RE: Biwi Chudai Kahani मैं क्या बीवी लगती हूँ तुम्हारी?
"बात डरने की नहीं है , पूरा मूड बिगड़ सकता है" मैने उसे दबोच कर कहा "तुम्हारा मूड तो बार बार बदलता है" शिखा पलट कर बोली "बताने के लिए थॅंक्स , अब तुम जल्दी अपनी गाँड फैलाओ वरना मेरा मूड बदल जाएगा , मैने उसको बाएँ हाथ से पेट के बल लिटाते कहा "अरे ज़रा धीरे , तुम्हारी उंगलियाँ चुभती हैं" उसने अपनी कमर से मेरे हाथों को अलग करते कहा "अभी इसकी आदत डाल लो शिखा , अभी तो उंगलियाँ चुभती हैं तो इतना नखरा कर रही हो जब मेरा सोटा अंदर जाएगा तो क्या करोगी? " मैने अपने लंड पर तेल लगाते कहा . "क्या करूँगी माने ?" शिखा ने पेट के बल लेटे लेते अपनी टाँगें हवा में चलाना शुरू कर दिया और मुझसे पूछा "लड़कियाँ आम तौर पर एनल सेक्स के दौरान क्या करतीं हैं?" मैने उसकी टाँगें पकड़ते कहा "मुझे क्या पता? मैने ब्लू फिल्म में तो उनको चीखते चिल्लाते देखा है और तुम क्या करोगी यह तुम जानो" "है न ?" शिखा ने गर्दन मोड़ कर कहा "फिर इतना सोच क्या रहे हो ? गाँड्ड में अपना लौडा डालो" "तुम अपनी टाँगें हवा में चलाना तो बंद करो, तुम्हारी गाँड तक कैसे पंहुचु ?" मैने कहा "यह तुम जानो" उसने भाव खाते कहा "देखो नखरा मत दिखाओ" मैने उसे चेताया "दिखाऊँगी" उसने बेफ़िक्र हो कर कहा मुझे गुस्सा आ गया "मैं तुम्हारा पति नहीं जो तुम्हारा नखरा बर्दाश्त करूँ " "तो?" उसने भौहें उचका कर कहा "तो यह लो" कह कर मैने उसे दोबारा पलटा और अपना लिंग उसकी गाँड की दरार में डाल में पूरी ताक़त के संग ठेल दिया . "आईईईईई अमन , उफ़ नहीं" वह दर्द से चीखी "क्यों अब मज़ाक नहीं सूझ रहा तुम्हें ?" मैने उसके बालों को खींचते कहा "नही" उसने दर्द में किसी तरह जबाद दिया "मैने पहले ही कहा था कि जब महारानी को मेरी नुकीली उंगलियाँ कमर में चुभती है तो गाँड में लौडा कैसे लेंगी" मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा . "आहह...तुम्हारा लौडा प्रेशर कुकर के हॅंडल की तरहचौड़ा है अमन आहह" वह दर्द से कराहती बोली "ये लो प्रेशर कुकर का ढक्कन लगाता हूँ " कहते हुए मैने उसको पहला धक्का मारा "आईईईईईईईई" वह चीख पड़ी , मेरा लौडा सचमुच उसकी गाँड में गहरे तक धँस कर गड़ गया उसकी कोमल मुलायम कुंवारे गड्ढे की छुअन सेमेरा लौडा कुकुरमुत्तेकी भाँति उसकी गाँड में खिलने लगा ज्यों ज्यों मेरा लंड उसकी गाँड़ में फैलता त्यों त्यों वह दर्द से दोहरी हो कर चिल्लाति "आहह अमन बस करो प्लीज़" शिखा ने तकिये के कवर को अपने हाथों से मसल्ते कहा "सॉरी शिखा" मैने कहा "तुम्हें थोड़ा दर्द सहना होगा , मुझे अब मज़ा आ रहा है" मैने बेफ़िक्र हो कर कहा "अरे तुम्हारे मज़े के चक्कर में मेरी गाँड फट जाएगी" उसने कहा "फटने दो , सुई धागे से सील लेना " मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा "तुम ऐसे नहीं मनोगे " कहते हुए उसने एकदम से पलटी मारी , कमरे में जैसे भूकंप आ गया मेरी आँखों के सामने एकदम से अंधेरा छा गया और लंड में तेज दर्द सा उठा.
"अमन " शिखा अपनी गर्दन को झटका देते बोली , मेरा लॅंड अभी भी पूरी ताक़त से उसकी गांद की गहराइयाँ नाप रहा था "हूँ?" मुझे उसका यूँ चुद्ते हुए बात करना पसंद न आया . गर्दन को झटका देते ही उसके खुले बाल चेहरे पर आ गये थे , मैं शिखा को चोद्ते वक्त उसके काले लंबे बालों को हाथों में थाम कर जी भर उनकी महक सूँघा करता था और उसने अपने बालों को जब झटका दिया तो वह रेशमी बाल मेरे हाथों से छूट कर उसके चेहरे पर लहराने लगे . शिखा ही नहीं जितनी भी सुंदर लड़कियों या कहूँ स्त्रियों को मैने चोदा है , मुझे उनके काले लंबे घने बालों ने उनकी ओर आकर्षित किया है , किसी ने सच ही कहा है पारंपरिक साड़ी में भारतीय नारी जितनी आकर्षक लगती है उतनी और किसी में नहीं . खैर कहानी पर आते हैं , शिखा के बालों से उठती महक मुझे मदहोश कर देती थी जिससे मैं और उत्तेजित हो जाता था और मेरा लंड फूल जाता था , लेकिन वह बार बार अपने बाल मुझसे छुड़ा रही थी , वह अपने बलों का खास ख्याल रखती थी और मैं चाहे उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फेर लूँ लेकिन उसे मेरा उसके बलों को पकड़ना और सूंघना गंवारा नहीं था और मेरा मूड तो उसके बलों की खुश्बू लिए बगैर बनता नहीं था ,
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