RE: Incest Sex Kahani प्यार का रिश्ता
मैं सोच रहा था कही मेरे कपड़ों से सोफा ना गंदा हो जाए और यह चीज़े यह तो बहुत बड़ी लड़की है मैं यहा नही ठहर सकता मुझे यहा से जाना होगा... जैसे ही मेरे मन मे यह विचार आया. तो मैं बाहर जाने के लिए मुड़ा तो मेन गेट जैसे चारो और चार गेट और वैसे ही खिड़किया और सोफे भी वैसे ही सेट किए गये थे... वो एक प्रकार से बड़ा ही रहाशयामय बंग्लॉ था... एक भूल-भुलैया जैसा मैने गेट खोलने की कोशिश करी पर खुला नही.....फिर दूसरा तीसरा और छोटा कोई भी गेट नही खुल रहा था......
" क्यों छटपटा रहे हो मेरी जान........ " मैं शिवानी की आवाज़ सुनकर चौंका..... ..
"क्या हुआ क्यों भाग जाना चाहते हो यहा से...."
" शिवानी जी मुझे यहा से जाने दीजिए प्ल्ज़्ज़... मेरा यहा दम घुट जाएगा....." .... मैने शिवानी से लगभग गिड-गीडाते हुए कहा
" पहले चाइ तो पी लो'''
" हम दोनो ने चाइ पी" और उस दौरान हम दोनो खामोश रहे.....
चाइ ख़तम करके मैं खड़ा हो गया ....
" देखो मनु क्या तुम सच मे अपने दोस्त को छोड़ कर जाना चाहते हो ????? तो मैं तुमको नही रोकूंगी" अरे यार इस दौलत के पीछे तो ना जाने कितने लोग पड़े हुए है... और एक तुम हो जो दौलत से दूर भाग रहे हो.....
" नही शिवानी ग???? मुझ दौलत नही चाहिए? मैं ग़रीब ज़रूर हू पर लालची नही???? ऐसा कीजिए आप मेरे साथ मेरे होटेल चलिए वाहा पर हम दोनो बैठते है....
वो मेरे को लगभग खींचते हुए अपने बेडरूम मे ले गई.....
वाहा मुझे बिठाकर उसने दरवाजा बंद किया और बेतहासा मेरे से लिपट गयी और मेरे को ना जाने कितने किस्सस दिए... मैने पहली बार उसके शरीर का आएशास महसूस किया मैं जैसा था वैसा ही रहा.....
उसने मेरे को ऊपेर से नीचे तक चूमा .......
उसने मेरे लिप्स भी चूसे उसके मस्त मम्मे मेरी छाती मे गड़ रहे थे लेकिन फिर भी आज जो लंड सपनो मे या इमॅजिन करते हुए किसी चूत को या मम्मो का आएशस पाकर खड़ा हो जाता था उसको कुछ नही हुआ था......
" आइ लव यू डियर मनु... मैं तुम्हारी दीवानी हू... तुम्हारी शायरी की दीवानी... तुम्हारी हँसी की दीवानी तुम्हारे हर एक अंग अंग की दीवानी हू."
मन तो मेरा भी कर रहा था की मैं उसे कह दू आइ लव यू टू माइ डियर शिवानी पर डर रहा था. जैसे तैसे मैने हिम्मत बटोरी और कहा " शिवानी यह नही हो सकता.... मेरा मन और दिल तुमको बहुत प्यार करने को चाहता है पर ......"
" पर... तुम शादी सुदा और दो बच्चियो के बाप हो यही ना....!! मेरे लिए इससे कोई फ़र्क नही पड़ता तुम मेरे सचमुच के मनु हो.... मनुता हो तुम मेरे...."
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