Hindi Porn Stories संघर्ष
09-28-2017, 10:00 AM,
#19
RE: Hindi Porn Stories संघर्ष
संघर्ष--19

पंडित जी के हर धक्के के साथ सावित्री की बुर पूरी गहराई तक चुद रही थी. पंडित जी का सुपाड़ा सावित्री के बुर की दीवार को रगड़ रगड़ कर चोद रहा था. सावित्री जैसे सातवें आसमान पर उड़ रही हो. पंडित जी हर धाक्के को अब तेज करते जा रहे थे. लंड जब बुर मे पूरी तरह से अंदर धँस जाता तब पंडित जी के दोनो अन्दुए सावित्री के गंद पर टकरा जाते थे. कुछ देर तक पंडित जी सावित्री को चटाई मे कस कस कर चोद्ते रहे. उनका लंड सावित्री की कसी बुर मे काफ़ी रगड़ के साथ घूस्ता और निकलता था. पंडित जी को भी कसी हुई बुर का पूरा मज़ा मिल रहा था तो वहीं सावित्री को भी पंडित जी के कसरती शरीर और मोटे लूंबे और तगड़े लंड का मज़ा खूब मिल रहा था. कमरे मे फाकच्छ फ़ाच्छ के आवाज़ भरने लगी. सावित्री का चूतड़ अब उपर की ओर उठने लगा और हर धक्के के साथ चटाई मे दब जाता था. बुर से पानी भी निकलना काफ़ी तेज हो गया था इस वजह से बुर का निकला हुआ पानी सावित्री के गंद की दरार से होता हुआ चटाई पर एक एक बूँद चुहुना शुरू हो गया. सावित्री अब सिसकरने तेज कर दी थी. अचानक सावित्री के शरीर मे एक ऐंठन शुरू होने लगी ही थी की पंडित जी सावित्री को कस कर जाकड़ लिए और उसकी गीली और चू रही काली बुर को काफ़ी तेज़ी से चोदने लगे. चुदाइ इतनी तेज होने लगी कि बुर से निकलने वाला पानी अब बुर के मुँह और लंड पर साबुन के फेन की तरह फैलने लगा. जब लंड बाहर आता तब उसपर सफेद रंग के लिसलीषसा पानी अब साबुन की फेन की तरह फैल जाता था. पंडित जी सावित्री को काफ़ी तेज़ी से चोद रहे थे लेकिन फिर भी सावित्री पीछले दीं की तरह गिड़गिडाना शुरू कर दी "...सीई....और....तेज...जी पंडित जी ....जल्दी ...जल्दी........" पंडित जी के कान मे ये शब्द पड़ते ही उनके शरीर मे झटके दार ऐतन उठने लगी उनका कमर का हिस्सा अब झटका लेना शुरू कर दिया क्योंकि पंडित जी के दोनो अनदुओं से वीर्य की एक तेज धारा चल पड़ी और पंडित जी अपने पूरे शरीर की ताक़त लगाकर धक्के मारना शुरू कर दिया. अगले पल पंडित जी सावित्री के कमर को कस लिए और अपने लंड को बुर के एकदम गहराई मे चाँप कर लंड का अगला हिस्सा बुर की तलहटी मे पहुँचा दिया और लंड के छेद से एक गर्म वीर्य के धार तेज़ी से निकल कर ज्योन्हि बुर के गहराई मे गिरा कि सावित्री वीर्य की गर्मी पाते ही चीख सी पड़ी " एयेए ही रे माइ रे बाप ...रे...बाप...आरी पंडित जी बहुत मज़ा ....आ रा..हा ही रे मैया..." और सावित्री की बुर से रज निकल कर लंड पर पड़ने लगा. पंडित जी का लंड काफ़ी देर तक झटके ले ले कर वीर्य को बुर मे उडेल रहा था. लगभग पूरी तरीके से झाड़ जाने के बाद पंडित जी लंड को थोड़ा सा बाहर खींचे और अगले पल वापस बुर मे चॅंप कर वीर्य की आख़िरी बूँद भी उडेल दिए.

