RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मैं तब हीना की चूचियों को पकड़ कर पेशाब करने लगा। मुझे पेशाब करते हुए अभी सिर्फ़ दस-पंद्रह सेकँड ही हुए थे कि हीना ने झुक कर मेरा लंड जिसमे से अभी भी पेशाब निकल रहा था, अपने मुँह में भर लिया और मेरी तरफ़ देख कर मुझे आँख मार दी। हीना मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर मेरे पेशाब को गटागट पीने लगी और जब मेरा पेशाब निकलना बँद हो गया तो उसने मेरे लंड को मुँह से निकाल कर जीभ से अपने होठों को साफ़ किया और बोली, “मज़ा आ गया। यह तो स्कॉच से भी ज्यादा अच्छा था। मुझे कईं दिनों से अरमान थी कि मैं किसी जवान मर्द के तगड़े लंड से निकलता हुआ पेशाब पीयूँ और आज मेरी ख्वाहिश पूरी हुई। थैंक्स।”
मैंने तब आगे बड़ कर हीना को चूम लिया और हम लोग वापस कमरे में आ कर पलंग पर बैठ गये। हीना झट से लेट गयी और मेरे सीने में अपना एक हाथ फेरती रही। थोड़ी देर के बाद मैं हीना से बोला, “यार तू बहुत ही सैक्सी चीज है। मुझे तो लगता है कि तूने अब तक बहुत से लंड अपनी चूत को खिलाये होंगे। बोल ना कितने लंड खाये अब तक?”
हीना मेरी तरफ़ देख मुस्कुरा दी और बोली, “मुझे तो अब याद भी नहीं कि मैं अब तक कितने लंड खा चुकी हूँ अपनी चूत में। छोड़ यह सब बातें और चल हमलोग फिर से शूरू करें अपनी चुदाई की दास्तान।”
मैं तब अपने एक हाथ से हीना की चूत्तड़ों को सहलाता हुआ बोला, “यार मेरी जान, तू उस समय इतना बिदक गयी जिसकी कोई इन्तहा नहीं। मुझे तो ऐसा लगा कि सचमुच मुझे अपने ऊपर से हटा कर तू मुझे अपने कमरे में भेज देगी।”
हीना तब बोली, “और क्या मुझे बहुत गुस्सा आ गया था। साले तू बात ही ऐसी कर रहा था। जब औरतों को मरवाने के लिए अल्लाह ने चूत दी है तो गाँड क्यों मरवायी जाये? अच्छा अब बहुत हो गया है और थोड़ी देर के बाद सुबह भी हो जायेगी। ला अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दे, मुझे तेरे लंड का रस चूस-चूस कर पीना है।”
“अभी लो हीना रानी, और मुझे एक बर फिर से तुम्हारी चूत को चाट-चाट कर उसका रस पीना है” मैं हीना के मुँह के पास अपना लंड रख कर बोला।
हीना ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया और मैंने भी हीना की चूत से अपना मुँह लगा दिया। मैं हीना की चूत अपनी उँगलियों से खोल कर जितना हो सकता था अपनी जीभ अंदर डाल कर उसके रस को चाट-चाट कर पीने लगा और हीना भी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने चाटने लगी। मैं हीना की चूत चाटते हुए कभी-कभी उसकी गाँड में अपने उँगली फेर रहा था और जब-जब मैं गाँड में उँगली फेर रहा था तब-तब हीना अपनी गाँड को भींच रही थी। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर हीना मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर बोली, “क्यों मेरी गाँड के पीछे पड़ा है, गाँडू? तुझे चूत चाहिए थी और तुझे चूत मिली। अब मेरी गाँड पर से अपनी नज़र हटा ले और चल अब मुझे चोद। मैं अब फिर से अपनी चूत में तेरा मोटा लंड खाने के लिए तैयार हूँ।”
तब मैं हीना की चूत से अपना मुँह हटाते हुए बोला, “अरे हीना रानी क्यों नाराज़ हो रही हो। तुझे गाँड नहीं मरवानी है, मत मरवा। लेकिन मुझे कम से कम अपनी गाँड से खेलने तो दे?”
