RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मैं तब हीना की नंगी जाँघों पर हाथ फेरते हुए बोला, “जरूर मेरे रानी। आज के लिए मेरा लंड तुम्हारा है। तुम इससे जैसे चाहो खेल सकती हो। तुम चाहो तो इसको अपने हाथों से खड़ा कर सकती हो या फिर इसे अपने मुँह में लेकर चूस-चूस कर खड़ा कर सकती हो।”
हीना मेरी बात सुन कर अपना बचा हुआ दूसरा ड्रिंक भी एक घूँट में पी गयी और मुझसे बोली, “हाय मेरे दिलबर जानी! तुमने अभी-अभी जो कुछ भी बोला, मैं वो सब का सब करना चाहती हूँ।”
फिर उसने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और गौर से देखने लगी। थोड़ी देर देखने के बाद बोली, “मैंने अब तुम्हारे लंड को ठीक से देखा है। पहले तो मौका ही नहीं मिला ठीक से देखने के लिए!” इतना बोल कर हीना जोर से हँस पड़ी। फिर मेरे लंड को देखते हुए हीना मुझसे बोली, “पहले तो मैं इस चोदू लंड को नहलाऊँगी!”
मैं कुछ समझा नहीं और चौंक कर पूछा “क्या?”
वोह मुझे देख कर फिर से खिल-खिला कर हँस दी। फिर आँख मार कर अपने ग्लास में स्कॉच डालने लगी। हीना की आँखों और हरकतों से साफ लग रहा था कि वोह अब थोड़ी नशे में थी। फिर वोह झुक कर मेरी टाँगों के बीच में अपना ग्लास ले आयी और मेरे लंड को उसमें डुबो दिया और हंसते हुए बोली, “इससे इसका शाही नहाना हो जायेगा और शायद इसे भी थोड़ा नशा चढ़ जाये!”
फिर वोह अपनी उंगलियों से मेरे लंड को स्कॉच में डुबो कर रगड़ने लगी। मेरा लंड भी स्कॉच के फील और हीना की उँगलियों के टटोलने के कारण उत्तेजित होने लगा। हीना फिर से खिलखिला कर हँसते हुए बोली “लगता है कि तुम्हारे लंड में अभी काफ़ी दम-खम है और तुम अभी भी शरारत करने के लिए तैयार हो!” फिर मेरे लंड को ग्लास से बाहर निकाल कर बोली, “चलो अब तुम ठीक तरीके से बेड पर लेट जाओ।” और फिर मेरे लंड को अपनी उंगलियों से पोंछ कर वही ड्रिंक गटा-गट पी गयी और बोली इसे कहते हैं “मर्दानगी की लज़्ज़त!”
फिर मैंने भी अपना ड्रिंक खतम किया और हम दोनों बेड पर आ गये। मैं हैरान था की इतनी ड्रिंक करने के बाद भी वोह कुछ भी करने की हालत में कैसे थी। जरूर हीना को पीने की आदत होगी क्योंकी वो अभी नशे में तो जरूर थी पर उसने जितनी पी थी उसके मुकाबले वो नशा ज्यादा नहीं था। बेड तक चलते हुए भी उसके कदम उन हाई हील सैंडलों के बावजूद भी थोड़े ही लड़खड़ाये थे।
मैं बिस्तर के ठीक बीचो बीच लेट गया और फिर हीना एक झटके के साथ मेरे ऊपर आ कर मेरी छाती पर बैठ गयी। अब उसका मुँह मेरे पैरों की तरफ था। मेरे ऊपर बैठ करके हीना कुछ देर तक मेरे लंड से खेलती रही और फिर वो मेरे लंड पे झुक गयी। अब हीना का मुँह मेरे लौड़े पर था और मेरे मुँह के पास उसकी चूत थी। हीना थोड़ी देर और मेरे लौड़े और मेरे आँडों के साथ खेलती रही और फिर मुझसे बोली, “जानू, अब तुम मेरी चूत को चाटो और मैं भी तुम्हारे लंड को अच्छी तरह से देख लूँगी और उसका स्वाद भी ले लूँगी। ठीक है ना?”
