RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
कहकर मां वहां से हट गई . दादाजी भी कमरे के अन्दर गये और फिर दोनो अपने अपने हाथों में रंग लेकर वापस वही पर आ गये . दादाजी ने पहले दोनो हाथों से मां की दोनो गालों पर खुब मसल मसल कर रंग लगाया और उसी समय मां भी उनके गालो और छती पर रंग रगडने लगी. दादाजी ने दुबारा हाथ मे रंग लिया और इस बार मां की गोल गोल बडी बडी चुचीओ पर रंग लगाते हुये चुचीओ को दबाने लगे. मां भी सिसकारती मांरती हूई दादा के शरीर पर रंग लगा रही थी. कुछ देर तक चुचीओ को मसलने के बाद दादाजी ने मां को अपनी बाहों मे कस लीया और चुमने लगे. मुझे लगा मां गुस्सा करेगी और दादा को डांटेगी लेकिन मैंने देखा क़ि मां भी दादा के पाव पर पाव चढा कर चुमने मे मदद कर रही है. चुम्मा लेते लेते दादा का हाथ मां की पीठ को सहला रहा था और हाथ धीरे धीरे मां कि सुडौल नितम्बो की ओर बढ रहा था . वे दोनो एक दुसरे को जम कर चुम रहे थे जैसे पति , पत्नि हो. अब दादा मां कि चुत्तरो को दोनो हाथो से खुब कस कस कर मसल रहे थे और यह देख कर मेर लौडा पैंट से बाहर आने को तडप रहा था. क़हां तो मै यह सोच कर नीचे आ रहा था कि मै मां की मस्त गुदाज बौडी का मजा लुंगा और कहां मुझसे पहले इस हरामी दादा ने रंडी का मजा लेना शुरु कर दिया. मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था. मन तो कर रहा था कि मै दोनो के सामने जाकर् खडा हो जाऊँ. लेकीन तभी मुझे दादा कि आवाज सुनाई पडी.
“ रानी, पिचकारी से रंग डालुं ?”
दादा ने मां को अपने से चिपका लिया था. मां का पिछबारा दादा से सटा था और मुझे मां का सामने का मांल दीख रहा था. दादा का एक हाथ चुची को मसल रहा था और दुसरा हाथ मां के पेरु को सहला रहा था.
“अब भी कुछ पुछने की जरुरत है क्या..”
मां का इतना कहना था कि दादा ने एक झट्के मे साया के नाडे को खोल डाला और हाथ से धकेल कर साया को नीचे जांघो से नीचे गिरा दिया. मै अवाक था मां के बूर को देखकर . मां ने पैरो से ठेल कर साया को अलग कर दिया और दादा का हाथ लेकर अपनी बूर पर सहलाने लगी. बूर पर बाल थे जो बूर को ढक रखा था. दादाजी की अंगुली बूर को कुरेद रही थी और मां अपनी हाथो से ब्लाउज का बटन खोल रही थी. दादा ने मां के हाथ को अलग हट्या और फटा फट सारे बटन को खोल दिया और ब्लाउज को बाहर नीकाल दिया. अब मां पूरी तरह से नंगी थी. मैने जैसा सोचा था चूची उससे भी बडी बडी और सुडौल थी. दादा आराम से नंगी जबानी का मजा ले रहे थे. मां ने 2-3 मिनट दादा को चुची और चूत मसलने दिया फिर वो अलग हुई और वही फ्ल्लोर पर मेरी तरफ पाव रखकर लेट् गई. मेरा मन कर रहा था और जाकर चूत मे लौडा पेल दू. तभी दादा ने अपना धोती और कुर्ता उतारा और मां के चेहरे के पास बैठ गये. मां ने लन्ड को हाथ मे लेकर मसला और कहा,
“पिचकारी तो दिखता अछ्छा है लेकिन देखे इसमे रंग कितना है...” लन्ड को दबाते हुये कहा,
“देर मत करो, वे आ जायेंगे तो फिर रंग नही डाल पाओगे.”
और फिर, दादा पाव के बीच बैठ कर लन्ड को चूत पर दबाया और तीसरे धक्के मे पुरा लौडा बूर के अन्दर चला गया. क़रीब 10 मिनट् तक मां को खुब जोर जोर से धक्का लगा कद चोदा. उस रन्डी को भी चुदाई का खुब मजा आ रहा था तभी तो साली जोर जोर से सिसकारी मांर मांर कर और चुत्तर उछाल उछाल कर दादा के लंड के धक्के का बराबर जबाब दे रही थी. उन दोनो की चुदाई देखकर मुझे विशवास हो गया था कि मां और दादाजी पहले भी कई बार चुदाई कर चुके है...
”क्या राजा, इस बहु का बूर कैसा है, मजा आया कि नही ?” मां ने कमर उछालते हुये पूछा.
“मेरी प्यारी बहू , बहुत प्यारी चूत है और चूची तो बस, इतनी मस्त चुची पहले कभी नही दबाई.”
दादाजी ने चुची को मसलते हुये पेलना जारी रख्हा और कहा,
“रानी, तुम नही जानती, तुम जबसे घर मे दुल्हन बन कर आई, मै हजारो बार तुम्हारे चूत और चुची का सोच सोच कर लंड को हिला हिला कर तुम्हारा नाम ले ले कर पानी गिराता हूं. “
दादा ने चोदना रोक कर मां कि चुची को मसला और रस से भरे ओंठों को कुछ देर तक चूसा. फिर चुदाई सुरू की और कहा,
“ मुझे नही मांलुम था कि एक बार बोलने पर ही तुम अपना चूत दे दोगी.., नही तो मै तुम्हे पहले ही सैकडो बार चोद चुका होता.”
मुझे बिस्वास नही हुआ कि मां दादा से पहली बार चूद रही है. दादा ने एक बार कहा और हरामजादी बिना कोई नखरा किये चुदाने के लिये नंगी हो गयी और दादा कह रहे है कि आज पहली बार ही मां को चोद रहे हैं. लेकिन तब मां ने जो कहा वो सुनकर मुझे बिसवास हो गया कि मां पहली बार ही दादा से मरवा रही है.
मां ने कहा, “ राजा, मै कोई रंडी नहीं हूं. आज होली है, तुमने मुझे रंग लगाना चाहा, मैने लगाने दिया, तुमने चुची और चूत मसला, मैने मना नहीं किया, तुम्ने मुझे चूमां और मैने भी तुमको चुमां और तुम चोदना चाह्ते थे, पिचकारी दालना चाहते थे तो मेरी चूत ने पिचकारी अन्दर ले लीया. तुम्हारी जगह कोइ और भी ये चाहता तो मै उस से भी चूदवाती. चाहे वो राजा हो या नौकर . होली के दिन मेरा मांल , मेरी चूत, मेरी जवानी सब के लिये खुली है........”
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