RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
रिंकी धीरे से दरवाजा खोल कर अंदर गयी, उसने अंकल आंटी का डोर पुश किया तो वो अंदर से बंद था. मैं तब तक अपने कपड़े उतार चुका था और सिर्फ़ अंडरपॅंट्स मैं उसका इंतज़ार कर रहा था. जैसे ही रिंकी अंदर आई मैने उसे अपने बाँहो मैं भर लिया और उसके कान मैं कहा – रिंकी तुम आज से सिर्फ़ मेरी हो, आज मैं तुम्हे प्यार करूँगा और तुम्हारी रामप्यारी तो चोद कर उसे चूत बना दुगा. रिंकी ने कुछ कहने की लिए अपने होंठ खोले तो मैने उसके होंठ चूमते हुए उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए.पहले मैने उसका लोवर नीचे खींच दिया और उसकी नर्म मुलायम जाँघो पर हाथ फेरने लगा. यह रिंकी को उत्तेजित करने लगा.फिर मैने पाया कि उसने अपने रेशमी बॉल [ प्यूबिक हेर] काट दिए थे, मैने उसकी तरफ़ देखा तो उसने कहा की मुझे लगा तुम्हे अच्छा लगेगा.मैने कहा हां मुझे प्संद आया. मैं रिंकी की पैरो [ लेग्स] से किस करता हुआ उपर की तरफ़ आया. फिर उसके प्यूबिक बालो पर किस किया और पेट [ अब्डोमन] पर. जब मैं उसे किस कर रहा था तो वो ऐसे तड़फ़ रही थी की जैसे कोई दर्द मैं तड़फता है बस यहाँ दर्द भी मीठा था. धीरे धीरे मैं उसके चुचो तक पहुँचा और उन्हे अपने हाथो से मसलने लगा. मैने इस बार थोड़ी सख्ती से उसके निपल दबाए और मुँह से पकड़ कर खींचे जिस से उसे एक नया ही मज़ा आया. उसके निपल भी अब खड़े हो चुके थे. मैने उसे उठा कर उसके बेड पर लिटा दिया. रिंकी की पॅंटी भी उतार दी. उसने इस बार काले रंग की पॅंटी पहनी थी जो बोहत ही पतली थी ,
उसने मुझे अब नीचे आने का इशारा किया और खुद मेरे ओपेर आ गयी. यह नज़ारा मुझे हमेशा याद रहेगा. एक कामुकता की देवी जिसके बड़े बड़े मम्मे आपके चेहरे के ऊपर हैं , आपको कभी होंठो पर तो कभी इयर्स पर किस करती है. मगर फिर जो उसने किया वो मैने कभी नही सोचा था .
रिंकी थोड़ा नीचे हुई और उसने मेरे निपल को किस किया और फिर चूसना शुरू कर दिया. मुझे एक बिजली का झटका सा लगा. मैं उसेंरोकना चाहता था पर मुझे भी एक अजीबसा स्वाद आ रहा था. मैने देखा की मेरे निपल भी खड़े हो गये थे.
पर उसके इस आक्ट ने मुझे बोहत ही बेताब कर दिया था, अब मैं कोई इंतज़ार नही करना चाहता था. मैने अपने हाथ से उसकी चूत के दाने को दबाना शुरू कर दिया. वो भी एक दम से झटका खा गयी और उसने मुझे किस करना छोड़ दिया. मैं उसके नीचे से निकल कर बैठ गया और अपने लोवर से कॉंडम निकाला और उसे दिया. उसने उसे खोला और मेरे खड़े लंड पर चढ़ा दिया मैने रिंकी से कहा कि चूत के मूह पर मेरा लंड रखे. उसकी चूत एक दम से गीली हो चुकी थी और पानी बाहर तक आ रहा था. मैने उसकी टाँगो के बीच मैं आ कर उसके होंठो को अपने मूह मे ले लिया. उसने मुझे किस करना शुरू किया. मैने हल्का सा फोर्स लगा के अपना लंड उसकी चूत मैं डालने की कोशिश की , पर मैं सफल नही हुआ. इस बार मैने ज़ोर लगाया तो लंड फिसल गया. और ऊपर चढ़ गया.
बिना कुछ कहे ही रिंकी ने लंड अपने हाथ से पकड़ कर चूत के मूह पर रखा और सर हिला कर इशारा किया. हम दोनो मैं से कोई नही बोल रहा था, बस इशारे ही सब कुछ कह रहे थे.मैने अपना लंड आगे की तरफ प्रेस किया और इस बार मैं रुका नही ज़ोर लगाता ही रहा, रिंकी ने लंड को सही पोज़िशन मैं पकड़ रखा था, इस बार मेरे लंड का टोपा अंदर चला गया. रिंकी के चेहरे पर मैं तकलीफ़ देख सकता था, पर ना उसने कुछ कहा , ना मैने रुकने की कोशिश की, एक ज़ोर की झटके के साथ ही उसकी झिल्ली[ हाइमेन] फॅट गयी. उसने दर्द के मारे मेरे होंठो मैं दाँत गढ़ा दिए. उसके नाख़ून[ नाइल्स] मेरी कमर मे घुस गई.दर्द की बावजूद रिंकी की चेहरे पर मुस्कान थी.मेरा लंड उसके अंदर फसा हुआ था. मैं भी दर्द और मज़ा दोनो फील कर रह था. कुछ सेकेंड्स तक हम दोनो इसी हालत मैं रुके रहे , ना उसने कुछ कहा ना मैने, ना मैने कोई मूव्मेंट किया ना उसने, फिर हम दोनो के एक साथ एक दूसरे के लाबो को चूमा लिया. हम दोनो के चेहरे [ फेस] पर मुस्कान आ गयी.
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