RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
मैं बुरी तरहा से तदपि मगर उसने कस कर मेरा सर पकड़ लिया. फिर वसीम ने अपने लंड की सारी मानी मेरे हलक़ मे निकाल दी. मुझे उबकाई तो बोहत आई मगर जब तक उसके लंड की सारी मनी मेरे पेट मे ना उतर गई उसने मुझे छोड़ा नही. जब वसीम मुझे छोड़ कर हटा तो मैं अपनी किस्मत पर रोने लगी. मुझे रोता देख कर वसीम हँसने लगा. 2 घंटे की चुदाई के बाद वो दोनो थक गये थे इसलिए वो दोनो बैठ गये. टिकेट चेकरर वसीम से कहने लगा, साहिब किसी को चोदने मे आज तक इतना माज़ा नही आया जितना आज आया है और ये सब आप की वजा से हुआ है. वसीम हंसा और बोला, ऊय यारा मैं ने किया किया है जितनी मेहनत तुम ने करी है उतनी मेहनत मैं ने भी करी है. टिकेट चेकरर बोला, साहिब ये सब आप की ही बदोलत हुआ है अगर आप मुझे समझते नही तो मैं इतना मज़ा केसे ले पाता. वसीम मुस्काराया और बोला, अरे इस मे मेरा कोई एहसान नही है मेरा काम था सही और ग़लत बताना अगर तुम ने मेरी बात को समझ लिया तो इस मैं मेरा क्या एहसान हुआ. टिकेट चेकरर बोला, जो कुछ भी है मगर मैं आप का बोहत शूकर गुज़ार हूँ के आप की वजा से मैं ने अपनी ज़िंदगी का सब से बड़ा माज़ा हासिल किया है. ये कह कर वो उठ कर खड़ा होगया और बोला, साहिब मुझे बोहत देर हो गई है मैं अब चलता हूँ. ये कह कर वो अपनी पॅंट पहनने लगा. वसीम बोला, यार तुम अभी से जा रहे हो अभी तो काफ़ी सफ़र बाकी है दोनो मिल कर रास्ते भर इसे मिल कर चोदेन्गे.
टिकेट चेकरर मुस्काराया और बोला, नही साहिब मुझे अभी सब के टिकेट भी चेक करने हैं मैं 2 घंटो से गायब हूँ ऐसा ना हो मेरी ढूँढ पड़े इस लिए मैं चलता हूँ अब मैं इस कॉमपार्टमेंट मे किसी को नही आने दूँगा अब आप बेफिकर होकर माज़े करे. इतना कह कर टिकेट चेकरर चला गया . टिकेट चेकरर के चले जाने के बाद वसीम मुझे देख कर मुस्कराने लगा. मैं ने नफ़रत से अपना मुँह मोड़ लिया कुछ कहना उस से बेकार था इस लिए मैं चुप ही रही. मेरी चूत और गंद मे अभी तक दर्द होरहा था इस लिए मैं ने अपनी आँखे बंद करली. अभी मुझे सकून से लेते हो 20 मिनिट ही हो होंगे के ऐक दम से मेरे जिस्म पर बोझ आ गिरा. मैं ने घबरा कर आँखे खोल दी. मैं ने देखा के वसीम मेरे उपर लेटा हुआ है और वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मैं रोते हो बोली, प्लीज़ अब तो मुझे माफ़ कर दो रहम करो मेरे उपर मैं ने तुम्हारा किया बिगाड़ा है तुम क्यूँ मुझ पर ये ज़ुलाम कर रहे हो. तुम ने 2 घंटे तक टिकेट चेकरर के साथ मिल कर मुझे कुत्तों की तरहा चोदा है किया अब भी तुम्हारा दिल नही भरा. मेरी बात सुनकर वसीम ने हस्ते हुए अपने होन्ट मेरे होंटो से मिला दिए. फिर वो मेरा ऐक तवील बोसा लेकर बोला, अभी कहा मेरी जान अभी मेरा दिल कहा भरा है तुमने तो पूरे रास्ते मुझ से चुदवाना है अभी से तुम क्यूँ रो रही हो अपनी किस्मत पर मातम इस सफ़र के बाद करना क्यूँ के जब तक मैं इस कॉमपार्टमेंट मे हूँ तुम्हे चोद्ता ही रहू गा. ये हसीन मोका मैं ज़ाया करना नही चाहता फिर ये मोका मुझे मिले ना मिले इस लिए मेरी जान-ए-मन पूरे रास्ते तुमने अपनी चूत और गंद मर्वानी है. मैं फिर उस से माफी तलफी करने लगी मगर उसने मेरी ऐक ना सुनी. उसका लंड अब तक अकड़ चुक्का था इस लिए उसने लेटे लेटे ही अपना लंड मेरी चूत मे घुस्सा दिया और खूब ज़ोर-ओ-शोर से झटके मारने लगा. मेरी सूजी हुई चूत फिर दर्द करने लगी और बुरी तरहा से चीखने लगी. वसीम ने मेरे चीखने की बिल्कुल भी परवाह नही करी. ऐक तो ये VईP कॉमपार्टमेंट था और बंद था मेरी चीखे बाहर जा भी रही होंगी तो ट्रेन के शोर मे दब रही होंगी. फिर वसीम पूरे रास्ते ज़ालिम बना हुआ कुत्तों की तरहा मुझे चोद्ता रहा. ये 12 घंटो का सफ़र मेरी ज़िंदगी का सब से भयानक सफ़र था.
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