RE: Hindi Porn Stories दो आर्मी नर्सों की चुदाई
कुछ देर बाद वो खुद कॉफी का कप लेकर आयी। मैंने पहले भी बताया कि शाज़िया युनिफ़ॉर्म में बहुत सैक्सी लगती थी क्योंकि उसकी बाहर निकली हुई गाँड और उसके बूब्स साफ़ नज़र आते थे। मैं तो उसको देख कर ही सैक्सी मूड में आ गया। जब वो अंदर आयी तो मैंने उसको पकड़ा और उसे चूमना शुरू कर दिया। उसने मना किया कि ये जगह ठीक नहीं है मगर मैंने कहा कि इधर तो कोई भी नहीं आता। फिर उसने डोर लॉक किया और मैंने आहिस्ता से उसकी युनिफ़ॉर्म शर्ट ऊपर की और उसकी सफेद-सफेद चूचियाँ चूसने लगा। काफी दिनों बाद उसकी चूचियाँ चूस रहा था, इसलिये बहुत मज़ा आया। फिर मैंने उधर ही अपनी पैंट की ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाला। शाज़िया ने जल्दी-जल्दी उसको मुँह में लिया और चूसने लगी। साथ-साथ वो बोली कि मैं इसको मिस कर रही थी, ये मेरी जान कितना उदास है, चलो मैं तुमको खुश करती हूँ। मैं जल्दी ही गरम हो गया। फिर मैंने शाज़िया की पैंट नीचे की और उधर ही सोफ़े पर उसको उल्टा मोड़ दिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मुझे कुछ-कुछ डर भी लग रहा था मगर चुदाई की इंतहा पर था, इसलिये जल्दी-जल्दी उसकी चूत में लंड आगे पीछे करने लगा। फिर कुछ देर बाद मैं उसकी चूत में फारिग हुआ और उसने मेरे लंड को अपनी चूत से निकाल कर चाटना शुरू किया और बोली कि, काफी दिनों से मैंने ये टेस्ट नहीं किया, और मेरे लंड को अच्छी तरह चाटने लगी। फिर उसने अपना ड्रेस ठीक किया और अपनी हालत को मिरर में देख कर ठीक किया। मैंने भी अपनी हालत ठीक की।
उसने डोर की कुँडी खोली और एहतियात से बाहर देखा कि कोई नहीं है। उसने बताया कि मैं वार्ड में जा रही हूँ, तुम बाद में आराम से निकल जाना। उसके चले जाने के बाद मैं भी कुछ देर बाद ठीक हो कर बाहर निकला और उसके पास वार्ड में गया। वहाँ शाज़िया की काफी कलीग्स थीं। शाज़िया ने मुझे उनसे मिलवाया कि ये मेरे कज़न हैं। मैं आर्मी की युनिफ़ॉर्म में था, इसलिये बाकी नर्सों ने शाज़िया को सराहा कि तुम्हारा कज़न काफी स्मार्ट है, और उसको छेड़ा और वो शर्मा सी गयी।
इमरजेंची वार्ड में चुदाई करके मेरा काफी खौफ हट गया था और जब तक उसकी उस वार्ड में ड्यूटी थी, मैं अक्सर शाज़िया के पास वार्ड में जाता और काफी खतरा लेकर अपने लंड की प्यास बुझाता। हालांकि हम लोग पूरा इंजॉय तो नहीं कर सकते थे मगर कुछ न कुछ कर ही लेते थे, क्योंकि वो जगह ज़्यादा सेफ नहीं थी। इसी दौरान मैं उसकी फ्रैंड फौज़िया से भी काफी फ़्री हो गया था लेकिन अभी तक उसने कोई चुदाई की बात नहीं की थी और न ही बताया कि वो शाज़िया के साथ लेस्बियन सैक्स करती है।
आखिरकार मेरा जिगरी दोस्त, अहमद, भी कराची वापस आ गया। वो काफी अमीर है और डिफेंस फेज़-ई/ई में रहता है। मैंने उससे मिल कर उसको बताया कि मैं उसको काफी मिस करता रहा हूँ। अभी तक मैंने शाज़िया की चुदाई का उसको नहीं बताया था मगर इस दौरान एक दिन हमारा प्रोग्राम होक्स-बे का बना और मैंने अहमद को भी प्रोग्राम का बताया और उसको शाज़िया और उसकी फ्रैंड का तफ़सील से बताया। मगर उसको अभी तक चुदाई का नहीं बताया था बल्कि बताया कि बहुत करीबी गर्ल फ्रैंड है।
आखिरकार सितंबर के पहले संडे को, मैं अहमद के साथ उसकी गाड़ी में शाज़िया के होस्टल आया। उस वक्त तक शाज़िया कि सिर्फ़ फोन पर अहमद से बात हुई थी, सो उन दोनों ने पहली बार अहमद को देखा। फिर हम चारों (शाज़िया, फौज़िया, मैं और अहमद) कार में बैठ कर होक्स-बे की तरफ़ रवाना हुए। अभी तक हम लोग रिजर्व थे क्योंकि मैं आगे अहमद के साथ बैठा था और पीछे शाज़िया और फौज़िया बैठी थीं।
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