RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
मैं फ़ैसला कर चुक्की थी के अब मैं वसीम की सारी शिकायते ख़तम कर दूँगी. दरवाज़े के पास आकर मैं ने ऐक नज़र अपने नंगे जिस्म पर डाली और बीच का दरवाज़ा खोल कर वसीम के कमरे मे आगई. वसीम साहिब बेड पर लेटे हुए टीवी देख रहे थे. दरवाज़े की आवाज़ पर उन्हो ने दरवाज़े की तरफ देखा फिर मुझे नंगा खड़ा देख कर वो हेरान होगये और फिर मुस्कराने लगे. वो मुस्करा कर बोले, मुझे पता था सोनिया के तुम ज़रूर आओ गी. मैं चलती हुई उनके करीब आगई और बोली, हा वसीम साहिब मैं आगई हूँ अभी थोड़ी देर पहले तक मैं आप से नफ़रत करती थी मगर अब मैं आप से नफ़रत नही कर पा रही हूँ. ट्रेन मे आप ने जो कुछ भी मेरे साथ किया था मैं उसमे आप को कसूर वार नही मानती क्यूँ के मेरा जिस्म ही ऐसा है अगर आप की जगह वाहा और कोई होता तो वो भी मेरे साथ वो ही कुछ करता जो आप ने किया. वसीम साहिब मुस्करा कर बोले, ये अछी बात है सोनिया के तुम ने सच को समझा और मुझे माफ़ कर दिया. मैं बोली, मगर वसीम साहिब मैं आप से ऐक बात के लिए नाराज़ हूँ. मेरी बात सुनकर उन्हो ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने उपर लिटा लिया और मुस्करा कर बोले, अब क्या नाराज़गी ही मेरी जान को मुझ से. मैं लगावट से बोली, देखिए वसीम साहिब आप ने मेरी कुँवारी चूत का क्या हाल किया है देखिए ये कितनी सूज गई है और जगह जगह से कट भी गई है. वसीम साहिब ने मेरी बात सुनकर मेरी दोनो टाँगों को पहला दिया और मेरी चूत पर हाथ फेरते हो बोले, अरे हा सोनिया वाकई तुम्हारी चूत की तो काफ़ी बुरी हालत होगई है मुझे अपनी हरकत पर बोहत अफ़सोस है सोनिया मैं ने तुम्हारे साथ बोहत ग़लत किया है. मैं सिसकारी ले कर बोली, आआहह वसीम साहिब अगर आप ने ग़लत किया है तो सही भी आप ही कीजिए आप डॉक्टर हैं मेरी चूत का एलाज़ करे. मेरी बात सुनकर वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, अगर ऐसी बात है तो मैं अभी इस पर दवा लगाता हूँ. वसीम साहिब ने उठ कर अपना बेग खोला और उसमे से ऐक स्प्रे और ऐक दवा की शीशी निकाल ली. फिर मेरे पास आकर उन्हो ने स्प्रे बॉटल से मेरी चूत पर स्प्रे किया. स्प्रे काफ़ी ठंडा था और उसकी ठंडक मेरी चूत के अंदर तक उतर गई. फिर उन्हो ने कॉटन पर दवाई निकाली और मेरी चूत की मालिश करने लगे. थोड़ी देर की मालिश से ही मेरी चूत का दर्द ख़तम होगया और उसकी सूजन भी काफ़ी हद तक कम होगई. वसीम साहिब मुस्करा कर बोले, लो मेरी जान अब तुम्हारी चूत ऐक दम फर्स्ट क्लास है और इस की सूजन भी सुबह तक बिल्कुल ठीक होजाय गी. उन्हो ने दवाई वापिस अपने बेग मे रख दी और बोले, अब तुम आराम करो सुबह तक तुम ऐक दम फ्रेश हो जाओ गी. मैं अभी तक लेटी हुई थी मैं ने लेटे लेटे ही उनका हाथ पकड़ लिया और बोली, वसीम साहिब क्या आप प्यासे ही रहे गे मुझे चोदे गे नही? वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, नही मेरी जान अभी तुम्हारी चूत पूरी तरहा सही नही हुई है मैं ने अभी चोदा तो इसकी हालत और खराब होज़ायगी.
क्रमशः........................
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