RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
"अब बना है मादरचोद! चोद डाल अपनी अम्मा को, साली महा रंडी कुतिया है दस दस लन्डो से चुदवा कर ही मन नहीं भरेगा इसका धंधा करे तो बहुत पैसा कमाएगी ये रंडी! तू क्या कर रहा है मूरख? जल्दी मख्खन ला!" मंजू रघू पर झल्लाई रघू मख्खन लेकर वापस आया और बिस्तर पर हमारे पास बैठकर मेरी गान्ड मे चुपडने लगा
मंजू भी आकर बैठ गयी और रघू के लौडे मे मख्खन लगाने लगी रघू का लंड अब बुरी तरह उछल रहा था आदमी नहीं, घोड़े के लंड जैसा लग रहा था देखकर मा सिहर कर बोली "ये डालोगे मेरे फूल जैसे बच्चे की गान्ड मे? मर जाएगा बेचारा! अनिल बेटे, तूने सच मे मराई थी कल? ले लेगा तू ये अपनी गान्ड मे?"
मैं हुमक कर बोला "हाँ अम्मा, ले लूँगा दुखता ज़रूर है मा पर बहुत मज़ा आता है मुझे"
रघू ने अपनी उंगलियाँ चाटी और मेरे नितंब एक बार चूम कर मेरे उपर चढ गया लंड मेरी गुदा पर जमा कर पेलने लगा मंजू ने मेरे चूतड फैलाए और सट से उसका सुपाडा मेरी गुदा मे उतर गया गान्ड मे भयानक टीस उठी और मेरे मुँहे से एक हल्की सी चीख निकल गयी मा ने चिंतित स्वर मे पूछा "ठीक है ना तू बेटे?" मैने मूंडी हिलाकर हामी भरी
"मालकिन, यही मौका है, अपनी चूची इसके मुँह मे दे दो इसका मुँह भी बंद रहेगा और अपनी मा का दूध भी पी लेगा घबराओ मत, इसे अगर सच मे तकलीफ़ होती तो यह भागने की कोशिश करता पर देखो कैसे आराम से पड़ा है तुम्हारी चूत मे लंड डाले" मंजू ने मा को समझाया
मा ने मेरा सिर अपनी छाती पर दबाकर एक निपल मेरे मुँह मे दे दिया धडकते दिल से मैं उसे चूसने लगा मा का दूध? मैं कितना भाग्यवान था! जब मीठे गरम दूध की फुहार मेरे मुँह मे छूटी तो मा के प्रति प्यार और वासना से मैं रोने को आ गया आँखें बंद करके चूची हाथों मे पकडकर नन्हे बच्चे जैसा चूसने लगा
मा भी हुमक पडी "हाय, मेरा बेटा आज मेरा दूध पी रहा है मुझे चोदते चोदते मेरी छाती का रस पी रहा है मंजू मैं तो धन्य हो गयी" कहकर वह नीचे से मुझे चोदने लगी
सुपाडा मेरी गान्ड मे उतारकर रघू अब तक शांत बैठा था अब उसने फिर लंड पेलना शुरू किया बहुत प्यार से इंच इंच करके उसने अपना दस इंची लौडा आख़िर जड तक मेरे चूतडो के बीच उतार दिया आज मुझे थोड़ा कम दुखा बीच बीच मे टीस उठने से जब मैं कसमसा उठता तो रघू पेलना बंद कर देता मा मेरे सिर को और ज़ोर से छाती पर भींच लेती और अपनी चूची मेरे मुँह मे अंदर तक ठूंस देती
मा बार बार सिर उपर करके मेरी गोरी नाज़ुक गान्ड मे रघू का मूसल घुसता देख रही थी ये नज़ारा देख कर उससे ना रहा गया और बोली "क्या कमाल है, इतनी नाज़ुक गान्ड मे कैसे जा रहा है यह घोड़े जैसा लंड? और मुन्ना भी मस्त है इसका और खड़ा हो गया है! गान्ड फटी कैसे नहीं इसकी बड़ा आश्चर्य है मंजू बाई"
रघू जड तक लंड उतारकर शांत बैठ गया "अंमाजी गान्ड बनी ही है मारने के लिए, फटेगी कैसे? अब तो आपको विश्वास हो गया? चलिए अब मैं मारता हूँ रहा नहीं जाता इस मुन्ना की गान्ड यानी स्वर्ग की सैर है"
मुझपर लेट कर रघू मेरी मारने लगा मुझे बोला "तू चुपचाप पड़ा रह राजा, और मा का दूध पी तुझे मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है मैं करता हूँ जो करना है" उसके धक्कों से मेरा लंड अपने आप मा की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था
हमने मन भर कर चुदाई की रघू के धक्के धीरे धीरे तेज हो गये अंत मे वह पूरे ज़ोर से अपना लंड करीब करीब पूरा मेरे चूतडो के बीच अंदर बाहर कर रहा था फ़चाफ़च आवाज़ आ रही थी हांफता हुआ रघू बोला "देखिए मालकिन, ऐसे मारी जाती है गान्ड, मुन्ना के चेहरे पर के आनंद को देखिए, उसे मैने स्वर्ग मे पहुँचा दिया है अब आप भी आज रात मरवा लीजिए और मुझ पर दया कीजिए"
अम्मा अचानक झड गयी और सिसकारी भरने लगी "मेरे बेटे ने मुझे चोद डाला मंजू, साले मादरचोद ने क्या झड़ाया है री अपनी अम्मा को रघू बेटे, मार ले मेरी गान्ड पर बहुत दुखेगा रे राजा"
मंजू बोली "अनिल बेटे और रघू, ज़रा चोदना बंद करो और मेरी बात सुनो" फिर मुड कर मा को बोली "मालकिन, ऐसा करो, अब मुन्ना से अपनी गान्ड मरवा लो, वो अभी झडा नहीं है उसका लंड छोटा है, आप आराम से मरवा लोगी उसके झडने के बाद तुरंत रघू से मरवा लेना"
अम्मा और रघू दोनों को बात जच गयी रघू ने उठकर मुझे अम्मा के उपर से उठाया उसका लंड अभी भी मेरी गान्ड मे गढ़ा था मंजू बोली "अरे लंड बाहर निकाल मूरख, मुन्ना को आराम से अपनी मा की मारने दे"
रघू बिचक कर बोला "बहुत अच्छा लग रहा है अम्मा, निकाला नहीं जा रहा है पूरा चोद दूं मुन्ना को?"
"अरे कल रात भर मारी उसकी, अभी भी आधे घंटे से मार रहा है, बाद मे भी रोज मारना है, आज निकाल ले, तेरा लंड मस्त मोटा है अभी, झड कर दूसरी बार खड़ा होगा तो इतना मोटा नहीं होगा मैं चाहती हूँ तू इस रंडी की गान्ड अपने सनसनाते लंड से मारे, तब तो मज़ा आएगा हरामन को, नहीं तो सस्ते मे छूट जाएगी अब ये हलब्बी सांड़ सा लौडा चूतडो के बीच गढ़ेगा तो देखना कैसे बिलबिलाएगी साली" मंजू ने समझाया
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