RE: Hindi Sex Stories दोस्त का परिवार
अब मैं हथेली पर ढेर सारा तेल लगा कर उनके पैरों की मालिश करने लगा पहले पिंडली पर मालिश करता रहा फिर मैं धीरे धीरे घुटनो के उपर झंगो के पास चुट्टर के नीचे मालिश करता रहा. पेटिकोट चूतर पर होने से मुझे उनकी झांते और गांद का च्छेद नज़र आरहा था. अब मैने हिम्मत कर के धीरे धीरे उनका पेटिकोट कमर तक उपर कर्दिया मा कुच्छ नहीं बोली और उनकी आँखे बंद थी.
मैने सोचा शायद उनको नींद आगयी होगी. अब उनकी गांद और चूत के बाल मुझे सॉफ सॉफ नज़र आरहे थे. मैं हिम्मत करके तेल से भरी हुई उंगली उनकी गांद के छेद के उपर लगा ने लगा वो कुच्छ नहीं बोली मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. मेरा अंगूठा उनकी चूत की फांको को टच कर रहा था और अंगूठे की बगल की उंगली उनकी गांद के छेद को सहला रही थी. यह सब हरकत करते करते मेरा लंड टाइट होगया और चूत में घुसने के लिया बेताब हो गया.
इतने में मा ने कहा कि बेटा मेरी कमर पर भी मालिश करदो तो मैं उठकर पहले चुपके से मेरा अंडरवेर निकाल कर उनकी कमर पर मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद मैं मा से कहा कि मा तेल से आप का ब्लाउस खराब होज़ायगा. क्या आप अपने ब्लाउस को थोड़ा उपर उठा सकती हो ? यह सुनकर मा ने अपने ब्लाउस के बटन खोलते हुए ब्लाउस को उपर उठा दिया.
मैं फिर मालिश करने लगा मालिश करते करते कभी कभी मेरी हथेली साइड से उनके बूब्स तो छु जाती थी. उनकी कोई भी प्रतिक्रिया ना देख कर मैने उनसे कहा मा अब आप सीधी सोजाए मैं अब आप की स्पेशल तरीके से मालिश करना चाहता हूँ. मा करवट बदल कर सीधी होगयी मैने देखा अब भी उनकी आँखे बंद थी और उनके ब्लाउस के सारे बटन खुले थे और उनकी चूंची सॉफ झलक रही थी. उनकी चूंची काफ़ी बरी बरी थी और साँसों से साथ उठती बैठती उनकी मस्त रसेली चूंची साफ साफ दिख रही थी.
मा की अपनी सुरीली और नशीली धीमी आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी, “बेटा अब तुम थक गये होंगे इन्हा आओ ना.” और मेरे पास ही लेट जाओ ना. पहले तो मैं हिचकिचाया क्यों कि मैने केवल लूंघी पहनी थी और लूंघी के अंदर मेरा लंड चूत के लिए तड़प रहा था वो मेरी परेशानी ताड़ गयी और बोले, “कोई बात नही, तुम अपनी बनियान उतार दो और रोज जैसे सोते हो वैसे ही मेरे पास सो जाओ. शरमाओ मत. आओ ना.”
मुझे अपने कान पर यकीन नही हो रहा था. मैं बनियान उतार कर उनके पास लेट गया. जिस बदन को कभी मैं निहारता था आज मैं उसी के पास लेटा हुआ था. मा का अधनंगा शरीर मेरे बिल्कुल पास था. मैं ऐसे लेटा था कि उनकी चूंची बिल्कुल नंगी दिखाई दे रही थी, क्या हसीन नज़ारा था. तब मा बोली, “इतने महीने से मालिश करवाई हूँ इसलिया काफ़ी आराम मिला है.
फिर उन्होने मेरा हाथ पकड़ कर धीरे से खींच कर अपनी उभरी हुए चूंची पर रख दिया और मैं कुछ नही बोल पाया लेकिन अपना हाथ उनके चूंची पर रखा रहने दिया. मुझे यहाँ कुछ खुजा रहा है, ज़रा सहलाओ ना.” मैने उनकी चूंची को सहलाना शुरू किया. और कभी कभी ज़ोर ज़ोर से उनकी चूंची को रगरना शुरू कर दिया. मेरी हथेली की रगर पा कर मा के निपल करे हो गये.
अचानक वो अपनी पीठ मेरी तरफ घुमा कर बोली, “बेटा मेरा ब्लाउस खोल दो और ठीक से सहलाओ.” मैने काँपते हुए हाथों से मा का ब्लाउस खोल दिया और उन्होने अपने बदन से उसे उतार कर नीचे डाल दिया. मेरे दोनो हाथो को अपनी नंगी छाती पर ल गा कर वो बोली, “थोड़ा कस कर दबाओ ना.” मैं भी काफ़ी उत्तेजित हो गया और जोश मे आकर उनकी रसीली चूंची से जम कर खेलने लगा. क्या बरी बरी चूंचिया थी.
करी करी चूंची और लूंबे लूंबे निपल. पहली बार मैं किसी औरत की चूंची को छु रहा था. मा को भी मुझसे अपनी चूंची की मालिश करवाने मे मज़ा अराहा था. मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था और लूँगी से बाहर निकल आया.
मेरा 9” का लंड पूरे जोश मे आ गया था. मा की चूंची मसल्ते मसल्ते हुए मैं उनके बदन के बिल्कुल पास आ गया था और मेरा लंड उनकी जाँघो मे रगर मारने लगा था. अब उन्होने कहा बेटा तुम्हारा तो लोहे समान होगया है और इसके स्पर्श से लगता है की काफ़ी लंबा और मोटा होगा हैक्या मैं हाथ लगा कर देखूं? उन्होने पूछा और मेरे जबाब देने से पहले अपना हाथ मेरे लंड पर रख कर उसको टटोलने लगी. अपनी मुट्ठी मेरे लंड पर कस के बंद कर ली और बोले, “बापरे, बहुत करक है.”
|