RE: Desi Sex Kahani चाची की चुदाई
करीब पँद्रह-बीस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद मीना चाची बोली, “तुझे एक नया आसन बताती हूँ। उसमे मर्द का लंड औरत की चूत में पूरा अंदर तक जाता है!”
इतना कह कर मीना चाची ने मुझे अपने ऊपर से उतरने के लिये कहा और मेरे समने घुटने के बल एक कुत्तिया की तरह हो कर अपने चूत्तड़ मेरी तरफ कर दिये और बोली, “ले बहन के लौड़े! अब तू कुत्ता बन। मैं अपनी चूत उभार के देती हूँ और तू उसमें अपना मस्त गन्ना उतार और फिर कस-कस कर मेरे चूत्तड़ों पर धक्के मारते हुए तबला बजा!”
इतना कह कर चाची ने अपनी गाँड उपर की और उठा दी और चूचियों को बिस्तर पर टिका दिया और अपना पेट नीचे करके अपनी जाँघों के बीच में से मुस्कुराती हुई चूत खोल दी। मीना चाची के चूत्तड़ चौड़े होने के कारण उनका मस्त भूरे रंग का गाँड का छेद दिख रहा था जिसको देख कर अन्दाज़ा हो रहा था कि मीना चाची ने अभी तक गुदा-संभोग का लुत्फ नहीं उठाया है। दोस्तों इस समय वो नज़ारा दिख रहा था कि मैं अपने आप को रोकने में नाकाम था। मैने मीना चाची की रिस रही बूर में लंड थोड़ा सा घिसा और धक्का मार कर पूरा लंड उनकी चूत में झटके से उतार दिया। वाह क्या मज़ा आया! जैसे ही मैंने अपनी जाँघों से मीना चाची के फूली हुई चूत्तड़ों पर जम के धका दिया तो मक्खन की तरह मेरा लंड मीना चाची की उभरी हुई चूत में घुसा और मेरे धक्के के दबाव से मीना चाची के चूत्तड़ स्पंज की तरह दब कर फैल गये और फैल कर और चौड़े हो गये और बाद में स्पंज की ही तरह फिर से फूल कर अपनी शेप में आ गये जिससे मुझे मीना चाची के चूत्तड़ों का धक्का महसूस हुआ। मुझे इस आसन में मीना चाची की चूत लेने में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं और जोश के साथ चूत बजाने लगा। जोश में आकर मैंने अपनी एक उँगली अपने थूक से गीली की और इससे पहले कि वोह कुछ समझ पातीं, मैंने अपनी उँगली मीना चाची की गाँड में घुसा दी।
वो एक दम चिहुँक उठी और बड़-बड़ाई, “क्या कर रहा है मादरचोद! मेरी चूत तो अपने लंड से भर दी अब क्या मेरी गाँड अपनी उँगली से भरेगा क्या? आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी गाँड का छेद छेड़ा है। चल थोड़ा मेरी गाँड में अपनी उँगली चला दे!”
वाकय में बहुत ही टाइट गाँड का छेद था। उँगली गीली होने के बावजूद बड़ी कसी-कसी उनकी गाँड में घुस रही थी। करीब आठ-दस मिनट तक कुत्ता चुदाई में मीना चाची दो बार अपनी चूत का पानी निकाल चूकी थी और मेरे हर शॉट का जम कर जवाब अपने चूत्तड़ों के धक्के से दे रही थी और बड़-बड़ाते हुए कह रही थी की, “मेरे जानू आज तो ज़िंदगी का असली मज़ा आ गया। बहन के लौड़े जब तेरा मूसल जैसा लंड पूरा मेरे अंदर घुस कर मेरी बच्चेदानी पर लगता है तो मैं तो बस गनगना जाती हूँ। बहनचोद! तू मेरा हसबैंड क्यों नहीं बना? तुझसे तो इतना चुदवाती कि तू हमेशा मस्त रहता। मादरचोद तेरे से चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ जाता है। तेरी तो जिस से शादी होगी उसकी तो सुहाग रात वाले दिन माँ चुद जायेगी। ज़िन्दगी भर चोदना भूल जायेगी। चोद मेरे लंड, चोद, बहनचोद!”
