RE: Biwi Chudai Kahani मैं क्या बीवी लगती हूँ तुम्हारी?
"ऐसी नहीं" मैने कहा "घूम कर खड़ी हो जाओं शिखा' वह हँसने लगी "बॅक ओफिस में जॉब करना है क्या" "पहले तुम उठो तो सही" मैने उसके कंधे पकड़ कर उठाते कहा "जो आज्ञा प्राणनाथ" वह उठने लगी और उठते उठते उसने मेरे अंडकोष को अपने दाँतों में भींच लिया "आह क्या कर रही हो' मैं दर्द से कराहा. "हा हा हा " वह हँसने लगी वह घूम कर खड़ी हो गयी "अब मेरी बारी" मैने कहा और हँसती खड़ी हुई शिखा को घुमा दिया अब उसकी पीठ मेरी तरफ थी. "अमन तुमको तो मैने मेरे चिपके हुए बालों को सूंघने को कहा था , तुम तो मेरी गुदा में आईईईईईईई" शिखा बोलते बोलते चीखने लगी "अब आया मज़ा ?" मैने पीछे से उसके निप्पल्स मसल्ते कहा "आह छोड़ो न अमन " वह रुआंसी हो गयी "अपनी टांगे हटाओ " मैने कड़क आवाज़ में कहा "क्यों" उसने दर्द भारी आवाज़ में कहा , उसके निप्पल्स मैने ज़्यादा ही जोरों से मरोड़ दिए थे "तुम सवाल बहुत पूछती हो " कहते हुए मैने उसकी टाँग फैलाई "अच्छा ?" उसने पूछा "हाँ , अब अपनी दाईं टाँग कुर्सी के हत्थे पर रखो" मैने उसकी जांघों में उंगलियाँ फिराते कहा "नहीं अमन जांगों के बालों में कुछ न करो बहुत बुरी गुदगुदी होती है" उसने मेरा हाथ पकड़ते कहा "अब तो ज़रूर करूँगा " कहते हुए मैने उसकी जांघों में हाथ चलना शुरू किया "आहह नहीं" "हाँ बिल्कुल" मैने उसके विरोध को दरकिनार करते उसकी दाई तंग उठा कर कुर्सी के हत्थे पर रख दी. "आहह अमन जो करना है जल्दी करों मेरी टाँग रबर की तरह लचीली नहीं है जो तुम ज़बरदस्ती चौड़ी कर रहे हो" शिखा परेशान होते बोली "जो मैं कुछ करूँगा न शिखा , तुम्हारी दर्द भारी चीख से पूरा कमरा गूँज उठेगा " मैने उसे चेतावनी देते कहा "रहने दो" वह अपने बालों को बाँधते हुए बोली "तुम बस बड़ी बड़ी हांकना जानते हो" 'बालों को खुला रहने दो शिखा तुम्हें चोद्ते हुए मैं उनकी खुश्बू लूँगा " मैने उसके बालों को पकड़ते कहा "पहले बताते तो मैं गजरा लगा लेती , वैसे भी मेरे बाल तुम्हारी लिक्विड़ से उलझ कर चिपक गये हैं" उसने उलझे बालों को ठीक करते कहा "रूको उन्हें उलझा ही रहने दो" कहते हुए मैने अपने बाएँ हाथ की उंगलियों से उसका योनि प्रदेश टटोला 'आह" वह चिहुन्क उठी "तुम्हारा नाख़ून गड़ गया " "अभी तो बहुत कुछ गाड़ेगा " मैने कहा "हाँ हाँ , तुम तो अपनी शेखी बघारोगे" उसने अपने चूतड़ मेरे लॅंड से रगड़ते कहा "आहह शिखा , दुबारा करो" मैने कहा "तुम्हारी मक्खन जैसी गांद जब लॉड से छूती है तो बदन में करंट दौड़ जाता है सच्ची" मैने कहा वह अपनी कमर को कार के वाइपर की भाँति हिला रही थी , और मेरी उंगलियाँ उसकी चूत में इंजन के पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रही थी. "आहह अमन" वह दर्द से बोली "बड़ा मज़ा आ रहा है"
"रुक क्यों गये , और करो न " शिखा अन्मनि होते हुए बोली , मैने उंगलियाँ उसकी चूत से निकाल ली थी "यह देखो क्या है ?" मैने उसके सामने हाथ नचाते हुए कहा "ईईईई यह मुझे क्यों दिखा रहे हो?" उसने चीख कर कहा "अपने हाथ दूर करो मुझसे" "यह तुम्हारे चूत का रस है शिखा जी , गौर से देखो मेरे हाथों की इन उंगलियों को , तुम्हारी चूत का गाढ़ा रस इन्हें कितना चिपचिपा बना रहा है" मैने मज़ाक करते कहा. "प्लीज़ अमन मुझे यह उंगलियों से मत छूना " उसने बदन चुराते कहा "क्यों शिखा डार्लिंग?" मैने दूसरे हाथ से उसे करीब खींचते कहा "मुझे घिन आती है" वह छूटने की कोशिश करते बोली "अब यह देखो " उसने मुझे देखा और देखती रह गयी , मैं उसके देखते देखते ही अपनी पाँचों उंगलियाँ चाट गया "तुम बहुत नमकीन हो शिखा , अब से खाने में नमक कम डाला करना " मैने उसको छेड़ते कहा "वाश्बेसिन कहा है?" उसने कसमसा कर कहा मैने उसे वाश्बेसिन दिखाया , वह भागते हुई गयी और थोड़ी ही देर में आवाज़ आने लगी "वॅक वॅक ,,आक थू" वह बाहर आई तो अपना मुँह पोछने लगी "अरे वह तो मेरी कल की पहनी हुई अंडरवेर है" मैने कहा उसने घबरा कर कपड़ा फेंक दिया "हा हा हा, मैं तो मज़ाक कर रहा था " मैने हंसते हुए कहा "तुम बहुत घिनौने हो , मेरी चूत का रस चाट गये , शर्म नहीं आती" वह दौड़ कर मेरे गले लग गयी और मुझे बिस्तर पर गिरा दिया "तुम बहुत रसीली हो शिखा , मेरा बस चले तो तुम्हारी चूत को लॉलीपोप की तरह चौबीसों घंटे चूसा करूँ " उसको चूमते हुए मैने कहा
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