अब दोनो हाँफ रहे थे और पंडित जी सावित्री के उपर से हट कर लंड को बुर से बाहर खींचा और चुदाइ के रस से भींग कर सना हुआ लंड के बाहर आते ही बुर की दोनो काली फाँकें फिर से सटने की कोशिस करने लगी लेकिन अब बुर का मुँह पहले से कहीं और खूल कर फैल सा गया था. बुर की सूरत पूरी बदल चुकी थी. पंडित जी बुर पर एक नज़र डाले और अगले पल सावित्री की दोनो जांघों के बीच से हट कर खड़े हो गये. सावित्री अपनी दोनो जांघों को आपस मे सताते हुए अपनी नज़र पंडित जी के अभी भी कुछ खड़े लंड पर डाली जो की चुदाई रस से पूरी तरह से सना था. पंडित जी अगले पल सावित्री की पुरानी चड्डी को उठाया और अपने लंड के उपर लगे चुदाई रस को पोच्छने लगे. सावित्री ऐसा देख कर एक दम से घबरा सी गयी. लंड पर काफ़ी ज़्यादे मात्रा मे चुदाई रस लगे होने से चड्डी लगभग भीग सी गयी. पंडित जी लंड पोच्छने के बाद सावित्री की ओर चड्डी फेंकते हुए बोला "ले अपनी बुर पोंच्छ कर इसे पहन लेना और कल सुबह नहाते समय ही इसे धोना...समझी.." चड्डी पर सावित्री की हाथ पड़ते ही उसकी उंगलियाँ गीले चड्डी से भीग सा गये. लेकिन पंडित जी अब चौकी पर बैठ कर सावित्री की ओर देख रहे थे और सावित्री कई बार झाड़ जाने के वजह से इतनी थक गयी थी चटाई पर से उठने की हिम्मत नही हो रही थी. पंडित जी के कहने के अनुसार सावित्री के चड्डी को हाथ मे लेकर चटाई मे उठ कर बैठ गयी और अपनी बुर और झांतों मे लगे चुदाई रस को पोछने लगी. लेकिन चड्डी मे पंडित जी के लंड पर का लगा चुदाई रस सावित्री के पोंछने के जगह पर लगने लगा. फिर सावित्री उठी और बुर को धोने और मूतने के नियत से ज्योन्ी स्ननगर के तरफ बढ़ी की पंडित जी ने चौकी पर लेटते हुए कहा "बुर को आज मत धोना....और इस चड्डी को पहन ले ऐसे ही और कल ही इसे भी धोना...इसकी गंध का भी तो मज़ा लेलो..." सावित्री के कान मे ऐसी अजीब सी बात पड़ते ही सन्न रह गयी लेकिन उसे पेशाब तो करना ही था इस वजह से वह सौचालय के तरफ एकदम नंगी ही बढ़ी तो पंडित जी की नज़र उसके काले काले दोनो चूतदों पर पड़ी और वे भी एकदम से नंगे चौकी पर लेटे हुए अपनी आँख से मज़ा लूट रहे थे. सावित्री जब एक एक कदम बढ़ाते हुए शौचालय के ओर जा रही थी तब उसे महसूस हुआ की उसकी बुर मे हल्की मीठी मीठी दर्द हो रहा था. शौचालय के अंदर जा कर सिटकिनी चढ़ा कर ज्योन्हि पेशाब करने बैठी तभी उसकी दोनो जांघों और घुटनों मे भी दर्द महसूस हुआ. उसने सोचा कि शायद काफ़ी देर तब पंडित जी ने चटाई मे चुदाई किया है इसी वजह से दर्द हो रहा है. लेकिन अगले पल ज्योन्हि वीर्य की बात मन मे आई वह फिर घबरा गयी और पेशाब करने के लिए ज़ोर लगाई. सावित्री ने देखा की वीर्य की हल्की सी लार बुर के च्छेद से चू कर रह गयी और अगले पल पेशाब की धार निकलने लगी. पेशाब करने के बाद सावित्री पिछले दिन की तरह ज़ोर लगाना बेकार समझी क्योंकि बुर से वीर्य बाहर नही आ पा रहा था. उसके मन मे पंडित जी के वीर्य से गर्भ ठहरने की बात उठते ही फिर से डर गयी और पेशाब कर के उठी और ज्योन्हि सिटकिनी खोलकर बाहर आई तो उसकी नज़र पंडित जी पर पड़ी जो की चौकी के बगल मे नंगे खड़े थे और सावित्री के बाहर आते ही वो भी शौचालय मे घूस गये और हल्की पेशाब करने के बाद अपने लंड को धो कर बाहर आए. तबतक सावित्री अपनी गीली चड्डी को पहन ली जो की उसे ठंढी और पंडित जी के वीर्य और बुर के रस की गंध से भरी हुई थी. पंडित जी अपने नीगोटा और धोती पहने के बाद अपने कुर्ते मे से एक दवा के पत्ते को निकाला और अपनी सलवार को पहन रही सावित्री से बोला "कपड़े पहन कर इस दवा के बारे मे जान लो" सावित्री की नज़र उस दवा के पत्ते पर पड़ते ही उसकी सारी चिंता ख़त्म हो गयी थी. उसने अपने ब्रा और समीज़ जो जल्दी से पहन कर दुपट्टे से अपनी दोनो हल्की हल्की दुख रही चुचिओ को ढक कर पंडित जी के पास आ कर खड़ी हो गयी. पंडित जी ने दवा को अपने हाथ मे लेकर सावित्री को बताया "तुम्हारी उम्र अब मर्द से मज़ा लेने की हो गयी है इस लिए इन दवा और कुछ बातों को भी जानना ज़रूरी है....