RE: Sex Kahani सानिया की मम्मी
फिर मैंने एक जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो हल्की आवाज़ में चिल्लाने लगी, “आआहह आआहहहह आआआआआ और कर.... बहुत मज़ा आ रहा है मेरे जानू... मुझे ऐसे ही चोदते रह.... ऊऊऊऊ ओहहहह आआआआहहहह।” मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा और करीब सात मिनट तक मैं लगातार झटके लेता रहा। उसके बाद उन्होंने कहा कि, “अब मैं तेरे ऊपर आती हूँ।”
मैंने कहा “ठीक है”, और मैं लेट गया। वो मेरे ऊपर आ गयी और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत से मिलाया और मेरे लंड पर अपनी चूत को दबाती चली गयी। मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस चुका था। अब वो जोर-जोर सी झटके मारने लगी और मैं उनकी गाँड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। फिर मैंने अपना हाथ उनकी चूंची पर रखा और उसे दबाने लगा।
वो और जोर-जोर से आवाज़ निकालने लगी, “ऊँऊँऊँऊँहहहह आआआआआहहहह ओहहह आँआँआँ” और बोलने लगी, “आज बहुत दिनों बाद ऐसा कोरा जवान लंड मिला है!” हम लोग अपने आप में इस तरह खोये हुए थे कि कब सानिया आ गयी पता ही नहीं चला। जब सानिया आयी थी तो आयशा आँटी मेरे ऊपर थी और जोर-जोर से झटके मारते हुए कह रही थी कि. “आज बहुत मज़ा आ रहा है... तू रोज आकर मुझे चोदा कर!”
सानिया ये सब अपनी आँखों से देख रही थी और फिर सानिया चुपचाप अंदर चली गयी। अपने मम्मी को किसी गैर-मर्द से चुदते देखना सानिया के लिए कोई नयी बात नहीं थी क्योंकि आयशा आँटी तो हमेशा किसी नये लंड की तलाश में ही रहती थी। करीब पंद्रह मिनट के बाद आयशा आँटी मेरे ऊपर से हटी और बोली, “आज बहुत मज़ा आया!”
तब मैंने कहा, “आपको तो मज़ा आ गया लेकिन मेरा तो अभी बाकी है!” और ये कहते हुए मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वो सिसकते हुए बोली, “बस कर... अब और नहीं... तुम जवान लड़कों को तो तसल्ली ही नहीं होती…!” तब मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और जोर से उनके होंठों को चूसने लगा। अब वो आवाज़ नहीं कर पा रही थी और मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा। तभी मैंने देखा कि सानिया कमरे के दरवाजे के पीछे से सब कुछ देख रही है और अपने चूंची को अपने हाथों से दबा रहे है। ये देख कर मैं और जोश में आ गया और आयशा आँटी को जोर-जोर से चोदने लग।
करीब पंद्रह मिनट के बाद मैं भी हल्का हो गया और हल्का होकर आयशा आँटी की बगल में ही लेट गया। वो अपने लिपस्टिक वाले होठों से मेरे होठों को चूमते हुए बोली, “आज बहुत मज़ा आया... तेरा दिल जब भी चोदने को करे तो तू मेरे पास आ जाया कर!”
मैंने कहा, “ठीक है!” फिर मैंने आँटी से कहा कि “क्या लड़की को चोदने में और ज्यादा मज़ा आता है?” तो वो बोली कि “तू चिंता मत कर... तेरा इशारा मैं समझ रही हूँ... तू ईद की रात में करीब बारह बजे के आस पास घर आना। उस समय तेरे अंकल भी घर पर नहीं रहेंगे क्योंकि वो दस बजे की ट्रेन से कुछ दिनों के लिये टूर पे जा रहे हैं और मैं तुम और सानिया… तीनों एक साथ चुदाई करेंगे!”
ये सुनकर मैं चौंक गया और उनसे कहा कि “क्या आप को खराब नहीं लगेगा जब मैं आपके सामने ही सानिया को चोदूँगा?”
आयेशा आँटी बोली, “खराब क्यों लगेगा…? सैक्स के मामले में मैं बेहद ओपन हूँ... और आखिर मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेटी की चूत चोदने में तुझे ज्यादा मज़ा आता है या मेरी चूत चोदने में!”
तब मैंने कहा, “ठीक है आँटी... मैं बारह बजे आ जाऊँगा!”
ईद की रात को मैं जल्दी से बारह बजने का इंतज़ार करने लगा। मन में उत्तेजना थी कि आज सानिया को भी चोदूँगा। सानिया की चूत कैसी होगी, यही सोच कर उत्तेजित हो रहा था मैं। बड़ी मुश्किल से रात के बारह बजे। मैं किसी तरह से चुपचाप सानिया के घर गया। मैं घर के पीछे वाले दरवाज़े से गया था जिससे कोई देख ना सके। जब मैं घर में गया तो देखा कि ड्राइंग रूम में आयशा आँटी मैरून रंग का बहुत ही सैक्सी गाऊन और मैरून रंग के ही हाई पैंसिल हील के सैंडल पहन कर बैठी थी और एक हाथ में शराब का ग्लास पकड़े किसी से फोन पर बातें कर रहे थी। मुझे देख कर बोली, “आ गये तुम!”
मैंने कहा, “हाँ! बहुत मुश्किल से तो रात के १२ बजे हैं... मैं बहुत बेचैनी से रात के बारह बजने का इंतज़ार कर रहा था!”
