RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
गतान्क से आगे..................
पोलीस को बुला कर तुम्हे क्या मिल जाय गा? अब ये तुम्हारे उपर है के तुम पोलीस को बुलाओ या यहा माज़े कर लो फ़ैसला तुम्हारे हाथ मे है. टिकेट चेकरर वसीम की बात सुनकर उसको देखने लगा फिर उसने मेरे जिस्म को देखा और मूड गया . दरवाज़े के पास पोहन्च कर उसने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और लॉक कर दिया. फिर जब वो मुड़ा तो उसके चेहरे पर मुस्कराहट थी. टिकेट चेकरर को मुस्करता हुआ देख कर वसीम भी मुस्करा दिया. फिर वो बोला, मेरे दोस्त तुम ने बिल्कुल सही फ़ैसला किया है आओ अब दोनो मिल कर माज़े करते हैं. टिकेट चेकरर अपनी पॅंट उतारता होवा बोला, आप सही कह रहे हैं पोलीस को बुला कर मुझे किया मिल जाय गा क्यूँ ना मैं भी कुछ माज़ा ले लूँ काफ़ी दिनो से किसी लड़की को चोदा नही है अब ऐक कुँवारी लड़की मिल रही है तो मैं खुद को केसे रोक लूँ. टिकेट चेकरर की बात सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन निकल गई. कहा मैं उसे अपना मसीहा समझी थी कहा वो ऐक लूटेरे के साथ लूटेरा बन कर मेरी बची कूची इज़्ज़त लूटना चाहता था. फिर जब मैं ने टिकेट चेकरर का लंड देखा तो मेरा साँस मेरे हलक़ मे अटक गया क्यूँ उसका लंड भी वसीम के लंड से कम नही था. थोड़ी देर मे ही टिकेट चेकरर का लंड फुल अकड़ गया था. वसीम कहने लगा, दोस्त पहले तुम इसकी गंद फाडो फिर हम दोनो मिल कर इसे चोदे गे. वसीम की बात सुनकर टिकेट चेकरर मेरे पास आगेया. वसीम ने मुझे बुरी तरहा से बाँधा था और मैं ज़रा सी भी हिल नही सकती थी. टिकेट चेकरर ने मेरी दोनो टांगे उठा कर उसने मेरे कंधो से लगा दी. फिर वो मेरे पैरों को पकड़ कर मेरे उपर झुक गया . इस पोज़िशन मे मेरी गंद घूम कर उपर उठ गई थी और अब वो टिकेट चेकरर के लंड से टकरा रही थी. टिकेट चेकरर ने झुके झुके ही अपना लंड मेरी गंद के सुराख मे फँसाया. मेरी गंद का सुराख बोहत छोटा था और उसका लंड बोहत मोटा. काफ़ी मूसखिल से उसने अपना लंड मेरी गंद के सुराख मे फिट किया. लंड की टोपी फिट करने मे ही मेरी गंद का हाल खराब होगया था. मैं सोच रही थी के मेरी गंद मे अभी इतना दर्द है तो गंद फ़ाटने के बाद कितना होगा. टिकेट चेकरर ने ज़ोरदार झटका मारा और मेरी जान उछल कर मेरे हलक़ मे आगाई. शदीद दर्द की वजा से मेरे जिस्म मे झिर झिरी सी दौड़ गई. टिकेट चेकरर का लंड 1 इंच मेरी गंद मे घुस्स चुक्का था. उसने फिर झटका मारा और उसका लंड 2 इंच मेरी गंद मे चला गया . दर्द के मारे मैं फिर तदपि. टिकेट चेकरर वसीम से बोला, साहिब इसकी गंद तो बोहत टाइट है. वसीम मुस्काराया और बोला, दोस्त टाइट चूत और टाइट गंद ही तो माज़ा देती है तुम लगे रहो और इसकी गंद फाड़ डालो. वसीम की बात सुनकर टिकेट चेकरर ने ऐक ज़ोरदार झटका और मारा. मुझे यू महसूस होरहा था के मेरी जान अब निकली के तब निकली. मेरी गंद का दर्द मेरी बर्दाश्त से बाहर होरहा था. मैं तड़पना चाहती थी मगर तड़प नही पा रही थी रोना चाह रही थी पर रो नही पा रही थी.
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