RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
मैने उपेर से ही उसे रब करना शुरू किया, मैने बिल्कुल भी जल्दी नही की , मैं नही कहता था कि वो मज़ा ना ले सके , बल्कि मेरा मकसद ही उसे मज़े कराना था, उसकी चूत की फाकॉ की बीच से मेरी उंगली चल रही थी. उसकी आँखे बंद हो चुकी थी , उसने अपने पैर [ लेग्स] अंदर की तरफ दबा लिए थे , वो आनंद मैं थी, इस बार उसने मुझे किस किया और देर तक मुझे चूस्ति रही, मैने सोचा भी नही था की ऐक लड़की जो की बोहत खूबसूरत भी नही है और जिसने सेक्स भी नई किया हो , इतना अछा किस करसकती है, पर शायद हमारी हसरातों का हमारी शक्ल से कोई वास्ता नही होता,
जैसे जैसे मैं उसकी चूत मैं उंगली कर रहा था वो और गरम होती जा रही थी, मैने अपना हाथ अब उसके लोवर के अंदर डाल दिया , मैने महसूस किया की वहाँ परजीतने बाल थे वो रेशम की तरह मुलायम हैं, और दो फांको की बीच एक छोटी सेजगह है जिसे आप उंगली से महसूस तो कर सकते हैं पर उसमे उंगली नही जाती. फिर मैने उसका दाना ढूँढ लिया वो ठीक दोनो फाकॉ के नीचे की तरफ था, और करीब एक चने के दाने के बराबर होगा, जैसे ही मेरी उंगलिओ ने उसे छूआ तो वो मुझ से चिपक गयी , उसके मूह से एक हल्की से सिसकी निकल गयी. [मैं यहाँ पाठकों को एक बात और बताता चलू कि यह चूत का दाना ही असल मैं ऑर्गॅज़म पैदा करता है, कुछ लड़कियो मैं यह उपर की तरफ़ होता है या बोहत छोटा होता है तो वो ऑर्गॅज़म नही फील कर पाती.]मैं समझ गया की यह उसका सेन्सिटिव पॉइंट है , फिर क्या था मैने उसेके होंठों को अपने होंठों से मिला कर उसका दाना / क्लाइटॉरिस रगड़ना शुरू कर दिया , जैसे जैसे मैं उसे दबाता वो मुझसे और ज़ोर से चिपक जाती . कोई दस मिनिट ऐसे करने के बाद रिंकी ने कहा की मैं कुछ महसूस कर रही हूँ , मुझे एक अजीब सा नशा छा रहा है, प्लीज़ करते रहो , मैं नही चाहती की तुम अब रूको , लगातार इसे दबाते रहो , फिर उसने अपना हाथ भी अपने लोवर के अंदर कर किया और मेरा हाथ पकड़ कर जल्दी जल्दी अपना क्लिट रगड़ने लगी.उसकी सासे तेज हो गयी थी. कोई दो मिनिट करने के बाद उसने मेरा हाथ ज़ोर से पकड़ लिया और रुक गयी. उसने अपने लेग्स मोड़ लिए थे , उसकी चूत मैं मैने बोहत सा गीलापन महसूस किया मेरा हाथ उसने पकड़ रखा था इसलिया मैं चाह कर भी नही देख पाया की उसकी चूत ने कितना पानी छोड़ा है,
एक मिनिट तक इसी तरह रुकने के बाद रिंकी ने मेरे कान मैं कहा – थॅंक यू , आज तक मैने ऐसा कभी नही महसूस किया था, यह पहली बार था कि वो झड़ी थी, झदाने की सेन्सेशन का एक गुदगुदीसी अभी भी उसे घेरे थी. मैने अपना हाथ निकाल लिया , रात बोहत हो चुकी थी , ज़्यादा देर तक छत पर नही रहा जा सकता था, इसलिए मैने उसे गुड नाइट कहा और किस किया, उसने भी ऐसे ही जवाब दिया. अब वो बिल्कुल नही शर्मा रही थी. उसके चेहरे पर मुस्कान थी.
रात के एक घंटे के एक्सपीरियेन्स ने हम दोनो मैं एक आग जगा दी थी. अब हम दोनो बस सेक्स की नज़रो से ही एक दूजे को देख रहे थे. अगले दिन भी मैं उसके घर गया और मौका देख कर उसे उंगली करने लगा. उसने भी मेरे लॅंड को कस कर दबाया.पर हम दोनो ही फारिग ना हो सके, पर अगली रात को मैं उसकी छत कर नही जा सका. क्योकि वो सीढ़ी वहाँ से हट चुकी थी और रोज ही एक ट्रिक अपनाने का मतलब होता पकड़े जाना.
हम एक दूसरे को मेसेज करने लगे ,पर इस बार मेसेज सेक्सी थे सब मैं सेक्स की भूक दिखती थी.इंतज़ार था तो बस अब एक मौके का. पर क्योंकि दीवाली को अब दो तीन दिन ही रह गये थे इसलिए वो भी घर के काम मैं बिज़ी रहती थी और मैं भी.
फिर छोटी दीवाली के दिन उसकी मम्मी ने मुझे आवाज़ दी. और कहा की हमारे घर अभी तक लाइटिंग नही लगी है , बिजली वाले को कहा भी था , क्या तुम लगा दोगे. मैने फॉरन हां कर दी, जब मैं उनके घर गया तो देखा अंकल आंटी कहीं जाने के लिए तय्यार खड़े थे थे , मैने पूछा की आज आपलोग कही जा रहे हैं तो उन्होने बताया की हम दोनो एक पूजा मैं जा रहे हैं थोड़ी देर मैं आ जायगे. मैं लाइटिंग वाले को कहता जाउन्गा तुम ठीक से लगवा देना. मैने कहा ठीक है.
जैसे ही वो लोग गये , मैं और रिंकी तो मानो उछल ही पड़े , गेट बंद करते ही मैने उसे बाँहो मैं भर लिया और किस करने लगा , हम दोनो एक दूसरे को चूस रहे थे, मैं उसे गोद [ लॅप] मैं उठा कर उसके कमरे मैं ले गया. उसे मैने अपने उपर खींच लिया , रिंकी बोली- आज क्या इरादा है .
मैने कहा – बस थोड़ा सा प्यार करना चाहता हूँ
रिंकी- बस थोड़ा सा?
मैने कहा – यह तो बस बहाना है , असल मैं तो मैं तुम्हे पूरी तरह देखना चाहता हूँ.
रिंकी –तो देर किस बात की है , मैं अब तुम्हारी हूँ,
फिर मैने उसके होंठो को पीना शुरू किया और साथ ही उसकी चूत को सहलाने लगा.
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