RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
होली पर बीबी चुदी दीदी चुदी--1
दोस्तों मेरा नाम रोहित हे और मेरी बीबी का नाम पद्मा हे...मेरी शादी को ३ साल हो गए हे...में १ कंपनी में अच्छी पोस्ट पर हु और मेरा वेतन काफी अच्छा हे..\मेरी एक बड़ी दीदी हे जिनकी शादी ५ साल पहले हुई थी ,हम दोनों भाई बहन के बीच आपस में बहुत प्यार था,मेरे जीजाजी एक बिसनेस मैन हे ,और वो भी दीदी कि तरह मेरा बहुत ख्याल रखते हे \
इस बार होली पर पद्मा ने मुझसे कहा कि हम दीदी और जीजाजी को होली खेलने हमारे यहाँ बुला लेते हे ,हम होली भी खेल लेंगे और मिल भी लेंगे। मुझे पद्मा का यह आईडिया पसंद आया और मेने दीदी और जीजाजी से आग्रह किया कि इस बार वो होली हमारे साथ ही मनाये ,मेरे कई बार कहने के बाद वो मान गए और होली के एक दिन पहले वो हमारे पास आ गए।
मेरी बीबी पद्मा एक आकर्षक वयक्तित्व कि धनि हे,उसका फिगर उसके वयक्तित्व में चार चाँद लगाता हे,खूबसूरत चेहरा ,लम्बे बाल ,भरी हुई छातिया ,पतली कमर,उभरे हुए कूल्हे उसको और भी सुन्दर बनाते हे,सबसे बड़ी बात हे कि वो एक अच्छी मेजबान भी हे और मेहमानो का पूरा ख्याल रखती हे।
होली के दिन सुबह से ही वो होली कि तैयारिओं में जुट गयी, उसने दीदी और जीजाजी के लिए शानदार नाश्ता बनाया,मेने जीजाजी को कहा कि नाश्ते से पहले वो कुछ ड्रिंक वगेरा लेने चाहेंगे तो उन्होंने कहा क्यू नही। हम दोनों ने रम के ३-३ पेग लिए ,इतने में पद्मा आ गयी और उसने हमारे लिए नाश्ता लगाने लगी पद्मा ने साड़ी पहनी हुई थी जिस पर बिना बाँहों का ब्लाउस था वो भी लो नेक का जिसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी.आदमी चाहे जितना भी अच्छा हो दुसरे की बीवी को देखकर उसके मुह में लार टपकने लगती है ! मैंने ध्यान दिया की जीजाजी बार बार पद्मा के उरोजो की तरफ ही देख रहे थे !जब पद्मा उसे पकोड़े देने झुकी तो वो उसके ब्लाउस में दिखती उरोजो की लकीर को देख रहे थे ! और जब पद्मा किचन की तरफ जाने लगी तब वो पद्मा के हिलते हुए कुलहो को घूरे जा रहे थे ! उसने जीजाजी को छेड़ते हुए कहा कि वो ड्रिंक ही करते रहेंगे या उसके साथ होली भी खेलेंगे,जीजाजी ने कहा सलहज साहिबा आपके साथ होली खेलने का ही तो मूड बनाया हे,और ये कहते ही वो उठ खड़े हुए।पद्मा ने कहा आपने गुलाल लगाना है तो कोई बात नहीं पर अगर आपने कोई पक्का रंग लगाया तो अच्छा नहीं होगा !
