RE: Bhabhi Sex Stories कुछ नहीं होगा भाभी !
विनोद ने कहा- मेरा फोन ख़राब हो गया है, टूट गया है, मैं दूसरे मोबाइल
में सिम डाल कर तुमको फोन कर रहा हूँ ! और फिर से जयपुर जा रहा हूँ दूसरी
गाड़ी में ! वैसे बहुत से यात्रियों को चोट आई है और तीन तो मर भी गए हैं,
पर मुझे कुछ नहीं हुआ है।
मैंने कहा- चलो ठीक है कि तुमको कुछ नहीं हुआ यार ! सुनील ने खबर दी, मैं
मर जाती तुम्हारे बिना !
और फिर से रोने लगी। इतने में फोन कट गया लाइन की खराबी के कारण !
मुझे रोता देख सुनील फिर से मेरे पीठ पर हाथ फेरने लगा और मैं उससे लिपट
गई। अब तक मैं नंगी थी और मुझे यह अहसास भी नहीं था।
क्या आप मानेंगे मेरी बात को? पर यही सच है !
सुनील अब तक सब सुन भी चुका था, मेरे नंगे बदन को देख भी चुका था और मुझे
अपनी बाहों में लेकर मुझे अपने मर्द होने का अहसास करवा रहा था। उसके
लिंग का अहसास मुझे नीचे होने लगा था और मेरे उरोज उसके जिस्म से बहुत
जोर से जकड़े हुए थे। मैंने उससे छुटने का प्रयास किया पर छुट नहीं पाई।
वो बोला- काफी खुबसूरत हो भाभी आप तो ! आपके क्या बूब्स हैं ! जैसे विनोद
ने कभी छुआ नहीं हो ! बहुत सख्त हैं आपके बूब्स !
मैं शरमा गई, मुझे तब अहसास हुआ कि मैं नंगी हूँ।
मैंने कहा- छोड़ो सुनील भैया, मुझे शर्म आती है !
वैसे मैं तब तक मस्त हो गई थी ! मैं नहीं चाहती थी कि सुनील मुझे छोड़े
!उसके लिंग का अहसास मेरे पूरे शरीर में हो रहा था, मुझे पता नहीं क्या
हो रहा था ! मैं पहली बार किसी अन्य मर्द की बाहों में थी, उसने मुझे कस
कर पकड़ रखा था।
"भाभी, मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ ! कई बार आपको पाना चाहा, कहना
चाहा, पर हिम्मत नहीं हुई ! आज ऐसा मौका मिला कि आप खुद मेरे बाहों में
हैं और कह रही हैं छोड़ दो ! मैं कैसे छोड़ूँ आपको !"
मैंने छुटने का प्रयास कम कर दिया, मैं उसकी बाहों में मजा करने लगी, वो
मेरे स्तनों को दबा रहा था।
मैंने कहा- सुनील, दर्द होता है, धीरे करो ना !
यह सुन कर सुनील की हिम्मत बढ़ गई और उसने अपनी पैंट उतार दी, मेरा हाथ
उसके लिंग पर जा रहा था, मैं उसका लिंग हाथ में लेकर सहलाने लगी। अब बस
यह चाह रही थी कि वो अपनी चड्डी हटा दे और मेरी चूत में अपना लिंग डाले !
वैसे सुनील का लिंग विनोद के लिंग से कुछ छोटा ही लग रहा था।
मैंने बिस्तर पर लेटते हुए कहा- सुनील, अब देर न करो ! मैं बहुत प्यासी
हूँ, जल्दी से डालो न !
सुनील भी पूरा सेक्स में मस्त हो चुका था, उसको भी कुछ नहीं सूझा उसने
अपनी चड्डी खिसकाई, लिंग मेरी चूत के ऊपर रखा और जोर का धक्का दिया, एक
ही बार में पूरा लिंग डाल दिया मेरे अन्दर !
मैं दर्द से रो पड़ी- क्या करते हो सुनील? थोड़ा धीरे !
सुनील ने कहा- नहीं रहा जाता भाभी ! मैंने कई बार आपके नाम से हाथ से
सेक्स किया है अपने हाथ से !
और फिर वो मुझे जोर जोर से चोदने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था, ऐसे कभी
भी विनोद ने नहीं चोदा था मुझे ! वो बड़ी बेरहमी से चोद रहा था।
मैं झड़ गई, मैंने कहा- सुनील, मैं झड़ रही हूँ !
पर वो अभी नहीं झड़ा था, वो करता रहा, मुझे मजा आ रहा था, चुदाई का सच्चा
सुख आज सुनील ने दिया था, मैं बस आह आह कर रही थी।
सुनील ने कहा- भाभी, मैंने आज पहली बार चूत मारी है ! अब तक तो हाथ से ही
काम चल रहा था !
सुनील अभी कुंवारा था ! यह कहानी आप हिंदी सेक्सी कहानियाँ पर पढ़ रहे हैं।
मैं फिर से झड़ गई। तीन बार मुझे झाड़ने के बाद सुनील ने कहा- भाभी, मैं
अब झड़ने वाला हूँ ! वीर्य कहाँ निकालूँ?
मैंने कहा- मेरे जानू, तुमने मुझे निहाल कर दिया है, अब मेरी चूत को भी
निहाल कर दे !
इतना कहते ही सुनील आह आह भाभी करते हुए मेरी चूत में ही झड़ गया और उसके
गर्म वीर्य की धार से मैं एक बार और झड़ गई। मेरे शरीर में अकड़न हो रही
थी, अलग सा मजा आ रहा था, वो मेरी चूत में लिंग डाल कर ऐसे ही पड़ा रहा
और हमारी कब आँख लग गई, पता ही नहीं लगा !
जब आँख खुली तो फिर से ऐसे ही सेक्स किया, अब मैंने उसका सारा लिंग अपनी
जुबान से चाट कर साफ किया और कहा- सुनील, फिर से चोद दो ! मजा आ गया !
वो फिर से तैयार था, फिर उसने जोर जोर से मुझे पेला, मैं दो बार झड़ गई।
अब उसका निकलने वाला था, वो बोला- भाभी अब क्या करूँ?
मैंने कहा- आओ, मेरे मुँह में आ जाओ !
और उसने सारा वीर्य मेरे मुँह में छोड़ दिया, मैं सारा वीर्य गटक गई, क्या
अच्छा स्वाद था !
मैंने उसको बाहों में लिया और कहा- विनोद तो बस मुखचोदन करता है, मुझे तो
प्यासी रख देता है।
सुनील ने कहा- भाभी, अब तुम कभी प्यासी नहीं रहोगी, अब तुम जब भी
बुलाओगी, आपका यह सेवक हाजिर रहेगा !
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