RE: Bhabhi Sex Stories कुछ नहीं होगा भाभी !
मैं- भैया, मुझे पता नहीं तुम्हारे साथ सेक्स करने के बाद से वीर्य अच्छा
लगने लगा है, वैसे मैं विनोद का भी लेती थी मुँह में, पर इतने शौक से
नहीं ! वैसे सबसे खुशबूदार और अच्छा माल सुशील का लगा, उसके बाद
तुम्हारा, उसका लण्ड कितना बड़ा है ना?
सुनील- हाँ भाभी, मुझे देख कर बहुत अच्छा लगा, मन हुआ कि मैं हाथ लगा कर देख लूँ।
मैंने शाम की योजना बताई- तुम चले जाना सुनीता के आने से पहले ! मैं
अकेले में उससे सेक्सी बात करते हुए उसको सारी बात बताऊँगी, फिर मैं
तुमको फोन करुँगी।
चार बजे सुनीता आ गई, मैंने उसका स्वागत किया, चाय पी और बैठ कर बात करने लगे।
मैंने उससे पूछा- राकेश तेरे साथ अब सेक्स करता है या नहीं?
उसने मना कर दिया- नहीं, वो बहुत बुरा है, महीने में एक दो बार करता है।
मैंने कहा- तो तुम किसी किसी और का सहारा क्यों नहीं लेती हो? मैं तो
करती हूँ इनके एक दोस्त के साथ !
सुनीता- मेरी ऐसी किस्मत कहाँ? मुझे तो कोई नहीं मिलता।
मैंने कहा- मैं तुम्हारी मदद करूँ अगर तुम चाहो तो?
सुनीता- सच? किससे, कैसे?
मैंने कहा- सुनील जिसके साथ मैं करती हूँ।
सुनीता- पर क्या वो मानेगा?
मैंने कहा- क्यों नहीं ! मेरी बात नहीं टाल सकता है वो !
और मैंने सुनील को फोन लगाया, बोला- सुनील, मेरे घर आ जाओ !
सुनील आ गया। मैंने उन दोनों का परिचय करवाया। खाना बना हुआ था, हमने साथ
बैठ कर खाना खाया।
बात करते हुए मैंने सुनील से कहा- सुनीता मेरी अच्छी दोस्त है, इसके पति
सेक्स नहीं करते हैं ठीक से इसके साथ !
सुनील- अरे इतनी खूबबसूरत बीवी के साथ सेक्स नहीं करता है? आप बहुत
खूबसूरत हैं सुनीता जी ! आप जैसी बीवी मेरी होती तो मैं कम से कम 4-5 बार
रोज सेक्स करता। यह कहानी आप हिंदी सेक्सी कहानियाँ पर पढ़ रहे हैं।
मैं- तो अब क्या इरादा है?
सुनीता- हे सुरभि, क्या बात करती है, मुझे शर्म आती है।
सुनील सुनीता के हाथ पर हाथ हुए बोला- सच सुनीता जी, मैंने आपसे ज्यादा
खूबसूरत औरत नहीं देखी।
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