RE: Sex Kahani अमीना की कहानी
वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा। उसका हाथ बार-बार मेरी ब्रा में फँस जाता था। मैंने कहा, “तुम्हारा हाथ बार-बार मेरी ब्रा में फँस रहा है। तुम इसे खोल दो और ठीक से मालिश करो।”
उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मालिश करने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने कहा, “और नीचे तक मालिश करो।”
वो और ज्यादा नीचे तक मालिश करने लगा। अभी उसका हाथ मेरे चूत्तड़ पर नहीं लग रहा था।
मैंने कहा, “थोड़ा और नीचे तक मालिश करो।”
वो शर्माते हुए और नीचे तक मालिश करने लगा। जब उसका हाथ मेरी पैंटी को छूने लगा तो मैंने कहा, “पैंटी को भी थोड़ा नीचे कर दो फिर मालिश करो।”
उसने मेरी पैंटी को भी थोड़ा सा नीचे कर दिया। अब मेरे आधे चूत्तड़ उसे नज़र आने लगे। वो बड़े प्यार से मेरे चूत्तड़ों की मालिश करने लगा। थोड़ी देर बाद वो मेरे दोनों चूत्तड़ों को हल्का-हल्का सा दबाने लगा। मुझे बहुत मज़ा आने लगा। थोड़ी देर तक मालिश करवाने के बाद मैंने कहा, “अब तुम मेरे हाथों की मालिश करो।”
मैंने जानबूझ कर अपनी ब्रा को नहीं पकड़ा और पलट कर पीठ के बल लेट गयी। मेरी ब्रा सरक गयी और उसने मेरी दोनों चूचियों को साफ़ साफ़ देख लिया। वो मुस्कुराने लगा तो मैंने तुरंत ही अपनी ब्रा से अपनी चूचियों को ढक लिया लेकिन उसका हुक बँद नहीं किया। वो मेरे हाथों की मालिश करने लगा। मेरी ब्रा बार-बार सरक जा रही थी और मैं बार-बार उसे अपनी चूचियों पर रख लेती थी। जब वो मेरे हाथ की मलिश कर चुका तो मैंने कहा, “अब तुम मेरी टाँगों की मालिश कर दो।”
वो घुटने के बल बैठ कर मेरी टाँगों की मालिश करने लगा। उसने मेरे सैंडल उतारने की कोशिश नहीं की। मैंने देखा कि मोनू का लंड एक दम खड़ा हो चुका था और उसका निक्कर तम्बू की तरह हो गया था। वो केवल घुटने तक ही मालिश कर रहा था तो मैंने कहा, “क्या कर रहे हो, मोनू। मेरी जाँघों की भी मालिश करो।”
वो मेरी जाँघों तक मालिश करने लगा। थोड़ी देर बाद वो मालिश करते-करते अपनी अँगुली मेरी चूत पर छूने लगा तो मैं कुछ नहीं बोली। उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाते हुए टाँगों की मालिश करने लगा। मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था। मैं दिल ही दिल में खुश हो रही थी कि अब बस थोड़ी ही देर में मेरा काम होने वाला है। अमिना की कहानी।
थोड़ी ही देर बाद मोनू जोश से एक दम बेकाबू हो गया और उसने मेरी पैंटी नीचे सरका दी और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा। मैं फिर भी कुछ नहीं बोली तो उसकी हिम्मत और बढ़ गयी। उसने मेरी टाँगों की मालिश बँद कर दी और अपनी बीच की अँगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। मैं मन ही मन एक दम खुश हो गयी की अब मेरा काम बन गया। वो दूसरे हाथ से मेरी चूचियों को मसलने लगा। थोड़ी ही देर में मैं एक दम जोश में आ गयी और आहें भरने लगी। वो मेरी चूचियों को मसलते हुए अपनी अँगुली बहुत तेजी के साथ मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा तो दो मिनट में ही मैं झड़ गयी और मेरी चूत एक दम गीली हो गयी।
मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ़ खींच लिया। वो मेरा इशारा समझ गया और मेरी चूत को चाटने लगा। उसने अपने निक्कर का नाड़ा खोल कर अपना निक्कर नीचे सरका दिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। उसका लंड तो करीब आठ इंच ही लंबा था लेकिन मेरे शौहर के लंड से बहुत ज्यादा मोटा था। मैं उसके लंड को सहलाने लगी तो थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया। वो मेरी चूत को बहुत तेजी से चाट रहा था। मैं जोश से पागल सी होने लगी तो मैंने मोनू से कहा, “मोनू, अब देर मत करो। मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है!”
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