ..
काव्या के हुस्न पर तो वो काफ़ी पहले से मरता था, पर अपनी बहन को उसने उस नज़र से आज तक नही देखा था, पर आज उसकी भरी हुई गांड और मादकता से भरे हुए मुम्मे देखकर उसके लॅंड ने पहली बार अपनी बहन के नाम की अंगड़ाई ली
उसने झट से अपना लॅंड बाहर निकाल लिया और मसलने लगा..
वो फ़ैसला नहीं कर पा रहा था की अपनी बहन को देखकर मूठ मारे या काव्या को देखकर ...
पर जिस तरहा से दोनो बिल्लिया एक दूसरे को नोच रही थी, एक बात तो पक्की थी, उनमे से कोई भी उसे मिल जाए, एकदम वाइल्ड सेक्स करेंगी वो दोनो ही उसके साथ..
बस यही सोचते-2 उसके लॅंड ने पिचकारियाँ मारनी शुरू कर दी , वहीं अपनी बहन के दरवाजे के सामने..उसके मुंह से हलकी सी गुरगुराहट निकल गयी
और अचानक श्वेता को लगा की उसने कोई आवाज़ सुनी है..उसने काव्या को अपने उपर से हटाया दोनो ने जल्दी-2 कपड़े पहने ...
नितिन ने जब देखा की वो बाहर आने को तय्यार हो रहे है तो वो झट से भागकर उपर अपने कमरे मे चला गया
बाहर निकालकर श्वेता ने देखा की नितिन का बेग टेबल पर पड़ा हुआ है तो उसे ये समझते देर नही लगी की वही था बाहर, उसने काव्या को कुछ नही कहा और उसे जल्दी से वापिस जाने के लिए कहा, वो भी बिना कोई बात पूछे वहा से चली गयी, क्योंकि उसे भी जल्दी घर पहुँचना था..
अपने कपड़े समेटकर वो जैसे ही अपने कमरे के बाहर पहुँची वो फिसलते-2 बची, नीचे देखा तो नितिन के लॅंड से निकला चिपचिपा पानी था, उसे समझते देर नही लगी की नितिन वहां खड़ा होकर क्या कर रहा था, वैसे तो वो उसका बड़ा भाई था, और उसने उसके बारे मे कभी ऐसा नही सोचा था, पर आज उसके माल को महसूस करके उसके अंदर ना जाने कैसी चिंगारियाँ दहकने लगी...वो फिर से गर्म होने लगी...
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