RE: Desi Sex Kahani चाची की चुदाई
लंड चुसवाने के बाद मैं भी थोड़ा सा मस्त हो चूका था। मैंने कहा, “क्यों मीना चा... मेरा मतलब सिर्फ़ मीना... तुम्हारा इतना चुदास बदन है… तुमने शादी से पहले किसी से चुदवाया या नहीं?”
मीना चाची बड़े दुख से बोली “अरे नहीं रे, मेरे पास अपनी चूत फड़वाने के और नए-नए लंड लेने के मोके तो बहुत थे पर मैंने सोचा हुआ था के मैं अपनी चूत सुहाग रात वाले दिन ही अपने हसबैंड को दूँगी। पर मुझे क्या पता था की मेरी किस्मत में ऐसा गांडू लिखा हुआ है। अगर मुझे पता होता तो मैं शादी से पहले जम कर अपनी चूत का मज़ा उठाती। तेरे चाचा का सिर्फ़ पाँच इंच लम्बा और एक इंच मोटा है और बस पाँच-छ: धक्के में ही झड़ जाता है और गांडू की तरह मेरी चूचियों पर उल्टा लेट कर सो जाता है!”
इतना कह कर मीना चाची बिस्तर से उठीं और अलमारी से नौ इंच लम्बा वाइब्रेटर लेकर आयी और बोली, “अभी तक तो मेरा असली हसबैंड ये ही है जिस से मैं अपनी चूत की आग बुझाती हूँ। तेरे चाचा के अलावा तू पहला लड़का है जिस से मैं अपना नंगा बदन चुदवाऊँगी… बस तू मेरा साथ मत अलग करना!”
मीना चाची कहते-कहते बहुत भावुक हो गयी थीं। मैंने मीना चाची को अपनी बाहों में भर लिया और एक दम फ़िल्मी डाय़लोग मारते हुए बोला, “मीना डार्लिंग आज से मैं तुम्हारे जिस्म की भूख को शाँत करूँगा और जब तुम कहोगी उसी समय अपना लंड तुम्हारी सेवा में हाज़िर कर दूँगा! आज से तुम्हारे दुख के ओर वाइब्रेटर के दिन बीत गये। आज से तुम सिर्फ़ इस असली लंड का मज़ा लो…!” और इतना कह कर मीना चाची को दबा दबा कर उसके रसीले होंठ चूसने लगा।
मीना चाची की चूचियों का दबाव पाकर और उनकी मस्त मोटी-मोटी जवानी सीने से लगा कर मेरा लंड फिर से पूरा तन गया था। मीना चाची बोली, “भोसड़ी के! तेरा लंड है की मस्त गन्ना… देख तो सही कैसे खड़ा हो कर लहरा रहा है!”
मैंने कहा, “मीना यह तो फिर से तुम्हारे होंठों को ढूँढ रहा है चुसाने के लिये।”
मीना चाची बोली, “सुनील! गन्ना तो मैं अबकी बार अपनी चूत में ही चूसूँगी, पहले तो मुझे अपनी सिगरेट और ड्रिंक आराम से पीने दे और तू अपनी ड्रिंक मेरी चूत से निकाल कर पी… आ जा सुनील आज तुझे औरतों की चूत पीना सिखा दूँ!”
इतना कह कर मीना चाची अपने चूतड़ आराम से बिस्तर पर टिका कर बैठ गयी और अपनी दोनों टाँगें खोल कर पैंटी में कसी हुई चूत की मछलियों को दिखाने लगी। जब भी मैं मीना चाची और सोनिया की पैंटी सूँघता था तो बहुत ही मादक खुशबू आती थी। मैं भी देखना चाहता था की आखिर वो आती कहाँ से है।
इतने में मीना चाची बोलीं, “चल मादरचोद! मेरी टाँगें और जाँघें चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर ऐसे चूस जैसे आइसक्रीम चूसता है और फिर अपनी जीभ को मेरी दरार के अंदर डाल और खूब घुमा-घुमा कर मेरी चूत को अंदर तक चाट, याद रहे चूसाई और चटाई तब तक चलती रहे जब तक मैं तुझे मना नहीं करूँ और इस दौरान अगर मेरी चूत से मेरी मस्ती निकले तो उसे अपनी ड्रिंक समझ कर चाट कर पी जाना!”
