क्या वो सपना हक़ीकत था
09-13-2017, 11:03 AM,
#1
क्या वो सपना हक़ीकत था
क्या वो सपना हक़ीकत था

थकान से चूर होकर जब वो अपने घर वापस आया और उसकी बीवी ने दरवाजा खोल कर उसको देखा और बोली “आज जल्दी आ गये ऑफीस से ?”

“हाँ.. ऑफीस मे ऑडिट चल रहे है और जिसको ऑडिट करना है वो बाहर गये हुए है ”उसने अपने रूम का फॅन ऑन करते हुए कहा..

“आज मा का फोन आया था.. निशा की शादी तय कर दी है.. और आप को आने के लिए कहा है..” उसकी बीवी ने पानी का ग्लास देते हुए कहा..

“अरे वाह..” … निशा उसकी बीवी की छोटी बेहन बेहद खूबसूरत और समझदार लड़की थी. शादी के बाद से ही वो अपने जीजाजी की लाडली बन गयी थी. यही वजह थी कि उसकी बीवी ने जब उसकी साली की शादी की बात की तो वो बोहोत खुश हो गया

“आप कपड़े बदल लीजिए मैं चाइ ले कर आती हूँ.”

चाइ पीने के बाद अपने कपड़े बदल कर वो अपना पेट पकड़ कर सीधा अपने बेड पर लेट गया. ये देख उसकी बीवी घबराते हुए उस से बोली “क्या हुआ ?”

“कुछ नही वही गॅस की प्राब्लम है” उसने अपनी बीवी को परेशान होते हुए देख कर कहा.. उसे 1-2 सालो से गॅस की प्राब्लम ने घेर लिया था पर पीछले 1-2 महीने से उसे अपने सीने मे जलन भी महसूस होने लगी थी.. दर्द किस हद तक बढ़ गया था इसका पता उसके चेहरे के भाव देख कर ही पता चल रहा था..

“कब से कह रही हूँ आपको किसी अच्छे डॉक्टर. को दिखा लीजिए पर आप मेरी कोई बात नही सुनते है.”

“अरे यार… दिखा लूँगा तुम्हे पता है अभी ऑफीस मे ऑडिट चल रहे है.. ऑडिट ख़तम होते ही सबसे पहले डॉक्टर. के पास जा कर दिखाता हूँ” उसने बेड पर अपनी आँखे बंद कर लेट’ते हुए कहा.. ऑफीस मे चल रहे ऑडिट की वजह और अभी हाल ही मे हुए अपने प्रमोशन की वजह से बढ़े वर्कलोड की वजह से उसे डॉक्टर के पास जाने की फ़ुर्सत ही नही मिल पा रही थी..


अपने पति को लेटा देख कर वो अपने किचन मे चली गयी.. क्यूकी उसका पति घर जल्दी आ गया था इस लिए खाना बन’ने मे अभी टाइम था..

पेट मे होता हुआ दर्द अब बंद हो चुका था. पर चारो तरफ एक अजीब सा शोर उसे सुनाई देने लगा लोगो के जोरो से रोने की आवाज़े जिसे सुन कर वो बुरी तरह से घबरा उठा उसने इधर उधर नज़र घुमा कर देखा तो सामने की तरफ खुद का ही शरीर पाया जिसके पास उसके रिश्तेदार नातेदार और उसकी बीवी बैठे रो रहे थे..

उसकी बीवी ज़ोर ज़ोर से रो रही थी… ये सब नज़ारा देख कर उसकी हालत खराब हो गयी..

“चलो भाई चलो तुम्हारा टाइम पूरा हो गया..”

“कॉन हो तुम और यहाँ मेरे घर मे क्या कर रहे हो ??”उसने एक दम हड़बड़ाते हुए उन दोनो को अपने सामने देख कर कहा..

“हाहाहा…हहा…”दोनो ने ज़ोर दार हँसी हँसना शुरू कर दिया..”तुम्हारा समय अब समाप्त हो गया है. अब तुम्हे हमारे साथ चलना है?”

वो समझ चुका था कि वो दोनो कॉन है और किसलिए आए है… पर उसका मोह उसको अपने घर परिवार से जुदा होने की ताक़त नही दे रहा था..

“मूर्ख इस मोह माया से बाहर निकल… तू अभी तक नही समझ पा रहा है कि तू सिर्फ़ एक आत्मा है...”

उसकी बीवी सफेद सारी पहने हुए बुरी तरह रोए जा रही थी साथ मे उसके बच्चे भी बुरी तरह से बिलख रहे थे. ये सब देख कर वो और भी बुरी तरह से घबरा रहा था और बार बार अपनी पत्नी आपने बच्चो को पुकार कर चुप करने की कोशिश मे लगा हुआ था पर उसकी आवाज़ उसके चिल्लाने का जैसे उसकी पत्नी और वहाँ मौजूद बाकी लोगो पर कोई असर ही नही हो रहा था वो उसी तरह बदहवास हालत मे रोए जा रही थी और आस पास वाले उसको चुप करवाने की पूरी कोसिस कर रहे थे.

उसकी हर्कतो को देख कर वो दोनो काले आदमी खूब ज़ोर ज़ोर से हँसे जा रहे थे.