उन्होंने कहा नहीं भाभी हम कोई पक्का रंग नहीं लगाएँगे !जीजाजी उठे और पद्मा के गालो पर रंग लगाने लगे उन्होंने पद्मा का पूरा चेहरा गुलाल से रंग दिया। में जिस मकान में रहता था उसके पीछे एक खुला गार्डन था जिसके
चारो और चारदीवारी थी ,हमने होली खेलने का वंहा ही प्रोग्राम रखा था,मेने दीदी और जीजाजी के गुलाल लगाया ,उन्होंने भी मेरे गुलाल लगाया,पद्मा ने भी दीदी के गुलाल लगाया और जीजाजी के भी गुलाल लगाया,मेने दीदी से कहा कि हम तो अंदर बैठते हे और इन दोनों को होली खेलने देते हे,दीदी मेरी बात मान गयी और वो मेरे साथ अंदर आ गयी,पद्मा और जीजाजी गार्डन में चले गए।
हम जिस कमरे में बेठे थे उस से गार्डन का पूरा हिस्सा दीखता था,न जाने मुझे ऐसा क्यू लग रहा था कि ये होली कुछ खास होने वाली हे।
जीजाजी ने गार्डन में जाते ही एक पैकेटअपनी जेब से निकला उनके हाथ में एक पैकट पद्मा ने देखा तो वो चिल्ला पड़ी नहीं ये नहीं !!!! वो पक्का रंग था ! जीजाजी बोले भाभी कोई बात नहीं एक बार नहाते ही ये सब उतर जाएगा ! वो पद्मा की तरफ बढ़ने लगे।
जीजाजी ने पद्मा को आखिर दबोच ही लिया और उसके चहरे पर रंग लगाने लगे ! पद्मा ने बहुत कोशिश की अपने आप को बचाने की पर जीजाजी के आगे उसकी एक न चली ! उन्होंने बुरी तरह उसका चेहरा रंग दिया ! पद्मा को रंग लगाने के लिए उसको घेरने लगे ! अब तो पद्मा ने वहा से भागने में ही भलाई समझी ! वो किचन की तरफ भागने लगी ! पर जीजाजी ने उसका रास्ता रोक लिया और उसके हाथों पर रंग लगाने लगा इस धक्का मुक्की में कई बार उन का हाथ पद्मा के स्तनों को छू जाता !
पद्मा ने उन से निकलने की कोशिश की तो जीजाजी ने उसको पकड़ने की कोशिश की तो जल्दबाजी में उन्होंने पद्मा की कमर में हाथ डाल दिया और दोनों हाथों से घेरा बना कर उसे पीछे से कस कर पकड़ लिया !
ओह ये क्या !!!! पद्मा के पीछे जीजाजी बिलकुल उससे चिपक कर खड़ा हो गए और उसको अच्छी तरह से जकड लिया उसका फुला हुआ लंड पद्मा की गांड की दरारों के बिलकुल बीच में था !! पद्मा जितना अपने आप को जीजाजी से छुड़ाने की कोशिश करती उतना ही वो जीजाजी से रगड़ खाती और उतना ही जीजाजी को मज़ा आता ! वो भी जान बुझ कर पद्मा को दबाये जा रहा थे ! और अपने नीचे के हिस्से को पद्मा की गांड से रगड़े जा रहे थे ! इधर जीजाजी ने अब पद्मा के बदन का ऊपर का जो भी हिस्सा साफ़ देखा वहां वो कस कस के रंग लगाये जा रहे थे ! उसकी गरदन उसकी पीठ हाथों जहाँ भी नंगा हिस्सा था वहां उनका हाथ चलता जा रहा था ! पद्मा के साथ इस धक्कामुक्की में पद्मा की साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया !
पद्मा के ब्लाउस में झांकती उसकी दोनों स्तनों की लकीर उन के सामने थी ! ! मैंने सोचा अब ये क्या करेंगे ! कही कुछ ज्यादा ही न हो जाये ! पद्मा भी अब थोडा तेज़ चिल्लाने लगी थी !! पर उन पर तो अब वासना का भुत चढ़ चूका था ! जीजाजी ने एक रंग का पाकेट खोला और पद्मा के ब्लाउस की दरार को एक उंगली से हल्का सा उठाया और पूरा पाकेट अन्दर उड़ेल दिया ! पूरा रंग पद्मा के ब्लाउस में चला गया पर वो रंग सुखा हुआ था ! जीजाजी भाग कर बाथरूम से एक जग में पानी ले आये और उसने भी ब्लाउस को थोडा सा उठा कर पूरा