मीना चाची बड़बड़ाती रही और मैंने अपने धक्के चलू रखे। कुछ देर बाद मेरे लंड का पानी बहुत उबाल खा चुका था और मीना चाची की मस्त चूत में अपनी मस्ती निकालने के लिये बेकरार था। मैंने मीना चाची को कहा कि “रानी अब तुम सीधी हो, मैं तुम्हारी चूचियों पर पसर कर तुम्हारा मुँह चूसते हुए झड़ना चाहता हूँ!”
मीना चाची मेरा लंड निकाल के फोरन सीधी हो गयी और मैंने भी बिना वक्त गवाये अपना लंड पूरा चूत में घुसेड़ कर उनके ऊपर लेट गया और मीना चाची कि दोनों चूचियाँ अपने हाथों में पकड़ कर अपने होंठ उनके रसीले होंठों पर रख कर और चूसते हुए दनादन उनकी चूत में शॉट लगाये और जब मेरा लंड झड़ा, उस समय तो मैंने इतनी जोर की शॉट मारा कि मीना चाची ने भी दर्द के मारे अपनी गाँड एक फुट हवा में उछाल दी, जैसे कह रही हो ले मादरचोद! भर मेरी चूत को! मीना चाची ने मेरा पूरा माल अपनी चूत में सोख लिया और कसके मुझे अपने बदन से चिपका लिया और बुरी तरह मेरा मुँह चूसने लगी। मुझे तो इस चुदाई में सुबह से ज्यादा मज़ा आया था और इतनी देर चोदने के बाद मीना चाची के गुदाज़ बदन पर लेटना बहुत ही अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चूत से अपना लंड निकाला तो मीना चाची टपाक से उठ बैठीं और मेरा लंड चूसने लगी और अच्छी तरह से चूस कर पूरा लंड साफ कर दिया।
मीना चाची ने आगे बढ़कर दो सिगरेट जलाईं और बोली, “सुनील डार्लिंग! आज से तू सिर्फ मेरा हसबैंड है। तेरा चाचा तो बस नाम का मेरा हसबैंड है। मैं सिर्फ तेरी गुलाम बन कर रहुँगी। तूने मुझे जीवन का वो सुख दिया है जिसके लिये मैं पिछले इक्कीस साल से तरसी हूँ। बस मुझे दिन में एक बार जरूर चोद दिया कर। देख मेरी चूत अभी तक तेरे धक्कों से हिली हुई है। आज मुझे मालूम पड़ा असली मर्द क्या होता है। डार्लिंग देख तो सही मैं तेरे लंड से किस-किस को खुश करवाती हूँ!”
मैंने भी सोचा मीना चाची इस समय चुदवा कर पूरी तरह मस्त है, क्यों ना अपने दिल की बात कह दूँ। मैंने बड़े प्यार से मीना चाची का चेहरा अपने हाथ से अपनी तरफ घुमाया और हिम्मत करके बोल डाला कि “मीना देखो आज के बाद तुम हमेशा मेरी रहोगी। मैं हर रोज़ तुम्हारी चूत की ऐसी चुदाई करूँगा कि तुम्हें रात में चाचा से चुदवाने कि इच्छा ही नहीं होगी पर तुम मेरा एक काम करवा दो डार्लिंग! ज़िंदगी भर तुम्हारा गुलाम बन कर रहूँगा!”
मीना चाची बोलीं, “बोल शरमाता क्यों है? अब तो मैं तेरी पत्नी हो गयी, अब तो तू दिल खोल के बोल जो भी बोलना है। अगर तू मेरी गाँड मारना चाहता है तो डार्लिंग मैं उसके लिये भी तैयार हूँ। अपने इस प्यारे लवर को नहीं दूँगी तो और किस को दूँगी। अगर कुँवारी चूत ना दे सकी तो क्या, अपनी कुँवारी गाँड तो दे ही सकती हूँ!”
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