मैंने पूछा, “आँटी! सानिया कहाँ है?”
आयशा आँटी बोली, “इतने बेचैन क्यों हो रहे हो, आज की रात तुम्हें जो कुछ भी करना है, सब कुछ कर लेना, आज सानिया को ऐसे चोदो कि उसे भी मज़ा आ जाये!”
मैंने कहा, “हाँ आँटी! आप ही का शागिर्द हूँ.. आज सानिया को मैं ऐसे ही चोदूँगा!”
उसके बाद आँटी बोली कि, “शराब तो तू पीता ही है... है ना?” और एक ग्लास में थोड़ी शराब निकाल कर मेरी तरफ़ बढ़ा दिया। मैं चुपचाप उसे पीने लगा। मैंने उनका ग्लास खाली देखा तो मैंने कहा, “आँटी आप भी पियो ना…” तो आयेशा आँटी बोली, “ठीक है एक पैग और पी लेती हूँ... वैसे मैं व्हिस्की के चार पैग तो पी चुकी हूँ और नशा भी हो रहा है… कहीं टुन्न होके लुढ़क ना जाऊँ!”
मैंने कहा, “कुछ नहीं होगा आँटी... वैसे भी शराब की पूरी बोतल से ज्यादा नशा तो आपके हुस्न में है...!”
“इसमें तो कोई शक नहीं... तो ले फिर हो जाये!” आयेशा आँटी अपना ग्लास भरके हंसते हुए बोली और हम दोनों चीयर्स करके पीने लगे।
तभी मैंने दरवाज़े के पास देखा कि सानिया वहाँ खड़ी है और मुझे बहुत ध्यान से देख रही है। मुझ पर शराब का हल्का सा नशा हो गया था। मैं वहाँ से उठा और सानिया के पास गया और उसे ईद की मुबारक बोल कर उसके होठों पर किस कर लिया। वोह कुछ नहीं बोली। मैंने कहा की, “कम से कम सानिया तुम मुझे ईद की बधाई ही दे दो जैसे मैंने तुम्हें दी है…!” वो शरमा गयी और वहाँ से जाने लगी। तभी आयशा आँटी ने उसे रोक और कहा, “सानिया बेटा! राजू को ईद मुबारक तो बोल दो, जैसे वो कह रहा है!”
तब सानिया ने कहा कि “मम्मी मुझे आपके सामने शरम आती है... मैं किस नहीं करूँगी!”
तो आयशा आँटी ने कहा, “बेटा मुझसे कैसी शरम? मैं तो तुम्हारी अम्मी हूँ और हम दोनों को सहेलियों की तरह रहना चाहिए… कभी मैंने तुमसे शरम की है क्या?”
ये सुनकर सानिया थोड़ी सी मेरी तरफ़ बढ़ी और बोली, “यहाँ नहीं। अंदर के रूम में चलो!”
आयशा आँटी ने भी कहा, “ठीक है तुम लोग अंदर चले जाओ, मैं अभी थोड़ी देर में आती हूँ।”
उसके बाद सानिया मुझे अंदर के रूम में ले गयी। सानिया ने उस समय सिर्फ़ स्कर्ट और एक हल्के रंग की शर्ट पहन रखी थी। उसकी स्कर्ट उसके घुटनों तक ही थी जिससे उसकी गोरी-गोरी टाँगें दिख रही थी। आयेशा आँटी की तरह सानिया ने भी आज हाई हील के बेहद सैक्सी सैंडल पहन रखे थे। मैंने सानिया को पकड़ कर उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसे किस करने लगा। मैं उसके होठों को चूसता रहा और वो भी मेरा साथ दे रही थी। वैसे हम पहले भी कईं दफा किस कर चुके थे। फिर मैं धीरे से अपने हाथ से उसकी शर्ट के बटन खोल कर उसकी एक चूंची अपने हाथ से दबाने लगा। जब मैं उसकी चूंची को दबा रहा था तो उसका चेहरा बहुत ही उत्तेजित लग रहा था। उसके बाद मैंने उसकी शर्ट खोल दी। अब उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सामने थीं क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैं देख कर हैरान रह गया कि सानिया की चूचियाँ कितनी अच्छी हैं। मैं यही सोचने लगा कि सानिया के कपड़ों के ऊफर से मैंने इन्हें मसला था लेकिन कभी नंगी नहीं देखी थीं।
उसके बाद मैंने सानिया को उसी तरह से बेड पेर लिटा दिया और मैं उसकी बगल में लेट कर उसकी एक चूंची को चूसने लगा और दूसरी चूंची को अपने एक हाथ से दबाने लग। वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी थी। धीरे-धीरे मैंने उसकी स्कर्ट भी खोल दी। अब सानिया सिर्फ़ पैंटी और हाई हील सैंडलों में थी। मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लग। वो उत्तेजित होकर मुझसे लिपट गयी और मैं उसके होठों को जोर से चूसने लग गया, और फिर मैंने उसके पैंटी भी खोल दी। उसके चूत क्लीन शेव्ड थी। उसकी क्लीन शेव्ड चूत देखकर तो मेरा लंड रॉड के तरह टाईट हो गया। मैं उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाता रहा और फिर उसकी चूत पर अपना मुँह लगाकर उसकी चूत को चूसने लगा।
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