RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
मेरी बात सुनकर वसीम साहिब मुस्कराने लगे. फिर मैं ने वसीम साहिब के कहने पर कार ऐक प्लाज़ा मे रोक दी. वसीम साहिब के दोस्त का फ्लॅट 6थ फ्लोर पर था. हम लिफ्ट के ज़रये 6थ फ्लोर पर पहुँचे. फिर ऐक फ्लॅट के सामने रुक कर वसीम साहिब ने बेल बजाई. थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खोला और ऐक 60 साला शाकस की शकल नज़र आई. मुझे वो शख़्श जाना पहचाना महसूस हुआ. उस शख़्स ने मुझे गोर से देखा और और वो आगे बढ़ कर वसीम साहिब से गले मिला. गले मिलने के बाद वसीम साहिब ने हम दोनो का इंट्रोडक्षन करवाया, सोनिया ये मेरे बोहत अच्छे दोस्त हैं अस्घर साहिब और फिर वो अस्घर से बोले, और अस्घर ये हैं मेरी हयदेराबाद मे मेरी मेज़बान सोनिया. मैं ने हेलो कह कर अस्घर साहिब से हाथ मिलाया तो उसने मुस्करा कर मेरा हाथ ज़ोर से दबाया और वसीम साहिब से बोला, यार तेरी मेज़बान तो बोहत खूबसूरत है आज तो माज़ा आजाए गा. ये कह कर उसने मुझे लिपटने की कोशिश करी तो वसीम साहिब हंस कर बोले, अबे अंदर तो चल अंदर आराम से माज़े करना पूरा दिन है हमारे पास. वसीम साहिब की बात सुनकर अस्घर साहिब ने हंसते हो मुझे छोड़ दिया. फिर हम तीनो अंदर आगाय और अस्घर साहिब ने दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर अस्घर साहिब हमे लेकर ड्रॉयिंग रूम आगाये. ड्रॉयिंग रूम मे ऐक आदमी पहले से मोजूद था और वो हमे देख कर खड़ा होगया. उस आदमी की उमर भी 55 या 60 साल होगी. अस्घर साहिब ने उस आदमी का इंट्रोडक्षन करवाते हो वसीम साहिब से कहा, ये मेरे दोस्त तनवीर हैं और मैं ने आप की इजाज़त के बगैर ही इनको बुला लिया है अगर आप की मेज़बान को कोई अतराज़ है तो ये अभी चले जाएँगे. अस्घर साहिब की बात सुनकर वसीम साहिब मुझ से बोले, सोनिया तुम क्या कहती हो. मैं मुस्कराई और बोली, अब तनवीर साहिब वापिस जाएँगे गे तो मुझे अछा नही लगे गा वैसे भी ऐक से भले 2 और 2 से भले 3. ये तो और अछा है के मेरे माज़े मे और इज़ाफ़ा होजाए गा. मेरी बात पर तीनो मुस्करा दिए. फिर अस्घर साहिब बोले, हा वसीम केसे शुरू करना है. वसीम साहिब के कहने से पहले मैं बोली, अस्घर साहिब केसे शुरू करने से क्या मतलब मैं आप लोगो के सामने हूँ मुझे पकड़ कर नंगा करे और टूट पड़े मुझ पर. मेरी बात पर तीनो हंस दिए और फिर वो असल मे मुझ पर टूट पड़े. थोड़ी देर मे ही मैं उन तीनो के सामने नंगी पड़ी थी और वो तीनो भूके कुत्तों की तरहा मेरे जिस्म को चूमने और काटने लगे. काफ़ी देर तक वो तीनो मेरे जिस्म को चूमते और चाटते रहे. मेरे जिस्म का ऐक भी हिस्सा ऐसा नही था जहा उन तीनो के होन्ट ना लगे हो. फिर मैं ने बारी बारी तीनो के लंड चूसे. मुझे बोहत खुशी होरही थी क्यूँ के उन तीनो मे से किसी का लंड भी 8 इंच से कम नही था. वसीम साहिब का लंड 9 इंच लंबा था अस्घर साहिब का लंड 8 इंच लंबा था जब के तनवीर साहिब का लंड सब से बड़ा और क्यूँ उनका लंड 9.5 इंच लंबा था. सब से पहले उन तीनो ने मुझे अकेले अकेले चोदने