तब हीना बोली, “ठीक है, लेकिन गाँड में ना तो उँगली करना और ना ही अपना लंड पेलना।” इतना कह कर हीना ने अपनी पीठ के बल लेट कर अपनी टाँगों को ऊपर उठा दिया और बोली, “चल पेल अपना लंड मेरी चूत में और फाड़ दे मेरी चूत अपने लंड के धक्के से।”
मैं तब हीना की चूची दबाते हुए बोला, “हीना रानी, मैं अब तुझे कुत्ते की तरह पीछे से चोदना चाहता हूँ। चलो अब तू कुत्तिया बन जा।”
हीना मेरी बातों को सुन कर बोली, “अरे मैं तो कुत्तिया पहले से ही बन गयी हूँ और तभी तो तेरे मोटे हलब्बी लंड से अपनी चूत चुदवा चुकी हूँ। चल तू कहता है तो मैं तेरे लिए कुत्तिया बन जाती हूँ और तू मुझे एक कुत्ते कि तरह से चोद।”
इतना कहकर हीना अपने घुटनों के बल बिस्तर पर उकड़ू हो गयी और अपने हाथ बिस्तर पर टिका दिये। मैं झट से उठ कर हीना के पीछे बैठ गया और जैसे कुत्ता कुत्तिया की चूत सूँघता है वैसे मैं भी हीना की चूत सूँघने लगा। मेरी हरकतों को देख हीना हँस पड़ी। तब मैं अपनी जीभ निकाल कर हीना की चूत को पीछे से चाटने लगा और हीना भी अपनी कमर को हिला-हिला कर और घुमा-घुमा कर अपनी चूत मुझसे चटवाती रही। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर मैंने अपना मुँह उठा कर हीना की गाँड को चूम लिया और उसकी गाँड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी। हीना चौंक उठी लेकिन कुछ नहीं बोली। मैंने फिर हीना की गाँड के छेद से अपनी जीभ लगा दी और फिर उसकी गाँड को चाटने लगा। हीना तब भी चुप रही।
फिर मैंने अपनी एक उँगली हीना के गाँड से लगायी तो हीना उछल पड़ी और बोली, “साले भड़वे, क्या तेरे को मेरी चूत पसंद नहीं है? तब से तु मेरी गाँड के पीछे पड़ा हुआ है। मैं पहले भी बता चुकी हूँ और फिर बोल देती हूँ कि मुझे गाँड नहीं मरवानी है। तू मेरी चूत चाहे जितनी भी चोद ले मुझे कोई एतराज़ नहीं, लेकिन गाँड में मैं लंड नहीं लूँगी। लगता है तू भी मेरे शौहर जैसा गाँड का शौकीन है।”
तब मैंने हीना की गाँड को छोड़ दिया और उसकी चूत के मुहाने से अपने लंड का सुपाड़ा लगा दिया। लंड का सुपाड़ा लगते ही हीना अपनी कमर आगे पीछे हिलाने लगी और बोली, “पेल मेरी चूत के परवाने, पेल मेरी चूत में अपना लंड पेल। ज़ोरदार धक्कों के साथ लंड पेल और मेरी चूत को रगड़ कर चोद।”
मैं भी हीना की कमर पकड़ कर उसकी चूत में दनादन अपना लंड घुसेड़ने और बाहर खींचने लगा। हीना भी अपनी कमर हिला-हिला कर मेरा लंड अपनी चूत को खिलाने लगी और बोली, “मार ले आज, मार ले मेरी चूत। इसकी धज्जियां उड़ा दे अपने लंड की चोटों से। साली को बहुत गुमाँ है कि मोटे से मोटा लंड भी इसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। चोद मेरी चूत को और और तेऽऽऽज़ चोद....... और समझा दे मेरी चूत को कि मोटे लंड से चुदवाने का मतलब क्या होता है। हाय! चूत बहुत फैल गयी है!”
