RE: Hindi Porn Stories दो आर्मी नर्सों की चुदाई
बाथरूम से निकल कर आयी तो उसने थोड़े ढीले से कपड़े पहने हुए थे और मेरे सामने वाली बर्थ पर लेट गयी। उसके बाद मैं जब बाथरूम में गया और खुद भी ईज़ी ड्रेस चेंज किया तो मैंने बाथरूम में देखा कि उसके कपड़े लटक रहे हैं और उन में उसकी ब्रा और पैंटी भी मौजूद थी। मैं तो उधर ही उसकी ब्रा और पैंटी को चूमता रहा और उन अंडर-गार्मेंट्स की किस्मत पर रश्क करने लगा। मुझे तो नींद का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। मैं तो सिर्फ़ शाज़िया की चूत का सोच-सोच कर बेहाल हो रहा था। वैसे भी आर्मी ऑफिसर्स काफी ख्वार होते हैं और अभी तो एक केबिन में एक सैक्सी अकेली लड़की। वैसे वो भी एक आर्मी ऑफिसर थी.... आर्मी की नर्स और काफी कान्फिडन्ट लड़की थी, इसलिये कोई गलत कदम लेने से पहले सोचना था।
खैर कुछ देर बाद वो आँखें बंद करके मेरी तरफ़ करवट ले कर लेटी रही। मैं पहले ही एक सैक्सी सा नावल पढ़ रहा था और ऊपर से उसकी उठी हुई गाँड और हल्के से गिरेबान से बूब्स बाहर को निकल रहे थे, इसलिये दिमाग और ज़्यादा खराब होने लगा। बड़ी मुश्किल से अपने लंड को काबू किया हुआ था वर्ना दिल तो कर रहा था कि इधर ही इस लड़की का रेप करूँ। लेखक: अंजान
सोचते-सोचते मैंने अपने पैर सामने वाली सीट पर रख दिये, हालांकि पहले भी काफी दफा मैं सामने वाली सीट पर पैर रख चुका था। आहिस्ता-आहिस्ता मैं अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत के करीब लेकर गया। मुझे यकीन था कि वो सो चुकी है और वैसे भी ट्रेन में चलते हुए झटके लग रहे थे, सो उसको अभी तक महसूस नहीं हुआ था। मैंने हिम्मत कर के अपना अंगूठा मज़ीद आगे किया और उसकी चूत से आहिस्ता-आहिस्ता मलने लगा।
शाज़िया ने ऐसा ही शो किया कि वो पक्की नींद में है और उसको पता नहीं चल रहा। तकरीबन दस मिनट तक मैं अपना अंगूठा उसकी चूत पर ऊपर से फेरता रहा और जब देखा कि वो अभी तक सोयी हुई है तो मैं हिम्मत करके उठा और उसकी बर्थ के साथ नीचे बैठ कर अपनी हाथ की अंगुली से उसकी चूत को आहिस्ता-आहिस्ता ढूँढने लगा।
मेरा लंड तना हुआ था मगर मैं बहुत ही एहतियात से काम कर रहा था ताकि वो उठ ना जाये मगर मुझे नहीं मालूम था कि वो सोयी ही नहीं है और मेरी अंगुली से उसको मज़ा आ रहा है।
थोड़ी देर बाद मैंने ज़ोर-ज़ोर से अपनी अंगुली उसकी चूत में मलनी शुरू की, और महसूस किया कि उसकी चूत गीली हो रही है और चूत से पानी निकल आया है। तब अचानक उसने करवट बदली। मैंने फ़ौरन हाथ पीछे किया और अपनी सीट पर वापिस बैठ गया, मगर उसने करवट बदली और सीधी लेट गयी। अब उसकी टाँगें कुछ खुली हुई थी और कमीज़ चूत पर से हटी हुई थी जिससे उसकी गीली जगह साफ़ नज़र आ रही थी। मैं तो समझा कि वो उठ गयी है और इसलिये दोबारा सीट पर बैठ कर नावल पढ़ने में मसरूफ हो गया। मगर उसने कोई हर्कत नहीं की और दोबारा ऐसा शो किया कि वो गहरी नींद में है। मैं फिर हिम्मत कर के उसकी बर्थ के साथ नीचे बैठ कर उसकी चूत में दोबारा अंगुली करने लगा। अभी चूँकि वो सीधी लेटी थी और टाँगें भी खुली थीं, इसलिये अंगुली काफी अंदर तक जा रही थी और शाज़िया ने कोई हर्कत नहीं की। मेरा लंड बहुत झटके मार रहा था। मैंने एक हाथ से लंड को काबू किया था जबकि दूसरे हाथ की अंगुली से उसकी चूत में मसाज कर रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और ये सोच रहा था कि उसकी चूत कितनी नरम है।
कुछ देर अंगुली करते-करते मैंने अंगुली काफी अंदर डाली तो उसने आँखें खोल दीं। मैं डर गया और फौरन पीछे हट कर सीट पर बैठ गया, मगर उस वक्त तो मेरे वारे न्यारे हो गये जब उसने सोते हुए कहा कि रुक क्यों गये हो?
मैंने डरते-डरते उसकी तरफ़ देखा तो वो मुस्कुराने लगी। बस मैं तो फिर शेर बन गया फौरन उठा और डोर को लॉक किया और शाज़िया को उठा कर अपने सीने से लगाया। उसकी काफी तारीफ की, उसके सैक्सी जिस्म की काफी तारीफ की और उसने भी मुझे ज़ोर से पकड़ लिया था।
फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे। वाकय उसके होंठ बहुत ही नरम और गुलाब की तरह थे। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। उसके होंठों पर लगी लिपस्टिक पहले खायी और उसके बाद उसके होंठों को एक प्यासे बच्चे की तरह चूसने लगा।
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