RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
लंड की टिप पर एक बूँद थी जिसे मैने जीभ लगाकर चखा. अजीब सा स्वाद
था. रघु के वीर्य से अलग, पर था बड़ा मस्त! मैं आँखे बंद करके कुत्ते
का लंड चूसने लगा. रघु अब धीरे धीरे उपर नीचे होकर टॉमी की
गान्ड मार रहा था. टॉमी मस्ती मे भोंकने लगा. रघु मुड़कर मा को
बोला. "माजी देखो, मुन्ना भी इनका दीवाना हो गया. अब तो और कुत्ते जल्दी
लाना पड़ेंगे"
मा ज़िनी से अपना चुंबन तोड़ कर बोली. "अनिल बेटे, पूरा चूस ले रे राजा, बहुत
अच्छा स्वाद आता है. हाय हाय इस ज़िनी की जीभ इतनी मीठी है कि छोड़ी नही
जाती पर अब मेरी चूत कुलबुला रही है, ज़िनी से चटवा लेती हू, बहुत अच्छा
चोदति है जीभ से." कहकर मा घुटने टेक कर ज़िनी के मूह के उपर अपनी
चूत रख कर बैठ गयी और वह कुतिया जीभ डाल डाल कर मा की बुर चाटने
लगी. मंजू अभी भी ज़िनी की चूत मे मूह डाल कर मस्ती से चूस रही थी.
रघु बोला. "अब उठ मुन्ना. अब तू भी शेरू को मेरे जैसा गोद मे ले ले. फिर मस्ती
करेंगे."
मैं कुर्सी मे बैठा. शेरू उचक कर अपने आप मेरी गोद मे आ बैठा और
मेरा मूह चाटते हुए दुम हिलाने लगा कि जल्दी करो राजा. मैने उसे उठाया
और रघु ने मेरी सहायता की. उसकी गान्ड मेरे लंड पर जमाई और फिर
सुपाड़ा कुत्ते की गान्ड मे कर दिया. "अब खींच ले उसे अपनी गोद मे, अपने
आप तेरा लंड उसकी गान्ड मे चला जाएगा."
मैने शेरू को बाहों मे भरकर नीचे खींचा और मेरा लंड पूरा
कुत्ते की गान्ड मे समा गया. आहा हा, क्या गरम मुलायम गान्ड थी! मैं
झाड़ते झाड़ते बचा. शेरू भी मस्ती मे था, हिल दुलकर खुद की ही गान्ड
मरवाने की कोशिश करने लगा.
रघु उठ खड़ा हुआ. "चल मुन्ना, बिस्तर पर चल. अब आएगा मज़ा"
वह मा और मंजू के बाजू मे अपनी करवट पर लेट गया. उसके कहने पर
मैं उसके पास उलटी तरफ से अपनी करवट पर लेट गया. रघु ने खिसककर
हमारे शरीर इस तराहा लाए कि टॉमी का लंड मेरे चेहरे के सामने था
और शेरू का रघु के सामने.
"बस हो गया, अब जुट जा, लंड चूस और गान्ड मार. स्वर्ग का मज़ा आएगा. मैं
बहुत दिन से ये आसान करने की सोच रहा था पर एक मर्द की कमी थी, अब तू आ
गया है, मज़ा आ गया. बस एक बात का ख़याल रखना, ये कुत्तों के झड़ने के
बाद ही झड़ना, कुत्तों की मलाई का स्वाद तब ज़्यादा आएगा जब लंड खड़ा
होगा" कहकर रघु ने शेरू का लंड मूह मे लिया और चुसते हुए हचक
हचक कर टॉमी की गान्ड मारने लगा. मैने भी टॉमी का लंड मूह मे
लिया और शेरू के मुलायम गरम शरीर को बाहों मे भींच कर उसकी
गान्ड मारने मे जुट गया.
क्या मस्ती थी मैं बयान नही कर सकता. हमे देखकर हमारी माओं को
भी ताव चढ़ा. मा एक दो बार झाड़ चुकी थी, अब उसे ज़िनी की चूत मूह मे लेनी
थी. मंजू को हटाकर मा अपनी बुर अपनी उंगली से खोदती हुई ज़िनी की चूत
मूह मे लेकर आम जैसे चूसने लगी और मंजू ज़िनी की जीभ अपनी बुर मे
डालकर उससे सदका लगाने लगी.
मेरे और रघु के बीच दोनों कुत्ते दबे हुए थे. हम घचा घच उनकी
मार रहे थे. वी भी अपनी कमर हिलाकर भरसक हमारे मूह चोद रहे
थे. अपनी जीभ से वे हमारे पेट और जांघे चाट रहे थे. टॉमी का लंड
अब मेरे मूह मे तड़प सा रहा था. इतना मुलायम और रसीला लंड था की
लगता था कि चबा कर खा जाउ. जोश मे मैने एक बार उसे काट भी खाया.
शेरू बेचारा कीकियाने लगा. मुझे लगा कि भोंकने ना लगे पर शेरू को
शायद आदत थी. समझदार भी था. सिर मोड़ कर मेरी ओर देखा और जीभ
निकालकर हाँफने लगा. लगता था जैसे उसकी आँखें कह रही हो कि यार
चलो माफ़ किया, मैं जानता हू कि मेरा लंड ऐसा शानदार है, तुम चबा
जाना चाहते हो तो ठीक है पर काटो तो मत!
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