RE: Biwi Chudai Kahani मैं क्या बीवी लगती हूँ तुम्हारी?
"और ये तुम्हारी नियोग से संतान प्राप्ति वाली किताब , यह सब सबूत यह साबित करने के लिए काफ़ी है कि तुम इस वक़्त मेरे साथ मेरे घर में क्या करने आई हो" "हरामजादे छोड़ जाने दे मुझे " उसने दोबारा खुद को मुझ से छुड़ाने की कोशिश की लेकिन मैने उसे पीछे से दबोच लिया , उसने साइड टेबल पर रखा फ्लॉवेर पॉट पकड़ने की कोशिश की लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया "कोई चालाकी नही शिखा डार्लिंग" मैने हौले से उसके कानो में फुसफुसा कर कहा , मेरी नाक में उसके खुले बालों की महेक आई "आज ही बाल धोए हैं क्या शिखा?" मैने उसके बाल सूंघते पूछा "तुम्हे इस से क्या?" उसने गुस्से से कहा "क्या चाहते हो अमन" "तुम्हे शिखा" मैने कहा और उसके कान पर काट खाया "आईए" वह चिल्ला उठी "चीखो मत शिखा , लोग बाग सो रहे हैं" मैने कहा "तुम मुझे कभी न पा सकते अमन मैं शादी शुदा हूँ" शिखा मेरी गिरफ़्त में कसमसा कर बोली "शादी शुदा लोग सेक्स नही करते क्या?" मैने उसको दबाते पूछा "आख़िर तुम्हे मेरी प्यास बुझाने में क्या दिक्कत है?" "ये ग़लत है अमन , मैं राजन की बीवी हूँ" उसने कहा "तुम्हारा शास्त्र ही कहता है , समलिंगी पुरुष की पत्नी को पराए पुरुष के साथ संभोग करने की छूट होती है" मैने कहा "तुम यह सब कैसे जानते हो?" उसने दाँत भींचते हुए कहा मैने उसे जवाब देते कहा "तुम्हारी किताब में ही लिखा है "मैं चाहे रिक्षेवाले के साथ संभोग कर लूँगी अमन लेकिन तुझ जैसे जलील इंसान से कभी नही" उसने गुस्से से कहा. "तुम्हारे पति की असलियत जानने के बाद तो रिक्षेवाले भी तुमको नही चोदेन्गे , कोई कुत्ता तुम्हे नही पूछेगा" "हटो मुझे जाने दो" उसने कहा "तुम्हे नही का मतलब समझ में नही आता क्या शिखा?" "प्लीज़" "नो" घड़ी ने "टन..टन" कर 12 बजाए मैं उसको उठा कर बेडरूम ले गया "शिखा मैं तुमसे प्यार करता हूँ" उसको बिस्तर पर लिटा कर बोला "अमन जो तुम कर रहे हो यह प्यार नही" "जानता हूँ" "फिर भी" "तुम्हारी किताब कहती है , प्यार और व्यापार में सब क्षमा है" "व्यापार कैसा व्यापार?" उसने हैरत से आँखें बड़ी करते हुए पूछा "मैं तुम्हे माँ बनाऊंगा , बदले में तुम मेरी भूख मिटा दो" "नही" "तुम्हारे पास और कोई चारा नही है शिखा कब तक तुम यूँ घुट घुट कर जियोगि?" वह पसीने पसीने हो गयी , मैने एसी चला दिया "मुझे थोड़ा वक़्त दो अमन" वह बात बनाने लगी "तुम्हारे पास पूरी रात पड़ी है शिखा , आराम से सोचो" मैने उसी के सामने स्टूल खींच कर उस पर बैठते कहा "क्यो कर रहे हो मेरे साथ ऐसा , क्या बिगाड़ा है मैने तुम्हारा?" वह रोते बोली "तुमने मेरा सुख चैन छीन लिया है शिखा , और मैं तुम्हे रोते हुए नही देख सकता" मैने कहा "जाने दो मुझे फिर" उसने कहा "इसके अलावा भी कुछ बोलो शिखा , मेरे पास वक़्त नही है , बोलो हाँ या ना" मैने कड़क होते कहा "ठीक है" उसने इधर उधर देखते कहा "मेरे पास चारा भी तो क्या है इधर कुँआ उधर खाई" "रिलॅक्स शिखा" मैने कहा "यह सब मैं सिर्फ़ माँ बनने के लिए कर रही हूँ अमन.. ना मुझे राजन की परवाह है और ना तुम्हारी" उसने अपनी भडास निकालते कहा और रोने लगी "शिखा धीरे धीरे तुम मेरी परवाह करना भी सीख जाओगी" मैने कहा और बत्ती बुझा दी "हॉर्न" "हॉर्न" की आवाज़ से मैं वर्तमान में आया देखा गाड़ी एक ट्रक के पीछे खड़ी है और ड्राइवर हॉर्न बजाए जा रहा है मैने टाइम देखा 08:15 बाज रहे थे "क्या हुआ" मैने ड्राइवर से पूछा , "आयेज जाम लगा है साहब जी" ड्राइवर ने कहा , तभी मेरा फोन बजा , मैने फोन रिसीव किया मीठी सी आवाज़ में लेडी बोली "नमस्कार अमन जी हमे बताते हुए खेद हो रहा की आपकी बंगलोरे जाने वाली फ्लाइट 1 घंटे देरी से आ रही है , आपको हुई असुविधा के लिए खेद है" "थॅंक यू" कहते हुए मैने फोन कटा , इधर गाड़ी चल पड़ी और मेरा मन वापस अतीत में हिलोरे लेने लगा
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