पानी अन्दर डाल दिया ! अब पद्मा का पूरा ब्लाउस गिला और रंग से सरोबार हो गया था ! ब्लाउस गीला होने से अब उसके अन्दर की ब्रा भी अब साफ़ चमकने लगी थी जीजाजी का हाथ अब पद्मा की कमर से ऊपर आ कर उसके चूचो तक आ चूका था ! ! पद्मा बाथरूम की तरफ भागने लगी ! तभी जीजाजी ने पद्मा का जो पल्लू जमीन की तरफ था उस पर पाँव रख दिया ! पद्मा जब भागी तो पल्लू बड़ा होने के कारण उसकी साड़ी खुल गयी पद्मा ने अपनी साड़ी उठाना जरुरी नहीं समझा होगा उसे लगा होगा अब तो ये मुझे रंग लगा ही चुके है अब सीधा बाथरूम जाकर नहा लेती हूँ तो वो अपनी खुलती हुई साड़ी को और उतर कर बाथरूम की तरफ भागी ! अब ये सीन देख कर तो जीजाजी मचल उठे भागते हुए पद्मा के बदन से चिपका हुआ उसका पेटीकोट उसकी गांड की शेप बता रहा था ! ३६ की गांड को देखते ही जीजाजी पद्मा के पीछे भागे और पद्मा के बाथरूम का दरवाज़ा बंद करने से पहले ही दरवाज़ा पकड़ कर खड़े हो गए ! उसके पीछे जीजाजी भी पद्मा को धकेलते हुए अन्दर की तरफ आ गए ! अब पद्मा फिर से बाथरूम में उनसे घिर गयी ! अब पद्मा ने उनको कहना शुरू किया तो जीजाजी ने कहा देखो भाभी आज होली है ! और आज तो हम आप को तस्सली से रंग लगा कर ही रहेंगे अब चाहे अपनी मर्ज़ी से लगाने दो या फिर ज़बरदस्ती !!! बोलो क्या करना है ! पद्मा ने भी अब सोचा के अब ये मानने वाले नहीं है ! और वैसे भी इस रगडा रगड़ी में उसे भी जरुर मज़ा आया होगा ! उसने भी कहा ! देखो रंग लगा लो पर में चुपचाप नहीं लगवाने दूंगी ! आप अपनी कोशिश करों रंग डालने की में अपनी कोशिश करुँगी अपने को बचाने की !! ठीक है !!!
अब होली थोड़ी और गरम होने वाली थी क्योंकि पद्मा को भी अब मज़ा आने लगा था ! उसे तो लगा था के जीजाजी सच में वो सिर्फ होली खेलने आये है पर में जानता था क्या चल रहा है ! अब मेरी बीवी उन के सामने सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउस में होली खेलने को बिलकुल तैयार हो चुकी थी ! जीजाजी ने तुरंत एक जग पानी उठाया और पद्मा के वक्षस्थल की तरफ फ़ेंक दिया एक बार फिर पद्मा का उपरी हिस्सा गीला हो गया और उसकी ब्रा, ब्लाउस से झाकने लगी !फिर तो जीजाजी ने लगातार ३ ४ बार पद्मा के ऊपर जग से पानी डाल दिया जिससे पद्मा बिलकुल तरबतर हो गयी !! उसका पेटीकोट भी उसकी बदन से बुरी तरह चिपक गया और उसके पुरे बदन की शेप साफ़ साफ़ दिखने लगी ! अब तो जीजाजी ने जानबूझ कर पद्मा के कमर में हाथ डाल कर उसे उठा लिया और कहने लगा की अब तो आप को शावर के नीचे ही गीला करेंगे ! जीजाजी ने पद्मा को आगे की तरफ से उठा लिया जिससे पद्मा के चुचे जीजाजी के चहरे के सामने आ गए और उनके दोनों हाथ पद्मा के पीछे उसकी गांड के नीचे पहुच गए जीजाजी ने पद्मा को कस कर पकड़ा और उसे उठा कर शोवर के नीचे ले आये ये देख कर जीजाजी ने अब शोवर चालू कर दिया ! अब पद्मा और जीजाजी दोनों भीगने लगे !जीजाजी ने जिस तरह से पद्मा को उठाया था उससे पद्मा का पेटीकोट थोडा सा ऊपर को हो गया था ! जिस से उसकी टांगों का पिछला हिस्सा नंगा हो गया था ! मतलब उसके टांगों का पिछला हिस्सा घुटनों तक दिख रहा था !!! जीजाजी से रहा नहीं गया और उसने थोडा सा रंग लेकर उसकी टांगों में मसलना शुरू कर दिया !!
