RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मैं तब जोर-जोर से हीना की चूत में अपना लंड पेलने लगा और फिर हीना को चूम कर मैंने उससे पूछा, “मेरी जान, मुझे एक बात समझ में नहीं आयी, वो यह कि जितनी तेरी चूत शानदार है उतनी हे तेरी ज़ुबान गंदी है। कहाँ से सीखी इतनी गंदी-गंदी गालियाँ?” कहानी की नायिका हिना है!
हीना तब नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत में पिलवाते हुए बोली, “अरे छोड़ भी अब, यह सब बातें बाद में सुनना। अब तो बस थोड़ी देर मेरे को रगड़ कर चोद। बस अभी कोई बात नहीं, मैं झड़ने वाली हूँ।”
“ठीक है, फिर सम्भाल अपनी चूत को और देख मैं तेरी चूत का क्या हाल बनाता हूँ” और मैं पिल पड़ा हीना की चूत में।
थोड़ी देर के बाद मुझे भी लगा कि अब ज्यादा देर रुक नहीं सकता और इसलिए मैंने अपना लंड एक बार जड़ तक हीना की चूत में पेल कर उसकी एक चूची अपने मुँह में भर ली। तब हीना बोली, “क्या हुआ रुक क्यों गया साले? पाँच-छः धक्के और मार देता तो मेरी चूत झड़ जाती। तू मुझे चोदते-चोदते थक गया क्या?”
मैं तब हीना की चूची को अपने मुँह से निकालते हुए बोला, “अरे यार समझती नहीं क्या? मुझे लगा कि मेरा लंड अपना पानी छोड़ने वाला है और इसलिए मैंने तेरी चूत की चुदाई थोड़ी देर के लिए रोक दी ताकि लंड का जोश थोड़ा ठंडा हो जाये और मैं तुझे देर तक चोद सकूँ।”
तब हीना मेरे होठों को चूमते हुए बोली, “वाह मेरे चोदू सनम, औरतों को चोदना कोई तुझसे सीखे। किसी औरत को कैसे चुदाई से ज्यादा से ज्यादा मज़ा मिले वोह तुझे सब पता है। काश मेरे गाँडू शौहर को भी यह सब मालूम होता तो मेरी चूत की यह हालत नहीं होती।”
मैंने अब फिर से हीना को चोदते हुए पूछा, “क्यों क्या हुआ तेरी चूत को। तेरी चूत बहुत ही मस्त है और देख ना कैसे अपना मुँह खोल कर मेरा लंड गपागप खा रही है।”
तब हीना नीचे से अपनी चूतड़ उचकाते हुए बोली, “हाँ मेरे चोदू सनम, जब तू अपना लंड मेरी चूत को खिला रहा है तो मेरी चूत को क्या एतराज़ है तेरा लंड खाने में? वैसे तू चोदने में बेहद माहिर है। तेरा लंड खा-खा कर मेरी चूत इस वक्त बहुत ही मस्त हो गयी है और मैं खुद को बहुत हल्की-हल्की महसूस कर रही हूँ। वाह क्या धक्के मार रहा है तू, तेरा लंड बिल्कुल मेरी चूत की गहरायी तक पहुँच रहा है और मुझे दिवानी बना रहा है। हाय ऐसे ही चोदता रह, रुक मत, रात भर चोद मुझे। पता नहीं कल ऐसी चुदाई का मौका मिले या ना मिले।”
मैंने तब हीना को जोर-जोर धक्कों से चोदते-चोदते हुए कहा, “यार मेरी जान, तू है तो बहुत सैक्सी और मुझे लग रहा है कि दिन में कम से कम एक बार बिना चुदवाए तुझे रात को नींद नहीं आती होगी। बता ना तू और कितने लंड अपनी चूत में पिलवा चुकी है? वैसे जब तेरे शौहर को गाँड मरवाने और मारने का शौक है तब तू भी क्यों नहीं अपनी गाँड में अपने शौहर का लंड लेती है। ऊससे कम से कम तेरा शौहर गाँड मारने के लिए घर के बाहर नहीं जयेगा।”
मेरी बातों को सुन कर हीना पहले तो मुस्कुरा दी और फिर बोली, “वाह रे मेरी चूत के परवाने, अगर मैं भी अपनी गाँड मरवाती तो क्या तू मुझे ऐसे अपने कमरे में नंगी लिटा कर अपने लंड से मेरी चूत चोद पाता? मैं भी इस समय अपने शौहर का या अपने घर के किसी नौकर का लंड अपनी गाँड में लेकर सो रही होती। वैसे मुझे गाँड मरवाने का कोई शौक नहीं है, मुझे गाँड मरवाने में घिन सी लगती है… और जब मेरे पास मरवाने के लिए चूत है तो मैं क्यों गाँड में लंड डलवाऊँ? असल में बात यह है कि तुम सब मर्द एक जैसे हो। जो चीज़ मिल रही है उसकी कोई कद्र नहीं और जो चीज़ नहीं मिलती तो उसके लिए दिवाने रहते हो। चलो हटो मेरे ऊपर से मुझे अब नहीं चुदवाना तुझसे। निकाल अपना लंड मेरी चूत से, मुझे जाने दे।”
मैंने तब हीना को अपनी बाहों में लेते हुए और उसकी चूची पर चुम्मा देते हुए पाँच-छः ज़ोरदार धक्के मारे और बोला, “अरे हीना रानी, क्यों नाराज़ हो रही हो? मैं तुमसे मज़ाक कर रहा था। अरे तुम्हारी अपनी चूत और गाँड है। तुम जिसमें चाहो लंड डलवाओ, मुझे तो बस इस समय चोदने दो। मुझको इस समय रोको मत।”
तब हीना अपनी कमर उचकाते हुए बोली, “अरे चोद न मादरचोद, मैं कब मना कर रही हूँ। बस तू मुझसे गाँड मरवाने की बात मत कर, चूत में चाहे जितना मरज़ी लंड पेल, रात भर चूत में लंड डाले पड़े रह, मुझे कोई एतराज़ नहीं। वैसे अब जर जोर-जोर से धक्के मार, मैं झड़ने वाली हूँ।”
मैं तब हीना की चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर अपनी कमर झटकों के साथ हिला-हिला कर हीना को चोदने लगा। हीना भी अपनी दोनों टाँगों को मेरी कमर पर डाल कर अपने चूत्तड़ों को उछाल-उछाल कर मेरे लंड के धक्को का जवाब देने लगी और बोली, “चोद, चोद मेरे चोदू जानेमन, और जोर से पेल मेरी चूत में अपना लंड। आज मेरी चूत को फाड़ डाल, चूत के चिथड़े उड़ा दे, लेकिन मेरी चूत की कसम अभी रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रह मुझे। बेइंतेहा मज़ा आ रहा है। माशाल्लाह क्या चोदता है तू। तू धक्के मेरी चूत में मार रहा है, और शॉट मेरे दिल तक पहुँच रहा है। हाय हाय मैं झड़ रही हूँऽऽऽ! पेऽऽऽल और तेऽऽऽज़ तेऽऽऽज़ पेऽऽऽल अपना लंऽऽऽड हाय मैं गयीईईईई! हाय चोऽऽऽद, रुऽऽऽकना नऽऽऽहीं.......। ओह! ओह! हा! हाऽऽऽआय! वाह वाह मेरी चूऽऽऽत को फाऽऽऽड़ डाऽऽऽल।” और हीना झड़ गयी।
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