मैं हीना की नंगी चूत्तड़ों को सहलाते हुए बोला, “मेरी रानी, तुमने तो मेरे मन की बात बोल दी। मैं सोच ही रहा था कि जो चूत चोदने में इतना मज़ा आया उसका रस कितना मीठा होग। मैं तो कब से तुम्हारी रसीली चूत के रस का स्वाद लेना चाहता हूँ।”
हीना मेरी बात को सुन कर बहुत खुश हो गयी और अपने आप को मेरे ऊपर ठीक से सैट करने के बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया। थोड़ी देर तक हीना मेरे लंड के सुपाड़े को खोल और बँद कर रही थी। बीच-बीच में वो सुपाड़े को चूम भी रही थी। थोड़ी देर के बाद हीना ने अपना मुँह खोल कर मेरे सुपाड़े को मुँह के अंदर कर लिया और हल्के-हल्के चूसना शूरू कर दिया। थोड़ी देर के बाद हीना मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगी और कभी-कभी वो मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर अपनी जीभ से चाटने भी लगती थी। हीना कभी-कभी मेरे सुपाड़े को अपनी आँखों से लगाती और अपनी पलकों से उसे गुदगुदाती या फिर उसे अपने मुँह से निकाल कर अपने गालों पर रगड़ती। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना को कोई अच्छा सा खिलौना मिल गया हो। कभी-कभी हीना मेरी झाँटों से भी खेल रही थी।
थोड़ी देर के बाद मैंने पलंग के पैरों के पास शीशे में देखा तो पाया कि हीना मेरा लंड अपनी आँखों के सामने रख कर मँद-मँद मुस्कुरा रही है। ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना के दिमाग के अंदर कुछ हलचल मची हुई हो। लेकिन हीना मेरे लंड को पकड़ कर मुस्कुराती रही। थोड़ी देर के बाद फिर से मेरे लौड़े को पकड़ कर अपने मुँह में घुसेड़ लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। हीना जैसे-जैसे मेरे लंड को चूस रही थी उसके मुँह से घुटी-घुटी आवाज़ निकल रही थी। तब मैंने अपने हाथों से हीना की चूत को खोल कर उसकी खुली चूत पर एक लम्बा चुम्मा जड़ दिया। मेरे चुम्मे के साथ ही हीना का शरीर एक बार फिर से काँप उठा।
मैंने तब अपनी जीभ निकाल कर हीना की चूत को ऊपर से चाटना शूरू किया और धीरे-धीरे अपनी जीभ को हीना की चूत के अंदर डालना चलू किया। मेरी जीभ जैसे ही हीना की चूत के अंदर गयी तो हीना “ओह! ओह! आह! आह!” कर उठी और वो बोलने लगी, “हाय मेरे दिलबर! चूसो, चूसो मेरी चूत को! बहुत अच्छा लग रहा है! हकीकत में किसी भी औरत को कैसे खुश किया जाता है, तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो। हाय मुझे तो नशा सा छा रहा है।”
इतना बोल कर हीना फिर से मेरे लौड़े को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी। अब तक चुसाई से हीना की चूत ने मीठा-मीठा पानी छोड़ना शूरू कर दिया था और मैं अपनी जीभ से हीना की चूत खूब जोर-जोर से चाट रहा था और चूस रहा था। अब मेरे लंड का सुपाड़ा बहुत फ़ूल गया था और उसको हीना अपने मुँह के अंदर डालने में कुछ दिक्कत महसूस कर रही थी और इसलिए वो लंड को अपने हाथ से पकड़ कर चाट रही थी।
हीना भी मानो पगला गयी थी और जोर-जोर से मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगी और बोली, “हाय मेरे चोदू सनम, क्या कर रहे हो। इतना धीरे-धीरे क्यों चाट रहे हो मेरी चूत को? जोर-जोर से चाटो ना मेरी चूत। देखो उसमें से कितना ढेर सारा रस रिस-रिस कर निकल रहा है। मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा कर चूसो मेरी चूत को।”
अब मैं भी गरम हो गया था और हीना से बोला, “हाय, मेरी चुदकाड़ रानी, क्या चूत है तेरी । मन करता है जैसे कि इसको कच्चा ही चबा जाऊँ। बहुत ही रसीली चूत है तेरी। इतना रस कहाँ छुपा कर रखती है अपनी चूत के अंदर? मुझे तेरी चूत देख कर लग रहा है कि अब तक तू ठीक तरीके से चुदी नहीं है। तेरी चूत अभी पूरी की पूरी खुली नहीं है।”
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