RE: Incest Sex Kahani प्यार का रिश्ता
मैं कुछ बोलने वाला था तभी उसने मेरे औंठ अपने औंठ मे लेलीए और चूत को मेरे लंड पे रगड़ना तेज़ कर दिया.. मैं रोब पहने हुआ था जिससे रोब खिसक गयी थी और मेरा लंड मेरी चड्डी के अंदर से शिवानी की कुँवारी चूत पर रगड़ खा रहा था शिवानी जोरो से रगड़ते हुए झदने लगी साथ ही साथ मैं भी अपनी चड्डी मे झाड़ गया शिवानी बहाल होकर मेरे ऊपेर लेट गयी........
बहुत देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे और शिवानी को अपने ऊपेर लेटाए हुए ही मैं उसकी पीठ और गर्दन और गांद सहलाता रहा.... शिवानी के मस्त बूब्स मेरी छाती मे दबे हुए थे....
मैने शिवानी का माथा चूमा आँखे चूमि और उससे कहा
" जान मुझे बाथरूम जाना है और प्ल्ज़्ज़ मुझे चाइ मिलेगी क्या एक कप...."
" वो मुझे घूर के देखती रही फिर धीरे से बोली हा.. मेरे सनम मेरे जानम चाइ मिलेगी" और वो उठ गई.... जैसे ही शिवानी हटी तो उसकी पॅंटी मुझे पूरी गीली नज़र आई और उसका पानी भी मुझे अपने पेट और जाँघो पर गिरता हुआ महसूस हुआ... जबकि मेरा लंड अभी पूरा नही बैठा था वो अभी भी आधा खड़ा था.....
"एक बात कहू मनु....."
" हा जान कहो" पूछना क्या
"जैसे तुम मस्त हो वैसे ही तुम्हारा शरीर का हर एक हिस्सा बहुत मस्त है" वो मेरे लंड की तरफ देखते हुए बोली.....
मैं झट से उठकर बाथरूम गया और तारीफ सुनकर लंड मे फिर से जान आने लगी थी सो उसे फिर से मूठ मारकर ठंडा किया.....
मैं अब तक यह नही समझ पा रहा था की इतने पैसे वाली लड़की के इश्क़ मे मैं कैसे गिरफ़्त मे आगेया... और वो तो चुदवाना चाहती है पर मेरा दिल उसको चोदने से मना क्यों कर रहा है....
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