जबजीजाजी भी अच्छी तरह गीला हो गए तब उसने मेरी बीवी को नीचे उतारा पद्मा का एक एक अंग साफ़ दिख रहा था ! ! जीजाजी अब कुछ ज्यादा ही वहशी हो चूका थे क्योकि उसने अपने हाथ में रंग लेकर पद्मा के ब्लाउस के ऊपर लगा दिया ! पद्मा ने उन्हें मन किया पर अब वो कहा मानने वाला थे उन्होंने फिर से उसके एक साइड के चुचे पर रंग लगा दिया ! अब पद्मा कहा वो अब होली नहीं खेलेगी पर जीजाजी नही माने वो फिर भी उसके चुचों में रंग लगाता रहा रहे !!! पद्मा बाहर जाने को हुई तो जीजाजी ने उसको पीछे से दोनों हाथों से पकड़ लिया पद्मा के दोनों हाथ अब पीछे की तरफ थे और उसके चुचे सामने की तरफ को तने हुए जीजाजी ने पद्मा के ब्लाउस में हाथ डाल दिया और उसके चूचो में रंग लगाने लगे पद्मा चिल्लाई !!!! पर उन्हें कोई फरक नहीं पड़ा ! जीजाजी उसके दोनों चूचो को भिचने लगा और वो पद्मा के पीछे उसकी गांड से सट कर खड़ा हो गए और उसकी गांड पे अपने लंड से घिस्से लगाने लगे ! जीजाजी ने मौके का फायदा उठाया औरउन्होंने पद्मा का पेटीकोट उसकी जांघों तक उठा दिया !! जीजाजी उसकी जांघों पर रंग रगड़ने लगे ! पद्मा तड़पने लगी और बुरी तरह अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी ! पर जितना वो हिलती उतना ही जीजाजी को मज़ा आता ! जीजाजी अब पद्मा की टांगों को रंग लगा कर उठ चूका थे और अब वो पद्मा के चुचिओं पर पिल पड़े ! जीजाजी ने पद्मा के ब्लाउस के हुक खोलने शुरू किये ! पद्मा अब जोर जोर से चिल्लाने लगी ये देख जीजाजी ने उसका मुह बंद कर दिया !जीजाजी ने कुछ देर में उसके हुक पुरे खोल दिए पर ब्लाउस को उतारा नहीं !! पर उसके मुम्मो को दबाता जरुर रहे , पीछेअपना लंड लगातार उसकी गांड से रगड़े जा रहाथे ! जीजाजी ने अब पद्मा के हाथ छोड़े और उसके दोनों चुचे पीछे से पकड़ लिए और जोर जोर से उन्हें मसलने लगे जीजाजी ने तभी पद्मा के पेटीकोट के नाड़े को खोलने की कोशिश की पर वो शायद अटक गया था इसलिए उस से वो खुला नहीं ! जीजाजी घुटनों के बल नीचे बैठ गया और वही से नाड़े को खोलने लगा पर नाड़ा फंस चूका था ! झल्ला कर जीजाजी ने पद्मा का पेटीकोट ऊपर उठा दिया और पद्मा की चूत पर अपना हाथ रख दिया और उसे भी रगड़ने लगे !!! अब तो ये तय था की अब वो मेरी बीवी का कांड करने ही वाले है ! जीजाजी ने पीछे अपना लंड निकल लिया था और पद्मा की गांड की दरार पर धक्के पर धक्का लगाये जा रहा थे ! !! मैंने पद्मा को देखा तो चूत में उंगली डालने पर उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो भी जीजाजी के बाल पकड़ कर उसे अपनी चूत की तरफ खिंच रही थी ! थोड़ी देर में जीजाजी ने अपना मुह पद्मा की चूत की तरफ किया और उसकी दोनों टांगों को चौड़ा किया और अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी !!! एकदम से पद्मा के मुह से आह निकली ! और उसने कस कर जीजाजी के बाल भीच लिए !!१ इस से पद्मा का पेटीकोट नीचे जीजाजी के सर के ऊपर आ गया अब पद्मा की चूत चाटते हुए वो दिख नहीं रहा था पर पद्मा का चेहरा देख कर साफ़ था की नीचे जीजाजी की जीभ पद्मा की चूत चोद रही है !!! बहुत गरम द्रश्य था ! जीजाजी ने अब पद्मा की ब्रा को ऊपर किया और उसके निप्पलों को चूसने लगा एक दम कड़क निप्पल हो चुके थे ! जीजाजी पीछे अपना लंड निकाल कर पद्मा की गांड पर रगड़ रहा थे ! काफी देर से रगड़ने की वज़ह से शायद वो झडने वाला था ! हा सच में उन्होंने पीछे पद्मा की गांड के ऊपर अपना सारा माल निकाल दिया था और अपने लंड को ख़ाली करने के लिए वो उसे आगे पीछे किये जा रहा था ! जीजाजी ने अपना लंड अपनी पेंट से नक़ल कर पद्मा के हाथ में दे दिए पद्मा उसके तने हुए लंड की मुठ मरने लगी ! और जीजाजी उसके चूचो को चूसते रहे !!
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