यदि इन बातों पर ध्यान नही दोगि तो लेने के देने पड़ जाएँगे. सबसे बहले इन गर्भ निरोधक गोलिओं के बारे मे जान लो....इसे क्यूँ खाना है और कैसें खाना है.." आगे बोले "वैसे तुम्हारी जैसी ग़रीब लड़कियाँ बहुत दीनो तक मर्दों से बच नही पाती हैं और शादी से पहले ही कोई ना कोई पटक कर चोद ही देता है...मुझे तो बहुत अचरज हुआ कि तुम अब तक कैसे बच गयी अपने गाओं के मर्दों से, और आख़िर तुमको मैने तो चोद ही दिया." फिर पंडित जी दवा के पत्ते की ओर इशारा करते हुए सावित्री को दावा कैसे कैसे खाना है बताने लगे और सावित्री पंडित जी की हर बात को ध्यान से सुन कर समझने लगी. आगे पंडित जी बोले " जैसे जैसे बताया है वैसे ही दवा खाना लेकिन इस दवा के पत्ते पर तुम्हारी मा की नज़र ना पड़े नही तो तेरे साथ साथ मैं भी पकड़ जाउन्गा, तुम लड़कियो के साथ मज़ा लूटने मे यही डर ज़्यादे होता है क्योंकि तुम्हारी उम्र की लड़कियाँ चुदाति तो हैं बहुत शौक से लेकिन पकड़ भी जाती हैं बहुत जल्दी और बदनामी होते देर नही लगती. इस लिए तुम काफ़ी समझदारी से रहना. इस दवा को घर मे कहीं ऐसे जगह रखना जहाँ किसी की नज़र ना पड़े" पंडित जी ने दवा के पत्ते को सावित्री के तरफ बढ़ाया और सावित्री उसे अपने हाथ मे लेकर ध्यान से देखने लगी. फिर पंडित जी बोले "इस दावा को हमेशा जैसे बताया है वैसे ही खाना. कभी दवा खाने मे लापरवाही मत करना नही तो लक्ष्मी की तरह तुम्हे भी बच्चा पैदा हो जाएगे...ठीक" इतना कहते हुए पंडित जी ने चौकी के बगल मे खड़ी सावित्री के चूतड़ पर एक चटा मारा और एक चूतड़ को हाथ मे लेकर कस के मसल दिया. सावित्री पूरी तरीके से झनझणा और लज़ा सी गयी. फिर सावित्री दवा को समीज़ के छोटे जेब मे रख ली दुकान के हिस्से मे आ गयी. सवीरी के उपर से बहुत बड़ी परेशानी हट गयी थी.

अंधेरा होने से पहले सावित्री घर आ गयी. कई बार झाड़ जाने के वजह से बहुत थक चुकी थी. घर आते ही घर के पिच्छवाड़े जा कर पेशाब करने के लिए जब चड्डी नीचे की ओर खिसकाने के लिए ज्योन्हि झाड्दी पर हाथ लगाई तो देखा की चड्डी मे जगह जगह कडपान हो गया था जो की चुदाई रस के पोछने के वजह से गीली हो गयी थी और अब सुख कर ऐसा हो गयी थी. सावित्री को महसूस हुआ की अब पेशाब की धार काफ़ी मोटी और तेज़ी से निकल कर ज़मीन पर टकरा रही थी. सावित्री का मन मस्त हो गया. मूतने के बाद वापस चड्डी जब पहनने लगी तब चड्डी के सूखे हिस्से को काफ़ी ध्यान से देखने लगी. उसपर सूखा हुआ चुदाई रस एकदम से कड़ा हो गया था. जब सावित्री चड्डी को पहन कर उसके उपर के चुदाई रस को देख रही थी तभी कुच्छ ही दूरी पर धन्नो चाची अपने घर के पिछे मूतने के लिए आई तो देखी कि सावित्री चड्डी मे अपने घर के पिछे खड़ी हो कर मूतने के बाद चड्डी के उपर कुच्छ ध्यान से देख रही थी और सलवार अभी पैरों मे ही थी. फिर धन्नो ने भी कुच्छ ही दूरी पर अपने घर के पीछे मूतने के लिए बैठ गयी और सावित्री की चड्डी पर नज़रें गाड़ा कर देखने लगी और धन्नो को ऐसा लगा कि चड्डी पर कुछ भूरे रंग के दाग जगह जगह लगे हों. धन्नो के मन मे यह सवाल आते ही कि आख़िर किस चीज़ की दाग और कैसे सावित्री के चड्डी मे लग गयी है. यही सोच कर धन्नो अपना मूत की अंतिम धार को बुर से निकाल ही रही थी कि सावित्री की नज़र चड्डी से हट कर कुछ ही दूरी पर बैठ कर मूत रही धन्नो चाची के उपर पड़ी तो सकपका गयी और जल्दी से अपने सलवार को पैरों से उठा कर पहनने की कोशिस करने लगी. धन्नो चाची का मुँह सावित्री के ओर ही था और जिस तरह से बैठ कर मूत रही थे की धन्नो की झांतों से भरी बुर पर भी सावित्री की नज़र पड़ी. वैसे धन्नो चाची अकसर अपने घर के पीचवाड़े