RE: Desi Sex Kahani चाची की चुदाई
ये बालते-बालते मेरे लंड को चाची ने अपने हाथ में ले लिया और बड़े प्यार से अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए उसे देखने लगी। दोस्तों पहली बार जब कोई औरत आपका लंड पकड़ती है और जो मस्ती बदन में चढ़ती है वोह मैं आपको बता नहीं सकता। मेरी ज़िंदगी में वोह पहली औरत का स्पर्श था जो मेरे लंड को मिल रहा था, और वो भी उस औरत का जिसको याद कर-कर के मैं कितनी बार मुठ मार चुका था। इस से पहले कि मैं कुछ बोल पाता, मेरे लंड से पिचकारी निकली और मीना चाची के होंठों और नंगी चूचियों पर जा कर पसर गयी।
मीना चाची अब बड़े प्यार से बोलीं, “माँ के लौड़े! बहनचोद! तू तो एकदम चूतिया निकला… मैं तो समझ रही थी की मेरी ब्रा खोल कर और मुझे पैंटी में देख कर शायद तू मेरे साथ जबर्दस्ती करके मेरी चुदाई करेगा… पर मुझे तू माफ कर दे, जब तूने मुझे अपनी बाहों में लेकर चोदा नहीं तो मैंने गुस्से में तेरी पिटाई कर दी… पर क्या करूँ इतने साल हो गये हैं मेरी चूत को ठंडा हुए… रोज़ अपने आप ही वाइब्रेटर डाल कर ठंडी करती हूँ पर असली मर्द से चुदने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती है! आज जब मैं सुबह तेरे कमरे में गयी और अपनी पैंटी और ब्रा से तेरा मुँह ढका पाया तो मैं समझ गयी की तू मेरे सपने देख कर मुठ मारता है… इसी बहाने से मैंने आज तुझे मसाज के लिये बुलाया था, पर तेरा घोड़े जैसा लंड देख कर तो मैं पागल हो गयी हूँ… ऐसे लंड के तो मैं सिर्फ़ सपने ही देखती थी… और तू भी अब चूत लेने के लिये तैयार है… चल आज से सपने देखना बंद कर… और बता अपनी चाची की चूत चोदेगा?”
मेरे तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। मैं पहले तो हक्का बक्का खड़ा रहा और बाद में मैंने कुछ झिझकते हुए उन ही के अंदाज़ में कहा, “चाची! जब से मेरा लंड खड़ा होना चालू हुआ है तब से मैंने सिर्फ़ आपको याद कर के मुठ मारी है… मैं हमेशा ही आपको सपने में बिना कपड़ों के नंगी, सिर्फ़ ऊँची हील्स वाली सैंडल पहने हुए इमैजिन करता था और आपके मोटे चूतड़ और चूचीयों को इमैजिन करता था, मैंने मुठ तो बहुत मारी है पर मुझे चोदना नहीं आता, तुम बताओगी तो मैं बहुत प्यार से मन लगा कर तुमको चोदूँगा!”
चाची बोलीं, “सुनील अब तेरा लंड देखने के बाद ही मैं तो तेरी हो गयी और चुदाई तो मैं खूब सीखा दूँगी… पर तुझे मेरी हर बात माननी होगी और अगर तूने मुझे मस्त कर दिया तो मैं तुझे जो तू इनाम माँगेगा तुझे दूँगी… और ध्यान रहे ये बात किसी को मालूम नहीं होनी चाहिए!”
अब हम दोनों के बीच कोई शरम या पर्दा नहीं रह गया था। चाची ने कहा, “आज से तू और मैं जब भी अकेले होंगे… तू मुझे सिर्फ़ मीना बुलाना और अब मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ चूसते हुए मेरे चूतड़ मसल!”
