RE: Incest Sex Kahani प्यार का रिश्ता
मैं चड्डी उतार कर बाथरूम मे धोकर वैसे ही रोब पहनकर फिर से आकर बेड पर लेट गया... समय देखा तो इस समय रात के 2 बज रहे थे...शिवानी थोड़ी देर मे चाइ की ट्रॉल्ली लेकर कमरे मे दाखिल हुई मैने रूम की लाइट्स जला दी थी शिवानी के शरीर को देख कर मेरा मन फिर से ललचाने लगा... अब वो अपनी ब्रा और पॅंटी उतार चुकी थी... सेमी त्रस्परेंट गाउन मे से उसके अंग प्रत्यंग सॉफ नज़र आ रहे थे...... हम दोनोने चाइ और कुछ स्नॅक्स लिए फिर बातों का दौर शुरू हुआ.... पता नही बात करते करते कब हम सो गये...... सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैं बिल्कुल बिर्थडे सूट मे सोया हुआ था और शिवानी का भी गाउन निकला हुआ था.... वो मेरे से चिपकी सोई पड़ी थी... मैं रात की घटनाओ को अपने दिमाग़ मे सोचता रहा और मेरा ध्यान शिवानी की सॉफ चिकनी चमकती हुई गुलाबी चूत पर केंद्रित हो गया. शिवानी बहुत गहरी नींद मे सोई हुई थी जबकि दिन का उजाला निकल चुका था. शिवानी मदरजात नंगी मेरी बगल मे लेटी हुई किसी ख्वाब मे थी. मेरा लंड फिर से जवान होने लगा था ... एक बार तो इच्छा हुई की जो होगा तो देखा जाएगा अब तो बहुत हो गया अब तो इसे चोद ही डालू पर मैं अपने आप पर काबू रखे रहा.... मैं धीरे से पलंग से उतरा और बाथरूम की और जाने ही वाला था लेकिन शिवानी के मदमाते शरीर ने मुझे रोक लिया मैं आज भरपूर शिवानी को बिल्कुल मदरजात नंगी सोते हुए देख लेना चाहता था..... मन नही माना तो मैं अपने मूह को शिवानी की चूत के पास ले गया वाहा से उसके पेशाब और चूत के रस की मिलीजुली सोंधी सोंधी सी स्मेल आ रही थी जो की मेरे दिमाग़ मे शिवानी के साथ सेक्स करने को प्रेरित कर रही थी पर मैं अपने आत्म बल से कोई स्मझोता नही करना चाह रहा था मुझे मेरा अत्म बल डगमगाता सा लगा. लेकिन फिर कंट्रोल किया मैने एक बार फिर से किसी बंद कमल की पंखुड़ियों की तरह उस गुलाबी चमकती गद्दे दार चूत की तरफ देखा और एक चुम्मा लेलिया और जीभ से उसको थोड़ा सा चॅटा बड़ा अजीब सा स्वाद मिला. मैं शिवानी की पॅंटी लेकर बाथरूम मे घुस गया और जहा उसकी चूत से पॅंटी चिपकती होगी उसको सूँघा सूंघने से शिवानी की पेशाब और रस की मिलीजुली स्मेल मिली मैने उसे मूह मे लेकर चूसना शुरू किया और अपने लंड को फिर मुठिया लिया फ्रेश होकर मैं तैयार होकर ही बाथरूम से निकला तब तक शिवानी भी बेड पर से उठकर ना जाने कहा चली गई थी रूम बाहर से लॉक्ड था. मुझे यह लड़की बहुत ही रेहश्यमय लग रही थी. नही तो कोई भी जवान लड़की किसी अंजान के साथ ऐसे रात क्यों गुज़ारती.
मैने शिवानी के रूम के फोन से शिवानी को फ़ोन करने के लिए जैसे ही रेसिवेर उठाकर अपने कानो से लगाया तो मेरे बिना हरकत किए शिवानी की आवाज़ मेरे कानो से टकराई..
"गूओड़ मॉर्निंग मेरे हमदम..... माइ लव"....
मैं चौंक गया की यह आवाज़ कहा से आ रही है... मैने रेसिवेर के माउत पीस से हेलो बोला तो फिर हेलो की आवाज़ कानो से टकराई...... .. देखा घूम के तो शिवानी चाइ और नाश्ते की ट्रे लिए खड़ी थी शिवानी सलवार सूट पहने हुए थी पिंक कलर की
"गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट" कहते हुए जाकर उसको अपने से लिपटा लिया और एक किस किया
हम दोनो ने चाइ पी और ब्रेकफास्ट लिया फिर मैने शिवानी से अपने होटल जाकर अपना समान और चेकाउट करने के लिए बोला
शिवानी ने कहा " डियर कोई ज़रूरत नही है कही भी जाने की और परेशान होने की आप मेरे दिल के राजा है तो मैं आपका पूरा ख्याल रखूँगी... " " मैने आपका पूरा समान यहा बुलवालिया है आपकी होटेल से और हा... आपका चेकआउट बिल पैड कर दिया गया है यह रहा बिल "
मैने कहा आपने तक़लीफ़ क्यों की मैं खुद ले आता क्या मेरे पे भरोसा नही है...
"नही ऐसी बात नही है...." शिवानी बड़े प्यार से बोली....
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