का फ़ैसला किया और फिर सब से पहले वसीम साहिब मुझे चोदने के लिए मेरे पास आगाये. वसीम साहिब ने मुझे डोगी स्टाइल मे खड़ा किया और पीछे से अपना लंड ऐक झटके से मेरी चूत मे घुस्सा दिया. वसीम साहिब का झटका बोहत ज़ोरदार था और मेरी तेज़ सिसकारी निकल गई. मैं खुशी से बोली, बोहत खूब वसीम साहिब बोहत तेज़ झटका मारा है आप ने. वसीम साहिब ने अपना लंड वापिस टोपी तक बाहर निकाला और तेज़ी के साथ वापिस मेरी चूत मे घुस्सा दिया और फिर वो तेज़ी के साथ झटके मारने लगे और मैं लज़्ज़त भरी सिसकारियाँ लेने लगी. वसीम साहिब ने बोहत तेज़ी के साथ 20 मिनट मेरी चूत मारी और 15 मिनिट मेरी गंद और फिर वो मेरी फरमाइश पर अपने लंड की मनी मेरे मुँह मे निकाल कर फारिग होगये. फिर वसीम साहिब हटे तो अस्घर साहिब ने मुझे लिटाया और मेरी टाँगों को अपने कंधों पर रख कर अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया और मेरी चुदाइ शुरू करदी. अस्घर साहिब का लंड वसीम साहिब से ऐक इंच छोटा था मगर उनका लंड वसीम साहिब से मोटा था और इसी लिए मुझे बोहत माज़ा आरहा था. अस्घर साहिब ने 10 मिनिट तक मेरी चूत को चोदा फिर वो डोगी स्टाइल मे मेरी गंद मारने लगे. अस्घर साहिब के मोटे लंड से अपनी गंद मरवा कर मुझे बोहत माज़ा आरहा था इस लिए मैं ने फरमाइश करी के वो मेरी गंद ही मारते रहे. मेरी फरमाइश पर अषगर साहिब ने पूरे 30 मिनिट तक मेरी गंद मार मार कर मेरी गंद को सुजा दिया. अब तनवीर साहिब की बारी थी. तनवीर साहिब का लंड दोनो से लंबा और मोटा था और मैं दिल ही दिल मे डर रही थी और खुश भी होरही थी के मुझे दर्द के साथ बोहत माज़ा भी मिलने वाला है. और फिर तनवीर साहिब ने मुझे माज़े के सातवां आसमान पर पहुचा दिया. तनवीर साहिब ने मुझे पूरे ऐक घंटे तक कुत्तों की तरहा चोदा. तनवीर साहिब से चुदवा कर मैं पसीने पसीने होगई थी. चुदाई का ऐक दौर ख़तम होजाने के बाद हम चारों ने नंगे ही खाना खाया फिर खाना खाने के बाद उन तीनो ने ऐक साथ मुझे चोदने का फ़ैसला किया. पहले तनवीर साहिब नीचे लेट गये और मैं उनके उपर कमर के बल लेट गई. तनवीर साहिब ने अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा दिया. फिर वसीम साहिब अपना लंड मेरी मेरी चूत मे डाल कर मेरे उपर लेट गये. अब मैं तनवीर साहिब और वसीम साहिब के दरमियाँ सॅंडविच बन गई थी. अस्घर साहिब मेरे मुँह की तरफ आए और उन्हो ने अपना लंड मेरे मुँह मे डाल दिया. फिर तीनो ने ऐक साथ झटके मारने शुरू कर दिए. ऐक साथ 3 मर्दों से चुदवाने का ये मेरा पहला तजुर्बा था और मुझे इस मे बोहत माज़ा आरहा था. आज पहली बार मुझे अंदाज़ा होरहा था के चुदाई मे कितना माज़ा है. मैं इन तीनो के लिए मुफ़्त का माल थी इस लिए वो तीनो मुझे बेदर्दी के साथ चोद रहे थे. फिर शाम 7 बजे तक उन तीनो ने चोद चोद कर मेरे जिस्म का जोड़ जोड़ दुखा दिया. फिर हम चारों ऐक साथ नहाए और नहाने के दोरान भी उन तीनो ने मुझे ऐक ऐक बार चोदा.
क्रमशः........................
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