RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
मा ने मुझे पूछा "रघू ने कैसा प्यार किया तुझे बेटे? तकलीफ़ तो नहीं दी?" उसकी आँखों मे चिंता के साथ साथ एक उत्तेजना भी थी
मैं क्या कहता? रघू के लंड ने मेरी गान्ड को जैसा दुखाया था उसके कारण कहने वाला था कि मा बहुत दुखा, रघू ने तो मेरी गान्ड करीब करीब फाड़ ही दी पर यह भी याद आया कि क्या मज़ा आया था रघू से मरवा कर और उसका लंड चूस कर रघू की गान्ड मार कर जो आनंद मिला था वह भी मेरे दिमाग़ मे ताज़ा था और रघू मुझे कितना प्यार करता था यह भी मैं जानता था
मैं बोला "बहुत मज़ा आया अम्मा, रघू और मंजू बाई ने मिलकर बहुत मस्त प्यार किया मुझे थोड़ा बदन दुख रहा था और थक गया था इसलिए स्कूल नहीं गया आज इन्हें भी सोने दो मा अपने साथ, मज़ा आएगा"
मा आश्वस्त हुई पर उसकी आँखों मे एक प्रशंसा की भावना थी उसे मालूम था कि रघू ने मेरे साथ क्या किया होगा! सोच रही होगी कि उसके बित्ते भर के बच्चे ने आख़िर कैसे रघू का लंड झेला होगा?
रात का खाना जल्दी खतम कर के हम सब मा के कमरे मे आने की तैयारी करने लगे रघू के कुरते मे से बड़ा तम्बू दिख रहा था मा और मंजू उसे देख कर हँस रही थीं दिन भर के आराम से रघू का लंड मस्ता गया था उधर मा और मंजू भी बार बार एक दूसरे को चिपट लेती थीं उनसे भी रहा नहीं जा रहा था दो दिन के आराम से लगता है, मा भी एकदम गरमा गयी थी
रघू मुझे गोदी मे उठाकर चूमता हुआ मा के कमरे मे लाया अंदर आते ही उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए उधर मंजू भी फटाफट नंगी हो गयी मेरे तने लंड को रघू ने चूमा और अपनी धोती कुरता उतारकर नंगा हो गया उसका महाकाय लंड एकदम तन कर खड़ा था
मा हम सब को देख रही थी वह भी इतनी गरमा गयी थी कि पलंग पर बैठी बैठी अपनी जांघें रगडते हुए हमे देख रही थी मेरे लंड को वह बड़ी भूखी नज़रों से देख रही थी मेरा लंड रघू के लंड का तिहाई होगा पर मेरी मा को अपने प्यारे बच्चे का लंड मिठाई जैसा लग रहा होगा
"अम्मा, तुम भी कपड़े निकालो ना!" मैने मचल कर कहा
"क्यों नालायक, अपनी मा की चुचियाँ और बुर देखने को मरा जा रहा है? अरे मैं तेरी मा को नंगा करूँगी तेरे सामने रघू बेटे, मुन्ना को गोद मे ले ले और पकड़ कर रख, नहीं तो अम्मा की जवानी देख कर मुठ्ठ मारने लगेगा शैतान" मंजू मा को पकड़ कर उसकी साड़ी खींचती हुई बोली
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