बड़ा ही सैक्सी सीन था। मीना चाची बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ पैंटी और सैक्सी सैंडल पहने, एक हाथ में ड्रिंक और एक हाथ में सिगरेट लेकर स्मोक कर रही थीं। उनके मस्त मम्मों पर उनके भूरे-भूरे निप्पल ऐसे दिख रहे थे कि जैसे कह रहे हों कि आजा… आज जी भर के मज़ा ले ले… बहुत मुठ मार ली तू ने… और फिर चाची ने अपनी चिकनी मस्त टाँगों को फैला दिया। मैंने भी झुकते हुए मीना चाची की मस्त जाँघों को बारी-बारी चूमते हुए खूब चाटा, और फिर मस्ती में पहली बार मीना चाची की पैंटी के उपर से ही उनकी चूत की दरार को चाटने लगा। मेरे होंठ मीना चाची की चूत पर लगते ही मीना चाची मस्ती में आ गयी और बोली, “सुनील अब जल्दी से मेरी पैंटी उतार के मेरी मस्त जवानी चूस ले, मदरचोद इतना मज़ा दूँगी कि किसी औरत ने आज तक किसी मर्द को नहीं दिया होगा!”
मैं बड़े प्यार से मीना चाची की पैंटी धीरे-धीरे उनकी चूत से सरकाते हुए उतारने लगा। मीना चाची ने अपने चूतड़ हवा में उठा दिये थे ताकि मैं जल्दी से उनकी पैंटी उतार कर चूसना चालू करूँ। मीना चाची शायद यह नहीं जानती थी कि यह मेरे लिए किसी सुहाग रात से कम नहीं थी, और अपनी प्यारी दुल्हन का मुखड़ा, जिसके कारण ना जाने मैंने कितनी बार अपने हाथ से अपने लंड का पानी गिराया था, आराम से पैंटी उतार कर इत्मीनान से देखना चहता था। लेखक सुनिल जैन हैं।
मीना चाची बोली, “देख ले सुनील! जी भर के देख मेरी चिकनी चूत को… पता है मैं अपनी चूत शेव नहीं करती क्योंकि उस से चूत थोड़ी सी खुरदरी हो जाती है… बल्कि हेयर रिमुवर से बाल साफ़ करती हूँ ताकि मेरी चूत हमेशा मुलायम और चिकनी रहे।”
मैं देर तक मीना चाची की चूत को देखता रहा और अपनी हथेली फेरता रहा। कुछ देर बाद मीना चाची बोलीं, “देख सुनील इतना नहीं तरसाते… मेरे भोसड़े में आग लग रही है… जल्दी से चूसके ठंडी कर दे।”
मैंने भी अब ज्यादा रुकना मुनासिब नहीं समझा और अपने होंठ मीना चाची की चूत के गुलाबी होंठों पर रख दिये। मीना चाची ने एक गहरी सितकारी लेते हुए मेरे सर को अपनी चूत पे दबा लिया। मेरा मुँह दबने से मेरी नाक में मीना चाची की चूत की खुशबू उतरती चली गयी और मुझ पर ना जाने क्या नशा चढ़ा मैंने अपने होंठों से उनकी चूत दबाकर चूसनी चालू कर दी और अपनी जीभ अंदर-बाहर करते हुए मीना चाची की चूत के अंदर करने लगा। इस समय मीना चाची ने मेरा सर अपनी पूरी ताकत से अपनी चूत पर दबाया हुआ था और अपनी मस्त चिकनी जाँघों से मेरा सर जकड़ा हुआ था, जिसके कारण मीना चाची की सितकारियाँ और गालियाँ मेरे कानों तक नहीं पहूँच पा रही थीं। मीना चाची के मस्त चूतड़ अब उछलने चालू हो गये थे, और उन्होंने मेरे हाथ अपनी चूचियों पर से हटा कर अपने दोनों चूतड़ों के नीचे कर दिये थे।
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