RE: Bhabhi Sex Stories कुछ नहीं होगा भाभी !
मैंने कहा- कोई बात नहीं, सुनील भाई, अभी मेरा सुशील है, आ जाओ तुम मेरे
मुँह में झाड़ना ! और सुशील तुम मेरी चूत की प्यास बुझा दो ! बहुत आग लगी
है और जब से मैंने तुम दोनों के लिंग एक साथ देख लिए है मैं परेशान हो
रही हूँ !
सुनील मेरे मुँह में धक्के मारने लगा और सुशील मेरी चूत में। मुझे मजा
आने लगा, मैं आह उह्ह करने लगी और झड़ गई !
वैसे सुनील मेरी चूत में था, तब तो झड़ने का बोल रहा था पर मुँह में वो
धक्के लगा रहा था और अभी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था और सुशील तो किसी
अंग्रेजी फिल्म के हीरो की तरह था, काफी मजबूत ! अभी उसका आधा काम भी
नहीं हुआ था, मुझे चरम आनन्द आ रहा था, मैं अपने मुँह से नहीं कह सकती कि
मैं किस सुख को भोग रही थी। मैं दो-दो लिंग को देख कर यों ही काफी मजे
में थी और फिर ऐसे लिंग जो झड़ने का नाम नहीं ले रहे हो तो क्या हाल हो,
कोई भी सोच सकता है।
थोड़ी देर में सुनील मेरे मुँह में झड़ गया, मैं उसके साथ एक बार और झड़ गई
और सारा वीर्य पी गई।
मुझे अब और मजा आने लगा था, सुशील जोर जोर से कर रहा था, मैंने कहा-
सुशील, और जोर से ! और जोर से ! मजा आ रहा है। सुनील अब सारा का सारा माल
मेरे मुँह में निकाल कर हमारा खेल के मजे लेने लगा। मैं ये सब देख कर
बहुत खुश थी कि एक कर
रहा है, एक देख रहा है।
और अब सुशील बोला- अब मैं भी झड़ने वाला हूँ भाभी !
मैंने कहा- सुशील, मुँह में ही झड़ना ! मुझे तुम्हारे वीर्य का स्वाद
बहुत अच्छा लगता है।
और वो मुँह में आ गया और थोड़े धक्के लगाने के साथ झड़ गया, उसके वीर्य से
मेरा मुँह पूरा भर गया, मैं स्वाद ले लेकर अंदर उतारने लगी।
अब हम थक चुके थे और ऐसे ही सो गए। सुबह करीब सात बजे नींद खुली, मैंने
दोनों को उठाया, हम सब बिना कपड़ों के थे और सुशील का लिंग सुस्त भी काफी
बड़ा नजर आ रहा था।
मैं उसका लिंग हाथ में लेकर खेलने लगी, थोड़ी देर में उसका कड़क होने लगा
पर हम सब उठ कर फ्रेश होने के लिए चले गए, साथ
ही हम लोगों ने नहाने का सोचा और एक दूसरे को साबुन से नहलाया, दोनों ने
मिल कर मेरे बूब्स को खूब साबुन लगाया और दबाते रहे और चूत को साबुन से
रगड़ कर अच्छे से साफ कर दिया और मैंने दोनों के लिंग को खूब साबुन से
रगड़ कर साफ कर दिया। इस तरह करते रहने से दोनों के लिंग फिर से खड़े हो
गए और हमने बाथरूम में ही चुदाई चालू कर दी !
इस बार सुशील ने अपना लिंग मेरी चूत में डाल कर कहा- भाभी, चलो तुमको आज
अलग मजा देते हैं।
मैंने कहा- क्या?
तो वो बोला- दोनों लिंग एक साथ तुम्हारी चूत में डालते हैं।
मैंने कहा- नहीं सुशील ! ऐसा मत करना, मैं मर जाऊँगी।
सुशील ने कहा- सुनील भाई, आओ, अब तुम भी डालो !
सुशील ने पीछे से अपना लिंग मेरी चूत में डाल दिया और सुनील आगे से डालने
लगा पर सुशील के बड़े और मोटे लिंग के कारण नहीं जा सकता था। सुशील ने
अपना काम चालू कर दिया, सुनील चुपचाप उठा और मुँह में लग गया।
मुझे फिर से जोश चढ़ने लगा और सोचने लगी- काश विनोद इन दोनों को मुझे
चोदने की इजाजत दे दे तो क्या मजा आये ! विनोद के सामने इनसे चुदती रहूँ
रोज ! क्यूंकि अगर विनोद के सामने नहीं चुदूँ तो कभी-कभी ही मौका मिल
सकता था और मेरा हाल तो यह था कि मुझे जितना ज्यादा सेक्स मिल रहा था
उतनी ही प्यास बढ़ रही थी।
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