मैंने भी इतने दिनों की मुठ मारने के बाद मिला चाची का नंगा बदन अपनी बाहों में पकड़ कर उठा लिया और नंगी मीना चाची को अपनी बाहों में भर कर उनके नरम-नरम होंठों को अपने मुँह से चूसने लगा। बता नहीं सकता कि मैं उस समय किस जन्नत में था, और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनकी पैंटी में डाल कर उन मतवाले चूतड़ों को दबाने लगा। जब मैं पेटीकोट के उपर से दबा रहा था, मुझे उस समय ही मालूम हो गया था कि मीना चाची के चूतड़ बहुत ही तगड़े और मस्त हैं, और अब जब उनके नंगे चूतड़ पकड़े तो हाथों में कुछ ज्यादा ही जान आ गयी और मैं कस-कस कर मसलने लगा।
मीना चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में कस कर पकड़ रखा था जिस से उनकी माँसल चूचियाँ मेरे सीने से लग कर मुझे गुदगुदा रही थी। थोड़ी देर एक दूसरे को चूसने के बाद मीना चाची मुझ से अलग हुई और अपनी अलमारी खोल कर व्हिस्की की बोतल निकाल कर बोली, “जब तक सोनिया वापस नहीं आती तेरी चुदाई की क्लासिज़ चालू और अब तू हफते भर मेरी क्लास अटेंड करेगा!”
इतना कह कर मीना चाची ने दो ग्लास में शराब डाली और दो सिगरेट जला लीं और एक मुझे देते हुए कहा, “जो मैं बताऊँ वैसे ही करना!”
“लेकिन चाची मैंने कभी स्मोक या ड्रिंक नहीं की है!” मैं थोड़ा हैरान होते हुए बोला।
“मादरचोद... नहीं की है तो आज कर ले... चुदाई भी तो तूने पहले कभी नहीं की है... मज़ा आयेगा.. बिलीव मी!” चाची बोली।
उसके बाद मीना चाची एक हाथ में व्हिस्की का ग्लास और एक में सिगरेट पकड़ कर मेरे सामने आई और बोली, “बहन के लौड़े! तू मुझे हाई हील के सैंडलों में इमैजिन करता है ना, चल अब अपने हाथों से मेरे पैरों में सैंडल पहना और फिर मेरा पेट चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और पीछे से मेरी गाँड के छेद में उंगली डाल और धीरे-धीरे से अपने मुँह से मेरे पेट को चूमते हुए मेरी बूर के ऊपर ला कर मेरी चूत को अभी सिर्फ़ ऊपर से ही चूस। मैं तुझ से नाचते हुए अपनी चूत चुसवाँऊगी, बाद में जब तू अपनी ड्रिंक और सिगरेट खतम कर लेगा तब तुझे बताऊँगी की औरतें अपनी चूत का पानी मर्दों को कैसे पिलाती हैं।”
मैं तो उस समय कुछ बोलने की हालत में ही नहीं था। मैं तो बार-बार यही सोच रहा था की मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा हूँ। जिस औरत को नंगा देखना और चोदना मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मकसद था वो ही औरत मेरी बाहों में नंगी मुझ से चुदवाने के लिये मचल रही है। खैर, मैंने मीना चाची के आदेश अनुसार उनके गोरे-गोरे नरम पैरों को चूम कर उनको चार इंच ऊँची पेन्सिल हील्स वाले सैण्डल पहनाये। आज तक मैं चाची के सैक्सी सैण्डलों को चूम-चूम कर और अपने लंड पे रगड़-रगड़ कर मुठ मारता था पर आज वही नंगी चाची के सैण्डलों में बँधे पैरों को मैं चूम रहा था और इस का सीधा असर मेरे लंड पे हो रहा था।
फिर मैं मीना चाची के बताय तरीके से उनको अपनी बाहों में भर कर चूमने और पैंटी उतारने लगा। मीना चाची अपने चूतड़ हिला-हिला कर अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी रही थी और जब मेरे होंठ मीना चाची की चूत के उभार पर टच हुए तो मीना चाची ने कस कर मेरा सर पकड़ा और चूत के उभार पर दबा दीया। वो मीठी-मीठी सितकारियाँ भरने लगी और बोली, “सुनील तुझे मैं ज़िंदगी का इतना प्यार दूँगी की जब तू अपनी बीवी को चोदेगा तो हमेशा मेरी ही चूत याद करेगा!”
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