RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
"वाह रे बड़ा आया सिफारिश करने वाला तू मरवा कर दिखा एक बार ज़रा मैं भी देखूं कितना दम है तुझमे?" मुझे उलाहना देते हुए मा बोली रघू अब मा की चूत चूस रहा था तुरंत उठकर मुझसे बोला "मुन्ना आ जा मेरे राजा, मैं तेरी गान्ड मार लूँ अरे तेरी गान्ड तो सोना है रे मेरे प्यारे फिर मालकिन भी मरवा लेगी तेरी मा की ये गोरी पहाड सी गान्ड मारने को मैं मरा जा रहा हूँ"
मुझे उसका यह वर्णन बहुत अच्छा लगा सच मे मा वैसे भी खाए पिए मासल बदन की थी पर उसके कूल्हे अच्छे चौड़े थे और चूतड भी तरबूज जैसे थे पहाड सी गान्ड! रघू के ये शब्द सुनकर मुझे मज़ा आ गया
मैने मंजू की ओर देखा वैसे मैं मरवाने को तैयार था रघू के उस मतवाले लंड के फिर से अपनी गुदा मे घुसने की कल्पना से ही मैं सिहर उठा था, रोमाच से और कुछ डर से बहुत दुखा था मुझे रघू का लेते हुए
मंजू मेरे मन की बात समझ गयी मुझे पुचकार कर बोली "मरवा ले मुन्ना आज नहीं दुखेगा दिखा दे तेरी छिनाल मा को, मरवाना क्या होता है और तू इतना बहादुर है, चल मैं तेरी अम्मा तुझसे चुदवा देती हूँ तू अपनी मा चोद और मेरा बेटा तुझे चोदेगा क्यों मालकिन, है मंजूर?"
मा बड़े नखरे से मुस्कराई और हाँ कर दी शायद उसने सोचा हो कि मैं घबरा जाऊ और मना कर डू पर यह भी हो सकता है कि अम्मा सच मे गान्ड मराने को तैयार थी, बस मेरी गान्ड चुदते देखना चाहती थी इसलिए बहाना कर रही थी
जो भी हो, मैं तैयार हो गया अपनी मा को चोदने के लिए मैं मरा जा रहा था जहाँ से मैं निकला था वहीं अपना लंड घुसेडना चाहता था
मंजू बहुत खुश हुई मुझे उठाकर मा तक ले गयी अम्मा के चूतडो के नीचे तकिया रख कर उसकी कमर उठाई और मुझे बोली "चढ जा बेटे अपने मा पर चोद डाल हरामन को रघू, मख्खन ले आ बेटे"
मैं काँपता हुआ मा की टाँगों के बीच बैठा और झुक कर अपना लंड मा की चूत पर रख कर पेलने लगा उस गीली चिपचिपी बुर मे मेरा लंड सट से समा गया अम्मा ने हल्की सिसकारी भरी और मुझे खींच कर अपने उपर सुला लिया "हाय बेटे, कितना कड़ा है रे तेरा लंड, और कैसा उछल रहा है मछली जैसा" फिर मुझे चूमते हुए उसने अपनी टाँगें मेरी कमर के दोनों ओर जकडी और चूतड उछाल कर खुद ही चुदवाने लगे
मैं मा को चोदने लगा ढीली बुर थी फिर भी मज़ा आ रहा था आख़िर मेरी मा की चूत थी! मैने कस कर मा को बाँहों मे भींचा और हचक हचक कर चोदने लगा
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