मूतने के लिए आती और सारी और पेटिकोट को कमर तक उठाकर मूतने लगती और धन्नो के बड़े बड़े चूतड़ और कभी काले रंग की बुर सॉफ सॉफ दीख जाती थी. लेकिन सावित्री के लिए यदि कोई नयी बात थी तो यह की धन्नो की नज़र उसके दाग लगी हुई चड्डी पर पड़ गयी थी. इसी वजह से सावित्री एकदम से घबरा गयी और हड़बड़ाहट मे जब सलवार को पहनने लगी तभी समीज़ के जेब मे रखी हुई दवा का पत्ता जेब से निकल कर ज़मीन पर गिर पड़ा और उस दवा के पत्ते पर भी धन्नो चाची की नज़र पड़ ही गयी. आगे सलवार का नाडा एक हाथ से पकड़े हुई सावित्री दूसरे हाथ से ज़मीन पर गिरे हुए दवा के पत्ते को उठाई और वापस समीज़ के जेब मे रख ली और फिर सलवार के नाडे को जल्दी जल्दी बाँधते हुए अपने घर के पिछवाड़े से आगे की ओर भाग आई. धन्नो अपने घर के पीछे ही मूतने के बाद यह सब नज़ारा देख रही थी और सावित्री जब तेज़ी से भाग गयी तब धन्नो के दिमाग़ मे शंका के शावाल उठने लगे. धन्नो यही सोचते हुए अपने घर के पीचवाड़े से आगे की ओर आ गयी और घर अगाल बगल होने के नाते जब सावित्री के घर की ओर देखी तो सावित्री अपने घर के अंदर चली गयी थी. फिर भी धन्नो मूतने के बाद वापस आ कर अपने पैरों को पानी से धोते हुए यही सोच रही थी की सावित्री जैसी शरीफ लड़की के चड्डी पर अजीब से दाग लगे थे जिसे वह ऐसे देख रही थी मानो उसे पहले देखने का मौका ही ना मिला हो और अभी तो बाज़ार के ओर से आई है तो दाग किसने और कहाँ लगा दिया. दूसरी बात की जो दवा का पत्ता धन्नो ने देखा वह कोई और दवा का पत्ता की तरह नही बल्कि एक गर्भ निरोधक पत्ते की तरह थी. यानी वह गर्भ रोकने की दवा ही थी. धन्नो यही सोचते हुए फिर सावित्री के घर के ओर देखी तो सावित्री अंदर ही थी. धन्नो के मन मे उठे सवाल बस एक ही तरफ इशारा कर रहे थे की सावित्री को गाओं का हवा लग चुका है और अब सयानी होने का स्वाद ले रही है. आख़िर जितनी तेज़ी से सावित्री उसकी नज़रों के सामने से भागी उससे पता चल जा रहा था की सावित्री के मन मे चोर था. आख़िर धन्नो को अब विश्वास होने लगा की सावित्री अब चुद चुकी है.

लेकिन अगला सवाल जो धन्नो के मन मे उभरा की आख़िर कौन उसे चोद रहा है और कहाँ. गर्भ निरोधक दवा उसके पास होने का मतलब सॉफ था कि चोदने वाला काफ़ी चालाक और समझदार है. क्योंकि सावित्री इतनी शीधी और शर्मीले स्वभाव की थी कि खुद ऐसी दवा को कहीं से खरीद नही सकती थी. लेकिन तभी जब धन्नो के मन मे यह बात आई की दवा का पत्ता क्यों अपने पास रखी थी जब मूतने आई, और फिर जबाव ढूँढा तो पाया कि सावित्री तुरंत ही बगल के कस्बे से आई थी और किसी ने कुच्छ दिन पहले बताया था कि सावित्री आज कल बगल के कस्बे मे भोला पंडित के सौंदर्या के दुकान पर काम पकड़ ली है. यानी कहीं भोला पंडित तो सावित्री की भरी जवानी का मज़ा तो नही लूट रहें हैं? यही सोचते हुए धन्नो अपने घर के काम मे लग गई

क्रमशः........................
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Porn Stories संघर्ष - by sexstories - 09-28-2017, 10:00 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,508,726 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,257 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,235,051 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 933,828 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,658,230 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,084,845 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,957,491 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,077,163 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,040,266 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,637 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)