RE: Behen Chudai Kahani जुड़वाँ बहनों की चुदाई
वो कुछ नहीं बोली। हम सब नंगे ही रहे। मैंने बस ऊँची हील के सैंडल पहन लिये क्योंकि धरम का और मेरा भी मानना था कि हाई हील के सैंडल पहनने से मेरा फिगर खासतौर से गाँड और भी ज्यादा सैक्सी लगती है और चाल में भी एक नज़ाकत आ जाती है । मैं खुद भी हाई हील के सैंडल पहन कर काफी सैक्सी महसूस करती हूँ। मैंने सीमा को भी ऊँची हील वाले सैंडल पहना दिये और उसका हाथ पकड़ा और किचन में नाश्ता बनाने चली गयी। हम दोनों ने नाश्ता बनाया और फिर नाश्ता ले कर बेडरूम में आ गये। बेड पर बैठ कर हम सब नाश्ता करने लगे।
धरम ने सीमा को छेड़ा, “सीमा, हेमा तो अपने बाल साफ़ करके रखती है लेकिन तुम अपने बाल साफ़ नहीं करती क्या?”
वो थोड़ा शरमाते हुए बोली, “मौका नहीं मिला। नहीं तो मैं भी अपने बाल साफ़ करके ही रखती हूँ।”
धरम बोले, “अगर तुमको ऐतराज़ ना हो तो लाओ मैं तुम्हारे बाल साफ़ कर दूँ। मैं तो हेमा के बाल साफ़ कर देता हूँ।”
वो बोली, “जीजू, रहने दो, मैं खुद ही साफ़ कर लुँगी।”
मैंने कहा, “अगर धरम कह रहे हैं तो आज उनसे ही अपने बाल साफ़ करा लो।”
वो कुछ नहीं बोली। नाश्ता करने के बाद मैं ड्रेसिंग टेबल से शेविंग किट निकाल कर ले आयी। धरम ने सीमा से कहा, “सीमा, अब तुम लेट जाओ।”
सीमा चुपचाप लेट गयी। धरम ने सीमा की टाँगें फैला दी और उसके बाल साफ़ करने शुरु कर दिये। सीमा को गुदगुदी होने लगी तो उसने सिसकरियाँ भरना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में धरम ने सीमा की चूत के बाल साफ़ कर दिये। उसके बाद धरम ने उसकी चूत पर हाथ फिराना शुरु कर दिया और बोले, “अब तुम्हारी चूत अच्छी लग रही है।”
सीमा पहले ही बहुत ज्यादा जोश में आ गयी थी। धरम के हाथ फिराने से थोड़ी ही देर में वो झड़ गयी। उसकी चूत से पानी निकलता देख धरम ने कहा, “साली जी, तुम्हारी चूत से तो पानी निकाल रहा है।”
वो बोली, “जीजू, आज तक मेरी चूत को राज के अलावा किसी दूसरे ने नहीं साफ़ किया था इसलिये मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी। मैं अपने आपको रोक नहीं पायी और पानी निकल गया। मैं इसी लिये आप को मना कर रही थी।”
धरम ने कहा, “कोई बात नहीं है। मैं तो हेमा की चूत का पानी रोज ही चाट लेता हूँ। आज मैं तुम्हारी चूत का पानी भी चाट कर देखुँगा कि उसका टेस्ट कैसा है।”
इतना कह कर धरम ने सीमा के चूत पर अपनी जीभ लगा दी और उसकी चूत को चाटने लगे। सीमा पागल सी होने लगी। थोड़ी देर बाद जब उसकी चूत साफ़ हो गयी तो धरम हट गये। सीमा बेड पर पड़ी हुई अभी भी सिसकरियाँ भर रही थी। मैं चाहती थी कि सीमा खुद ही धरम से चुदवाने के लिये तैयार हो जाये। तब ही उसकी आग भड़केगी और मैं उसकी सैक्स की आग को भड़काना चाहती थी। थोड़ी देर बाद वो शाँत हो गयी।
दोपहर के बारह बजे धरम ने कहा, “रानी, चुदवाने के लिये तैयार हो जाओ।”
मैंने कहा, “मैं तैयार हूँ।”
धरम ने कहा, “अगर सीमा मेरे लंड को चूस कर खड़ा कर दे तो तुम्हें चोदने में और मज़ा आयेगा।”
मैंने कहा, “सीमा से पूछ लो।”
धरम ने अपना लंड सीमा के मुँह के पास कर दिया। सीमा थोड़ी देर तक देखती रही। फिर उसने शरमाते हुए धरम का लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। पहले वो थोड़ा शरमाते हुए चूस रही थी लेकिन जब वो जोश में आ गयी तो उसने तेजी के साथ धरम का लंड चूसना शुरु कर दिया।
जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उसने अपना लंड सीमा के मुँह से बाहर निकाला और मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उसके बाद धरम ने मुझे चोदना शुरु कर दिया। सीमा भी जोश में आ गयी थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी। वो केवल धरम को मुझे चोदता हुआ ध्यान से देखती रही। धरम ने सीमा के बूब्स को पकड़ लिया और उसके बूब्स को मसलते हुए मुझे चोदने लगे। धरम ने सीमा से पूछा, “सीमा, कैसा चोद रहा हूँ हेमा को?”
सीमा बोली, “बहुत ही अच्छी तरह।”
बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद धरम की स्पीड एक दम बढ़ गयी। सीमा भी जोश के मारे अपनी चूत को सहला रही थी। थोड़ी देर बाद जब धरम झड़ गये तो उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर सीमा के मुँह के पास कर दिया और पूछा, “चाटोगी इसे?”
सीमा तो जोश में थी। उसने धरम का लंड अपने हाथ में ले लिया और चाटने लगी। मैं मन ही मन खुश हो रही थी। मैंने सीमा से पूछा, “कैसा लग रहा है?”
वो बोली, “ठीक ही है।”
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