RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
ट्रेन के पूरे कॉमपार्टमेट मे मेरे मुँह से निकलने वाली ग्ग्गूऊऊओ गगगगगगगघूऊऊऊऊऊऊ की आवाज़े गूँज रही थी. टिकेट चेकरर का लंड 4 इंच तक मेरी गंद फाड़ चुक्का था. फिर टिकेट चेकरर ने अपने पूरे जिस्म की ताक़त लगा कर ऐक बोहत ही ज़ोरदार झटका मारा. अब उसका लंड मेरी गंद को बोहत बुरी तरहा से फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस्स गया . मुझे उसके टटटे अपने चूतरो पर टकराते हुए महसूस हुए. टिकेट चेकरर का ये झटका इतना ज़ोरदार था के मैं ये झटका बर्दाश्त नही कर पाई और दर्द के मारे बेहोश हो गई. मगर मेरी ये बेहोशी कुछ देर की थी क्यूँ के अगले ही लम्हे दर्द की ऐक और तेज़ लहर ने मुझे बोहोशि के दलदल से वापिस खींच लिया. ये टिकेट चेकरर का ऐक और शानदार झटका था जिस की वजा से मेरा जिस्म दर्द से बहाल होगया था. अब टिकेट चेकरर ने अपना पूरा वज़न मेरे उपर डाल दिया था और वो मेरी टाँगों को कस कर पकड़ा हुआ खूब ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था. टिकेट चेकरर का लंड बुरी तरहा से मेरी गंद को छील रहा था. मैं ने अपनी ज़िंदगी मे कभी भी नही सोचा था के मुझे इतने बुरे दौर से गुज़रना पड़े गा. मैं दुवा माँग रही थी के काश मुझे मोत आ जाए और मुझे ये दर्द सहना ना पड़े मगर मुझे मोत नही आराही थी और मेरा दर्द बढ़ बढ़ कर मेरे पूरे जिस्म को तडपाए जा रहा था. टिकेट चेकरर ने पूरे 20 मिनिट तक मेरी बुरी तरहा से गंद मारी फिर वो मेरे उपर से उतर गया . मैं ने शूकर अदा किया के शायद उसे मुझ पर रहम आगेया है. वसीम कहने लगा, किया हुआ मेरे दोस्त तुम रुक क्यूँ गये क्या थक गये हो. टिकेट चेकरर मुस्कराता हुआ बोला, नही साहिब थका नही हूँ मुझे आप का ख़याल बार बार आरहा था के मैं आप का हक़ मार रहा हूँ और खुद माज़े कर रहा हूँ. टिकेट चेकरर की बात सुनकर मैं ने दिल ही दिल मे उसे गाली दी और बोली, भद्वे को वसीम के हक़ का ख़याल होरहा है पर मेरे दर्द का एहसास नही है. टिकेट चेकरर की बात सुनकर वसीम हंसा और बोला, अरे यार कोई बात नही मुझे तो देख कर भी बोहत माज़ा आरहा था. टिकेट चेकरर बोला, हा साहिब साली की गंद बड़ी टाइट है मा कसम इतनी टाइट गंद मुझे आज तक नही मिली. वसीम ज़ोर से हंसा और बोला, यार ये कुँवारी गंद है तुम ने अभी तक खोली होई गंद मारी होगी. वसीम की बात सुनकर टिकेट चेकरर भी हंसा और बोला, साहिब आप की बात सच है चले अब दोनो मिल कर इसे चोदते हैं. फिर वो दोनो मेरे पास आगाये. मैं दिल मे डरने लगी के अब मेरा पता नही किया हाल होने वाला है. वसीम ने मुझे उठा कर खड़ा कर दिया. मेरे पैरों मे बिल्कुल भी जान नही बची थी. मैं गिरने लगी तो टिकेट चेकरर ने मुझे थाम लिया. फिर वसीम ने मुझे घूमा कर उसने मुझे थोड़ा झुकाया और फिर उसने पीछे से अपना लंड मेरी गंद मे झटके से घुस्सा दिया. मैं झटके के ज़ोर से आगे गिरने लगी तो टिकेट चेकरर ने फिर मुझे थामा. फिर वसीम ने अपना लंड मेरी गंद मे डाले हो ही मुझे सीधा कर दिया. अब टिकेट चेकरर ने आगे से मेरी दोनो टाँगे उठाई तो वसीम ने कस कर मुझे कमर से पकड़ लिया. टिकेट चेकरर ने मेरी दोनो टाँगों को उठा कर अपना कंधो पर रख लिया. अब मैं वसीम और टिकेट चेकरर के सहारे हवा मे झूल रही थी. अब टिकेट चेकरर ने आगे से अपना लंड मेरी चूत मे ऐक झटके से डाल दिया. फिर दोनो ने मुझे कस कर पकड़ लिया और दोनो झटको पर झटके मार कर मुझे चोदने लगे. दोनो के ज़ोरदार झटको से मैं उन दोनो के बीच मे पीसी जा रही थी और मेरे दोनो सुराखों मे दर्द इतना था के जो मुझे से बर्दाश्त नही होरहा था. वो दोनो कुत्तों की तरहा बड़ी बेदर्दी से मुझे चोद रहे थे. चुदवा चुदवा कर मेरी चूत और गंद सूज गई थी और फोडे की तरहा दुख रही थी. 2 घंटे पूरे 2 घंटे तक वो दोनो ज़ालिम बने हुए मुझे कुत्तों की तरहा चोदते रहे. फिर जब वो दोनो फारिग हो तो टिकेट चेकरर ने तो अपने लंड की मॅनी मेरे बूब्स पर निकाल दी जब के वसीम ने मुझे लिटा कर मेरे मुँह मे फँसा हुआ मेरा ब्रेज़ियर मेरे मुँह से निकाला और अपना लंड जड़ तक मेरे मुँह मे घुस्सा दिया.
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