मैं हीना की बात सुनता जा रहा था और उसकी कमर पकड़ कर चोदता जा रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं हीना की पीठ पर झुक गया और उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों से मसलने लगा। हीना और मस्त हो गयी और अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाने लगी। तब मैंने अपने एक उँगली पर थोड़ा थूक लगा कर हीना की गाँड के छेद से भिड़ा दिया और गोल-गोल घुमाने लगा। हीना कुछ नहीं बोली। फिर मैंने हीना की पीठ पर फैलते हुए उसकी एक चूची को जोर से पकड़ लिया और अपनी उँगली हीना की गाँड में घुसेड़ दी। हीना छटपटाई लेकिन मैंने भी जोर से पकड़ रखा था और इसलिए वो कुछ नहीं कर पायी। मैं तब अपनी उँगली को हीना की गाँड के अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद हीना शाँत हो गयी और चुपचाप अपनी चूत चुदवाने लगी।
एकाएक मैंने अपना लंड हीना की चूत में से निकाल कर हीना की गाँड के छेद पर रखा और एक झटके के साथ लंड को पूरा का पूरा हीना की गाँड में पेल दिया। हीना एकाएक चौंक उठी और चिल्लाने लगी, “ओहहहह! आआहहहह! मरररर गयीईईईई। निकाल...... मेरी गाँऽऽऽआँड में से अपना लंड। मैं मरररर जाआआऊँगीईईईईईई। हाय अल्लाऽऽऽआह! मेरी गाँऽऽऽआँड फट गयीईईईईईई। ओहहहह! आआहहहह! ओहहहह ओहहहह ।”
मैं हीना की बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी गाँड अपने लंड से पेलता रहा। हीना चिल्ला रही थी, “हाय! माऽऽऽआर डाऽऽऽला, अरे निकाल....... अपना लौड़ाऽऽऽऽ मेरी गाऽऽऽऽआँड से.........। साले...... मादरचोद मुफ़्त का माल मिला है तभी मेरी गाऽऽऽआँड फाऽऽऽऽआड़ रहा है। अबे मदरचोद अपना लौड़ा मेरी गाँड से जल्दी निकाल।”
मैं हीना की बातों को ना सुनते हुए अपना लंड उसकी गाँड में पेले जा रहा था और थोड़ी देर के बाद पूछा, “हीना मेरी जान तेरी गाँड बहुत प्यारी है। इतनी टाईट है कि मेरा लंड फँस-फँस कर अंदर घुस रहा है।”
इतना कह कर मैंने अपने एक हाथ से हीना की चूत में अपनी एक उँगली पेल दी और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा और धीरे-धीरे हीना का चिल्लाना कम हो गया। अब वो मेरे हर धक्के के साथ साथ “ओहहहह! ओहहहह! आहहहह आहहहह हाय!” कर रही थी।
मैंने दो-चार और धक्के मार कर हीना से पूछा, “हीना रानी, अब कैसा लग रहा है? अब तेरी गाँड में मेरा लंड घुसा हुआ है, तेरी चूत में मेरी उँगली घुसी हुई है और तेरी एक चूची मेरे हाथों से मसली जा रही है। बोल अब कैसा लग रहा है। मज़ा आ रहा है कि नहीं?”
तब हीना अपना चेहरा मेरी तरफ़ घूमा कर बोली, “साले मादरचोद, पहले तो मेरी गाँड फाड़ दी अपना लौड़ा घुसा कर और अब पूछ रहा है कि कैसा लग रहा है? साले भोंसड़ी के, चल जल्दी-जल्दी से मेरी गाँड में अपने लंड से जोर-जोर के धक्के लगा और मेरी गाँड को भी मेरी चूत जैसे फाड़ दे। हाय अब काफी अच्छा लग रहा है। अब मार न मेरी गाँड, चोद साले, चोद मेरी गाँड।”
इतना कह कर हीना अपनी कमर चला कर मेरे लंड को अपनी गाँड के अंदर बाहर करने लगी। तब मैं बोला, “अब क्या हो रहा है हीना? अब तो तू खुद ही मेरे लंड को अपनी गाँड से खा रही है। अब सब दर्द खतम हो गया है क्या?”
हीना तब मुस्कुरा कर बोली, “पहले तो तूने मेरी गाँड में अपना मोटा गधे जैसा लंड घुसा कर मेरी गाँड फाड़ दी और अब पूछता है कि अब कैसा लग रहा रहा है? चलो अब बातें बाद में करना। अब मेरी बची खुची गाँड को और फाड़ दे। मुझे तुझसे गाँड मरवा कर बेहद अच्छा लग रहा है।”
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