RE: Incest Sex Kahani प्यार का रिश्ता
वो मेरे से इंप्रेस हो गई और मेरे को झुक कर सलाम करते हुए बोली"जेहा-पनाह मैं हारी और आप जीते"
मैने कहा ऐसे कैसे वो बोली इसका मतलब मैने कहा 3 घंटे से तपस्या हो रही है और मैं ब्रामिन आदमी हू बॉल बच्चे दार बहुत भूक लगी है... कुछ खा लिया जाए...
मैने जैसे ही बॉल बच्चो दार कहा तो वो थोड़ी चौंकी जैसे पूछना चाहती हू कि मेरी शादी हुई की नही.... लेकिन मैं उसे सता कर फ्लर्ट करके बताना चाहता था....
मैने कहा मैं तो बाहरी हू आप को पता है कोई अछा सा रेस्टौरेंट जहा मैं तुमसे दो बाते कर सकू.....
शिवानी बोली मैं भी यही चाहती थी.... चलिए लेकिन पैसे मैं दूँगी बोलिए मंजूर है
मैने कहा जो हुकुम मेरी..... इतना कहकर मैं रुक गया.... मैं अपनी बतो से उसे बहुत टीज़ कर रहा था मैने उसको और चौंका दिया जब मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लेलिया और उसको अपने साइड से चिपका लिया और चलने लगा..... मैने कहा टेक्शी ले लेते है.... शिवानी ने कहा कोई ज़रूरत नही अपने पास गाड़ी है.... मैने सोचा आज तो किस्मत बहुत खेल रही है... मेरे से.... उसके पीछे बैठूँगा.. ...
पर उसके पास कार थी जो की रेलवे स्टेशन की पार्किंग मे थी... वाहा तक पैदल गये और वो मुझे गेट पर खड़े करके कुछ देर मे कार ले आई...
वो मुझे एक फॅमिली रेस्टौरेंट मे ले गई और एक कॅबिन मे हम दोनो बैठ गये....
अमोल पालेकर की किसी रोमॅंटिक फिल्म की तरह मैं और शिवानी दोनो टेबल के आमने सामने बैठे एक दूसरे को कुछ देर तक खामोशी से घूरते रहे हुमको डिस्टर्ब किया वेटर ने.... गुड आफ्टरनून शिवानी मॅम.... फिर मेरे को भी विश किया.......
तब समझ मे आया की शिवानी इस रेस्टौरेंट मे आती जाती रहती होगी इसलिए वेटर उसको जानता है लेकिन मेरे दिमाग़ मे फिर से उसकी फूली हुई गद्देदार चूत घूम गई.... जिसके कारण मेरा लंड अपने पूरे शबाब पर आ गया .....
' ऐसे क्या घूर रहे हो मनु" शिवानी ने पूछा
" ईश्वर को धन्यवाद दे रहा था कि एक खूबसूरत और सेक्सी लड़की के साथ आज रेस्टोरेंट मे हू" मैने बिंदास कह दिया वो अपनी तारीफ सुनकर थोड़ा शरमाते हुए मुस्कुराइ.
" तुम बहुत खूब्शुरत तो हो ही साथ ही उतना ही अछा दिल और चुलबुली हरकते है तुम्हारी" मैने शिवानी से आगे कहा
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