RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
अम्मी और अब्बू के जाते ही वसीम साहिब ने खुशी का नारा मारा और मुझे लिपटा लिया और बोले, मेरी जान अब तो किस्मत भी मेरा साथ दे रही है के मैं तुम्हे खूब दिल भर कर चोद साकू. मैं भी मुस्कराई और बोली, हा वसीम साहिब आप ठीक कह रहे हैं के किस्मत बार बार आप को मोका दे रही है मेरी चुदाई करने का. वसीम साहिब खुशी से बोले, मेरी जान अब तो जशन मनाने को दिल चाह रहा है के इन 3, 4 दिनो तक खूब मोज मस्ती होनी चाहिए. इतनी देर मे शार्फ़ो बाबा भी आगाये और वो भी बोहत खुश थे. वसीम साहिब ने कहा, सोनिया मे चाहता हूँ जब तक तुम्हारे मा बाप नही आजाते मैं अस्घर और तनवीर को यही बोला लूँ अगर तुम्हे अतराज़ ना होतो? मैं मुस्कराई और बोली, वसीम साहिब मैं ने पहले भी कहा था के मुझे कोई अतराज़ नही है जेसे आप को ठीक लगता है आप वेसा ही करो. वसीम साहिब ने फॉरन ही अस्घर साहिब को फोन किया और सारी बात बता दी और यहा आने को कहा. फोन पर कुछ दायर अस्घर साहिब की बात सुनकर उन्हो ने मुझ से कहा, सोनिया अस्घर कह रहा है के जशन शानदार तरीके से मनाना चाहिए और इसी लिए वो अपने कुछ दोस्तो को भी लाना चाह रहा है. मैं मुस्कराई और बोली, मुझे कोई अतराज़ नही है अस्घर साहिब जिस को भी लाना चाहे ला सकते हैं. ये बात वसीम साहिब ने अस्घर साहिब को बोल दी फिर उन्हो ने फोन बंद कर दिया. मैं शार्फ़ो बाबा से बोली, शार्फ़ो बाबा अगर आप भी किसी को बुलाना चाहे तो बिना झीजक बुला सकते हैं. शार्फ़ो बाबा ने कहा, मगर मेरे दोस्त तो मेरी ही तरहा मुलाज़िम टाइप ही होंगे. वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, शार्फ़ो बाबा वो किसी भी टाइप के हो पर उन्हे मर्द होना चाहिए जो खूब जम कर छुदाई कर सकैं. शार्फ़ो बाबा ने कहा, अछा तो ठीक है मैं भी अपने यार दोस्तो को दावत दे देता हूँ. आधे घंटे बाद ही अस्घर साहिब तनवीर साहिब और उनके अलावा 6 और आदमियों के साथ घर पहुँच गये. इतनी देर मे मैं ने अपने कपड़े उतार कर बगैर ब्राज़ेर और अंडरवेर के अपनी नाइटी पहन ली थी जो इतनी छोटी थी के उस से सिर्फ़ मेरे कूल्हे ही छुप रहे थे. अस्घर साहिब ने मेरा सब से इंट्रोडक्षन करवाया तो उन सब लोगो ने मुझ से हाथ मिलाते वक़्त मेरे बूब्स को भी ज़रूर दबाया. फिर थोड़ी देर बाद शार्फ़ो बाबा भी अपने 5 दोस्तो को लेकर आगाए. शार्फ़ो बाबा के सब दोस्त शार्फ़ो बाबा से उमर मे छोटे थे.
अब घर मैं मेरे अलावा 14 आदमी थे. वसीम साहिब ने मुझ से कहा, सोनिया डार्लिंग आजाओ मेदान मे. मैं ने उठ कर अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी. मेरे नाइटी उतारने से सब बोहत जोश मे आगे और सब ने अपने अपने कपड़े उतार कर फेंक दिए. इतने सारे लंड देख कर पहले तो मैं घबराई फिर सोचा जो भी है माज़ा आए गा. फिर सब ही ऐक साथ मुझे पर टूट पड़े और कमरे मे ऐक धमा चौकड़ी शुरू होगाई. मेरे जिस्म का ऐक भी हिस्सा ऐसा नही था जहा किसी की ज़बान का होन्ट ना लगे हो हो. आधे घंटे तक तो वो सब कुत्तों की तरहा मेरे जिस्म को चाटते रहे. फिर वसीम साहिब ने कहा के पहले सब सोनिया को अकेले अकेले चोदे गे और फिर 2, 2 के ग्रूप मे चुदाई का दोसरा दोर शुरू होगा और फिर तीसरा दोर 3, 3 के ग्रूप मे चुदाई का होगा.
|