RE: Hindi Sex Stories दोस्त का परिवार
दोस्त का परिवार पार्ट--5
गतान्क से आगे.............
मुझे भी इस चुदाई से का मज़ा आने लगा. मैने अपनी जीभ कड़ी कर के सिर आगे पीछे कर के भुवा की चूत को चोदने लगा. उनका मज़ा दोगुना हो गया. अपने चूतर को ज़ोर-ज़ोर से उठाती हुए बोली, “और ज़ोर से बेटा और ज़ोर से, हाई मेरे प्यारे राजा आज मैं तेरी रंडी भुवा हो गयी. जिंदगी भर के लिए चुदवाउन्गि तुझसे. आह! उईईइ माआ!” वो अब झरने वाली थी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए अपनी चूत मेरे पूरे चहेरे पर रगड़ रही थी.
मैं भी पूरी तेज़ी से जीभ लॅप-लपा कर उनकी चूत पूरी तरह से चाट रहा था. और बीच बीच मे अपनी जीभ को उनकी चूत मे पूरी तरह अंदर डाल कर अंदर बाहर करने लगा. जब मेरी जीभ भुवा की भग्नासा से टकराई तो भुवा का बाँध टूट गया और मेरे चहेरे को अपनी जांघों मे जाकड़ कर उन्होने अपनी चूत को मेरे मुँह से चिपका दिया. कुछ देर बाद उनका पानी बहने लगा और मैं उनकी चूत की दोनो फांकों को अपने मुँह मे दबा कर उनका अमृत-रस पीने लगा.
मेरा लंड फिर से लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था. मैं उठ कर खड़ा हो गया और अपने लंड को हाथ से सहलाते हुए भुवा को पलंग पर सीधा लिटा कर उनके उपर चढ़ने लगा. उन्होने ने मुझे रोकते हुए कहा, “ऐसे नही मेरे राजा, चूत का मज़ा तुम चूस चूस के ले चुके हो आज मैं तुम्हे दूसरे छेद का मज़ा दूँगी. मैने कहा भुवा मेरी समझ मे कुछ नही आया. भुवा बोली, “आज तुम अपने मोटे तगड़े लंबे लंड को मेरी गंद मे डालो,” और उठ कर बैठ गयी. मेरे हाथ हटा कर दोनो हाथों से मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाते हुए अपनी दोनो चुचीओ के बीच दबा-दबा कर लंड के सुपरे को चूमने लगी. उनकी चूंची की गर्माहट पाकर मेरा लॉरा और भी जोश मे आकर अकड़ गया. मैं हैरान था. इतनी छोटी सी गंद के छेद मे मेरा लंड कैसे जाएगा.
मैं बोला, “भुवा इतना मोटा लंड तुम्हारी गंद मे कैसे जाएगा ?” भुवा बोली, “हाँ मेरे राजा, गंद मे ही. पीछे से चोदना इतना आसान नही है. तुम्हे पूरा ज़ोर लगाना होगा.” इतना कह कर भुवा ने ढेर सारा थूक मेरे लंड पर लगा दिया और पूरे लंड की मालीश करने लगी. “पर भुवा गंद मे लंड घुसाने के लिए ज़यादा ज़ोर क्यों लगाना परेगा?” भुवा बोली वो इसलिए राजा कि जब औरत गर्म होती है तो उसकी चूत पानी छोड़ती है, जिससे लॉरा आने-जाने मे आसानी होती है.
पर गंद तो पानी नही छोड़ती इसीलिए घर्षण जायदा होता है और लंड को जायदा ताक़त लगानी पड़ती है. गंद मारने वाले को भी बहुत तकलीफ़ होती है. पर राजा मज़ा बहुत है मरवाने वाले को भी और मारने वाले को भी आता है. इसीलिए गंद मारने के पहले पूरी तैय्यारि करनी पड़ती है.” मैने कहा “क्या तैयारी करनी पड़ती है?” भुवा मुस्कुरा कर पलंग से उतरी और अपने चूतर को लहराते हुए ड्रेसिंग टेबल से वस्सेलीन की शीशी उठा लाई.
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