XXX CHUDAI नौकरी के रंग माँ बेटी के संग
09-20-2017, 11:37 AM,
#15
RE: XXX CHUDAI नौकरी के रंग माँ बेटी के संग
मैंने अब बिना देरी किये अपने लंड को सुपारे तक बाहर खींचा और झटके के साथ अन्दर पेल दिया।
‘उफ्फ्फ… उम्म… हाए… समीईईर… थोड़ा धीरे… उफ्फ्फ…!’ रेणुका ने थोड़ा दर्द सहते हुए लड़खड़ाती आवाज़ में कहा और फिर मेरे होंठों को अपने होंठों से कस लिया।
मैंने ऐसे ही कुछ लम्बे लम्बे धक्के लगाये और फिर उन्हें स्लैब से अचानक उठा कर अपनी गोद में उठा लिया।
अब वो हवा में मेरी गोद में लटकी हुई थीं और अपने पैरों को मेरी कमर से लिपट कर मेरा होंठ चूसते हुए अपनी चूत में मेरा लंड पेलवाए जा रही थीं।
बड़ा ही मनोरम दृश्य रहा होगा वो… अगर कोई हमें उस आसन में चुदाई करते देखता तो निश्चय ही अपनी चूत में उंगली या अपने लंड को हिलाए या रगड़े बिना नहीं रह पाता !!
हम दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे और घमासान चुदाई का आनन्द ले रहे थे।
थोड़ी देर के बाद मेरे पैर दुखने लगे तो मैंने उन्हें नीचे उतार दिया।
अचानक से लंड चूत से बाहर निकलने से वो बौखला गईं और मेरी तरफ गुस्से और वासना से भरकर देखने लगी।
मैंने उन्हें कुछ भी कहने का मौका नहीं दिया और उन्हें घुमाकर उनके दोनों हाथों को रसोई के स्लैब पे टिका दिया और उनके पीछे खड़ा हो गया।
एक बार उन्होंने अपनी गर्दन घुमाकर मुझे देखा और मानो ये पूछने लगीं कि अब क्या… 
शायद अरविन्द जी ने उन्हें ऐसे कभी चोदा न हो… मैंने उन्हें झुका कर बिल्कुल घोड़ी बना दिया और फिर उनकी लटकती हुई गाउन को उठा कर उनकी पीठ पर रख दिया जो अब भी उनके बदन पे पड़ा था।
हम इतने उतावले थे की गाउन उतरने में भी वक़्त बर्बाद नहीं करना चाहते थे।
उनकी गाउन उठाते ही उनकी नर्म रेशमी त्वचा वाली विशाल नितम्बों के दर्शन हुए और मुझसे रहा न गया, मैं झुक कर उनके दोनों नितम्बों पे प्यार से ढेर से चुम्बन लिए और फिर अपने लंड को पीछे से उनकी चूत पे सेट करके एक ही झटके में पूरा लंड चूत में उतार दिया।
‘आआईई… ईईईईईयाह… उफ्फ… समीर… ऐसे लग रहा है… जरा धीरे पेलो…!’ अचानक हुए हमले से रेणुका को थोड़ा दर्द महसूस हुआ और उसने हल्के से चीखते हुए कहा।
‘घबराओ मत मेरी रेणुका रानी… बस थोड़ी ही देर में आप जन्नत में पहुँच जाओगी… बस आप आराम से अपनी चुदाई का मज़ा लो।’ मैंने उसे हिम्मत देते हुए कहा और अपने लंड को जड़ तक खींच खींच कर पेलने लगा।
आठ दस झटकों में ही रेणुका जी की चूत ने अपना मुँह खोल दिया और गपागप लंड निगलने लगी।
‘हाँ… ऐसे ही… चोदो समीर… और चोदो… और चोदो… बस चोदते ही रहो… उम्म्म!’ रेणुका ने अब मस्ती में आकर चुदाई की भाषा का इस्तेमाल करना शुरू किया और मस्त होकर अपनी गाण्ड पीछे ठेलते हुए लंड लेना शुरू किया।
‘लो रेणुका जी… जितनी मर्ज़ी उतना लंड खाओ… बस अपनी चूत खोलकर रखो और लंड लेती जाओ।’ मैंने भी जोश में भरकर उन्हें उत्तेजित करके चोदना जारी रखा।
‘और… और… और… जोर से मारो समीर… ठेल दो पूरा लंड को मेरी चूत में… हाँन्न्न्न… ‘ रेणुका अब और भी मस्ती में आ गई और पूरा हिल हिल कर मज़े लेने लगी।
‘यह लो… और लंड लो… चुदती जाओ… अब तो रोज़ तुम्हारी चूत में जायेगा ये लंड… और खा लो।’ मैंने भी उसकी मस्ती का जवाब उतने ही जोश में भरकर पेलते हुए दिया और दनादन चोदने लगा।
लगभग आधे घंटे की चुदाई ने हमें पसीने से भिगो दिया था और अब हम अपनी अपनी मंजिल के करीब पहुँच गए थे।
‘हाँ समीर… और तेज़… और तेज़… और तेज़… अब मैं आ रही हूँ… आ रही हूँ मैं… उम्म्मम्म… और तेज़ करो…’ रेणुका अचानक से थरथराने लगी और अपने बदन को कड़ा करने लगी।
मैं समझ गया कि अब वो अपने चरम पर है और दो तीन धक्कों में ही उसने एक जोरदार चीख मारी।
‘आआह्ह्ह्ह… उम्म्मम्म्ह… समीईईर… उम्म्मम्म… मैं… मैं… गईईईई…ईईई!’ और रेणुका ने अपना बदन बिल्कुल ढीला छोड़ दिया… 
‘उफफ्फ्फ… ओह्ह्ह्ह… मैं भी आया… मैं भी आया…’ और मैंने भी उसके साथ ही एक जोरदार झटका देकर पूरे लंड को जड़ तक उसकी चूत में घोंप दिया और उसकी लटकती चूचियों को पीछे से कस कर दबा दिया और उसकी पीठ पे निढाल हो गया।
उफ्फ्फ… ऐसा लगा मानो कई दिनों से अपने अन्दर कोई दहकता लावा जमा कर रखा था और आज सारा लावा उड़ेल कर पूरा खाली हो गया।
उस छोटी सी रसोई में बस हमारी तेज़ तेज़ साँसें ही सुनाई दे रही थीं।
हम अगले कुछ मिनट तक बिना किसी से कुछ बात किए वैसे ही पड़े रहे और मैं उनकी चूचियों को सहलाता रहा।
थोड़ी देर में मेरा लंड खुद ब खुद उनकी चूत से बाहर निकल आया और उसके बाहर निकलते ही मैंने रेणुका जी को अपनी तरफ घुमाकर अपनी बाँहों में समेट लिया।
थोड़ी देर के बाद हम एक दूसरे के शरीर से अलग हुए और एक दूसरे की आँखों में झाँका। 
रेणुका जी मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थीं और उन्होंने अपने गाउन को ठीक करना शुरू किया और अपने बदन को ढकने लगीं।
मैंने अपना हाथ आगे बढ़ा कर उनके हाथों को रोका और उनके गाउन को दोनों तरफ से अलग कर दिया।
Reply


Messages In This Thread
RE: XXX CHUDAI नौकरी के रंग माँ बेटी के संग - by sexstories - 09-20-2017, 11:37 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,538,520 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,555 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,248,146 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 943,762 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,675,776 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,099,126 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,982,492 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,160,010 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,071,221 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,533 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)