RE: Bhabhi Sex Stories कुछ नहीं होगा भाभी !
मैंने एक बार और कहा- सुशील बहुत सुंदर लिंग है तुम्हारा ! आई लव यू
सुशील ! यार तुमने जन्नत दिखा दी !
और जोर जोर से उसका लिंग मुँह में लेने लगी, वो मेरे कबूतर दबाने लगा था !
मुझे आज बहुत अलग अहसास हो रहा था, मैं आपको अपने मुँह से बयान नहीं कर
सकती हूँ, मुझे एक नशा सा हो रहा था, मैंने उसके लिंग को इतना चूसा कि वो
किनारे आ गया।
"अरे भाभी ! मैं तो गया, बस रुको रुको !"
मैं कहाँ मानने वाली थी, और वो मेरे मुँह में ही झड़ गया। मैं उसका बहुत
स्वाद वीर्य पी गई।
"क्या बात है सुशील ! तुम बहुत नशीला लिंग लिए हुए घूम रहे थे इतने दिनों
से ! क्यों मुझे इसके दर्शन नहीं करवाए? मैं कभी भी सुनील के साथ नहीं
करती ! अब मैं शायद तुम्हारे भैया के साथ भी नहीं कर पाऊँगी ऐसा, जैसा
सुख तुम्हारे लिंग ने मुझे दिया है, मैं विनोद का भी मुँह में लेती हूँ
पर उसकी इच्छा के कारण, पर तुम्हारा मैंने अपनी प्यास शांत करने के लिए
लिया है।" और फिर से उसका लिंग चूम लिया।
थोड़ी देर तक ऐसे ही उसको मुँह में लेकर रखा, उसका लिंग फिर से तन गया,
मैंने कहा- सुशील, अब बस देर न करो, मुझे अपने लिंग की सैर करा दो ! मेरी
चूत बहुत प्यासी है, इसको भी थोड़ा अपने रस से सराबोर कर दो !
थोड़ी देर तक वो मेरी चूत चाटता रहा, मुझे असीम आनंद आ रहा था, मैं
आह..आह.. कर रही थी, मेरे मुँह से सीत्कारें निकल रही थी, और वो भी मस्त
था ! उसको भी जन्नत का सुख मिल रहा था !
वो बोला- भाभी, आज मुझे बहुत मजा आ रहा है, मैंने कभी इसके पहले चूत नहीं
देखी और आपकी जैसी खूबसूरत भाभी के साथ सेक्स करने के बाद मैं कभी भी
किसी के साथ सेक्स नहीं कर सकूँगा, आपका बहुत बहुत शुक्रिया कि आपने मुझे
ये सब करने दिया।
मैंने कहा- अब मत तड़पाओ ! अपना लिंग मेरी चूत में डालो ! ..आह नहीं...
रहा जाता है अब !
मैं उसकी जीभ की हरकत से बहुत उत्तेजित हो गई थी और मैं झड़ने वाली थी और
वो कर रहा था !
"आह ...आह ...आह मैं झड़ रही हूँ.....सुशील आह ..आह और मैं झड़ गई।" उसने
मेरा सारा रस पी लिया, अब उसको जोश चढ़ गया, वो बोला- क्या मजा है भाभी
आपकी चूत के रस का ! मैं अब पहली बार आपकी चूत में अपना डाल रहा हूँ !
वो मेरे दोनों जांघों के बीच आ गया और अपना लिंग डालने लगा। पर यह क्या !
वो निशाना चूक रहा था।
मैंने अपने हाथ से उसका लिंग पकड़ कर लिंग अंदर डलवा लिया, मुझे हल्का
दर्द का अहसास हुआ, मैं सिसक कर रह गई, मैं बोली- आह ! कितना सुंदर और
बड़ा है तुम्हारा सुशील ! मजा आ गया !
और उसने थोड़ी देर अंदर डाले रखा।
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