RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
फिर उनके घर पैंट का काम शुरू हो गया. क्योंकि उनके घर पर कोई लड़का नही था जो पैंट वालो पर नज़र रख सके तो जब भी कोई बाज़ार का काम होता या किसी कमरे [ रूम ] का समान मूव करना होता तो उसकी मम्मी रिंकी से कहती की किसी को पड़ोस से बुला ले. और वो हुई सीधी मेरे ही पास आत्ती. मैं उनका काम करता और जब भी मोका देखता रिंकी की साथ फ्लर्ट भी करता , पर अब मेरे फ्लर्ट रोमॅंटिक से सेक्षुयल हो गये थे, कभी मैं उसके गालो पर किस करता तो वो शरमा जाती और भाग जाती, कभी मैं उसकी बॅक पर चूंटि भरता [ पिंच करता] या उसकी मस्त गान्ड पर स्लॅप करता . वो भी कभी गुस्से से देखती तो कभी कहती की मान जाओ ना. कोई देख लेगा. जब भी उसकी मम्मी बिज़ी होती जैसे नहा रही होती या पूजा मैं बैठी होती तो हम दोनो दूसरे कमरे मैं जा कर किस करते और किस क्या करते बस एक दूसरे पर टूट पड़ते. पहले पहले तो वो किस ओर स्मूद करना नही जानती थी. पर दो तीन बार करने से वो एकदम एक्सपर्ट हो गयी. जब हम डॉन वन पहला बार किस किया तो ऐसा लगा के बस अब कोई ना रोके , इसी पल मैं दुनिया थम जाए. जब हमारी जीभ एक दूसरे से रेसलिंग करती तो एक अजब ही स्वाद आता. अब भी वो पल याद करके वो उसके सासो की गर्मी महसूस करके मेरे लॅंड पठार की तरह सख़्त हो जाता है.
जल्द ही हम दोनो एक दूसरे के सरीरो से खेलने लगे .जब वो अपनी मम्मी से बात कर रही होती ओर आंटी का ध्यान कही और होता तो मैं उसके चूतड़ पर हाथ फेरने लगता. उसे भी जब मोक़्का मिलता तो वो मुँझे किस करके भाग जाती.
एक दिन जब उसकी मम्मी नहाने गयी तो मैं घर के अंदर आ गया. मैने उसे पीछे से पकड़ लिया.उसने कुछ नही कहा और इशारे से बताया की मम्मी नहा रही है. हम दोनो वही खड़े खड़े किस करने लगे. यह पल बोहत ही रोमांचक था क्योकि हम बाथरूम के ठीक सामने खफे थे. जैसा की हमेशा होता था किस करते ही मेरा लॅंड खड़ा हहोने लगा . मैंने ईक हाथ उसकी कमर पर रख रखा था ओर दूसरे हाथ से उसके चूतड़ दबा रहा था. फिर मैने उसका हाथ पकड़ कर अपने लॅंड पर रख दिया. पहले तो उसने हाथ एकदम से हटा लिया पर जब मैने दोबारा रखा तो उनसे उपर से ही उसे टच कर के महसूष किया . मेरा दिल तो बस खुशी के मारे झूम उठा , यह पहली बार था जब किसी लड़की ने मेरे लंड पर एहसान किया था. मैने धीरे से उससे कहा क्या तुम इसे देखना चाहती हो , उस ने कहा नही मुझे शरम आती है, फिर मम्मी भी बाहर आ सकती है. मैने किस करते हुए उससे कहा की तुम आज रात तो अपनी छत पर आ जाना. फिर मैं सोचने लगा की आधी रात को मैं कैसे उसकी छत पर पोहचू. जब मैं उनके बराबर वाले घर को देख रहा था तो मैने पाया की उनके गेट के उपर से चढ़ कर मैं छत तक पोहच सकता हूँ, और फिर वहाँ से रिंकी की छत तक जाने मैं कोई दिक्कत नही थी क्योंकि दोनो छतों की बीच बस एक 3-4 फुट की दीवार थी.जिसे मैं आसानी से पार कर सकता था. पर इसमे ख़तरा था. क्योकि , गेट से चड़ते समय आवाज़ हो सकती थी जिससे कोई जाग सकता था. तभी एक और ट्रिक मेरे दिमाग़ मैं आई. मैने देखा की पैंट वालो के पास बड़ी से सीढ़ी है जो वो हाइट पर पैंट करने के लिए लाए हैं, मैने देखा के वो उसे घर के अंदर रखे हुए हैं , मैं जा के उनके पास से वो सीधी माँग लाया- बल्ब चेंज करने के नाम पर. और फिर वापस नही की. क्योकि उन्हे भी अभी ज़रूर्रत नही थी तो यो भी वापस माँगेने नही आए. मैने प्लान की मुताबिक इस सीढ़ी का ईस्तमाल करके रिंकी की छत पर जाना था और किसी को पता भी ना लगता, बस मैं रात को कोई 10 बजे सीधे वापस करने के नाम पर उसे उनके गेट के बाहर रख आया,आंटी को बता दिया की सुबह पैंट वाले अपने आप इसे रख लेंगे.
सब कुछ सेट हो चुक्का था , मैं खुश था इस उम्मीद मैं कि हो सकता है की मुझे आज ही जॅक पॉट मिल जाए , नही तो कम से कम मैं उसके बूब्स को तो खा कर ही आउन्गा . रात एक बजे तक मैं यही सोच कर जागता रहा, नींद आई ही नही. फिर मैं चुपके से अपने कमरे से निक्कल कर बाहर गली मैं आया, गली मैं बिल्कुल अंधेरा था.मैने एक मिनिट रुक कर सब कुछ ध्यान से देखा फिर जा के सीढ़ी को चेक किया. अब मुझे घबराहट होने लगी थी ,डर लग रहा था कि कही कोई गड़बड़ ना हो गये , पर दिमाग़ मैं रिंकी का जादू कुछ इस तरह से छा चुका था कि अब वापस जाने का सवाल ही नही था,मैं राम का नाम ले कर सीढ़ीपर चढ़ गया.
|