“मैने ऐसा क्या गुनाह किया था जो मुझे इतनी जल्दी मरना पड़ा मैं अभी और जीना चाहता हूँ मेरी उमर ही क्या है अभी और मेरे छोटे छोटे मासूम बच्चे मेरी पत्नी क्या होगा इनका.”

“हहा..हहा…क्यू मरा तू… तू जान ना चाहता है तो देख उधर अपने घर मे तुझे पता चल जायगा कि क्यू मरा तू..हाहाहा…हहा….”

उसकी पत्नी वही आँगन मे ही अपने पति की फोटो के पास ही सर झुकाए लेटी हुई थी कि तभी उसके कमरे का टेलिफोन बजने लगा..

“तुमसे मना किया था ना कि मुझे कॉल मत करना” उसकी बीवी ने फ़ोन पर कहा..

अपनी पत्नी के मुँह से ऐसी बात सुन कर वो बुरी तरह से चौंक गया.

“नही तुम यहाँ बिल्कुल नही आओगे..तुम समझते क्यू नही हो…यहाँ लोगो के आने जाने का सिलसिला लगा हुआ है..प्लीज़ समझा करो…अच्छा ठीक है पर अभी नही थोड़ी देर बाद अभी सब लोग जाग रहे है..हाँ 2 घंटे बाद…ओके..”कह कर उसकी बीवी ने फ़ोन कट कर दिया..

अपनी बीवी को इस तरह से बात करते हुए देख कर वो समझ नही पा रहा था कि ये सब क्या है. थोड़ी ही देर बाद उसके घर के दरवाजे पर बेल बजी. उसकी बीवी जिसका चेहरा अभी तक गम मे डूबा हुआ था. उसने जा कर दरवाजा खोला तो उसकी बीवी को कमर से थाम कर एक लड़का अंदर की तरफ चलाआया.

“क्या कर रहे हो.. दरवाजा तो बंद करने दो कम से कम..” उसकी बीवी ने उन हाथो को अपनी कमर से हटाने की कोसिस करते हुए कहा.. पर वो हाथ और भी मजबूती के साथ उसको अपनी तरफ खीचने लगे.. अरे बस भी करो तुमसे ज़रा भी इंतजार नही होता है.. अब इस से पहले की कोई तुम्हे यहाँ देख ले इधर से हटो और मुझे दरवाजा बंद करने दो..”

वो लड़का देखने मे काफ़ी स्मार्ट लग रहा था. हाइट भी लगभग 6’ के आस-पास होगी.. कुल मिला कर उस लड़के की ऐसी पर्सनॅलिटी जो उसकी बीवी हमेशा उसके अंदर तलाश करती पर उसे कभी वो पर्सनॅलिटी नही मिली.. उस लड़के के थोड़ा दूर होते ही उसकी बीवी जल्दी से दरवाजा बंद करने के लिए आगे बढ़ी. वो अभी दरवाजा बंद कर ही रही थी कि उस लड़के ने पीछे से फिर से उसकी बीवी को पकड़ कर उसकी पीठ उसके गले को चूमना शुरू कर दिया. उसकी बीवी उस लड़के के पीछे से अचानक यूँ पकड़े जाने से पूरी तरह से दरवाजे से चिपक गयी.. दरवाजे से चिपका होने के कारण उसके दोनो उरोज दरवाजे से दब गये..

उस लड़के ने उसकी बीवी को पूरी तरह से दरवाजे पर चिपका रखा था और दोनो हाथ उपर की तरफ दरवाजे से पकड़ कर चिपका दिए. और पीछे से उसके गालो को, गर्देन को पागलो की तरह चूमे जा रहा था. उस लड़के के हाथ अब धीरे धीरे करके जैसे ही उसके उरोज की तरफ बढ़े उसकी बीवी ने किसी तरह से ताक़त लगा कर खुद को उसकी पकड़ से आज़ाद किया और दरवाजे की कुण्डी लगा कर अंदर रूम की तरफ भागी.. वो लड़का भी उस के पीछे हो लिया..

“कहाँ तक भगोगी अब तो भागने का रास्ता भी ख़तम हो गया” उस लड़के ने उसकी बीवी के पीछे भागते हुए कमरे के अंदर आते हुए कहा… उसकी बीवी भी अब कमरे मे आ कर मुस्कुराते हुए खड़ी हो गयी थी. वो लड़का धीरे धीरे आगे की तरफ बढ़ रहा था और उसकी बीवी मुस्कुराते हुए उस लड़के को चिढ़ाने वाली अदा के साथ अपने होंठो को दाँत के नीचे दबा कर पीछे की तरफ होती जा रही थी. उस लड़के ने फुर्ती के साथ आगे की तरफ बढ़ कर उसकी पत्नी को अपनी बाँहो मे जकड़ना चाहा लेकिन उसकी बीवी भी उसी फुर्ती के साथ थोड़ा पीछे हो गयी पर अब तक उस लड़के ने उसकी बीवी का पल्लू अपने हाथ मे थाम लिया था और जिसे अब वो धीरे धीरे अपनी तरफ खींच रहा था..

“आज के दिन तो कम से कम तसल्ली रखते” उसकी बीवी ने मुस्कुराते हुए कहा.

“कैसे रखता तसल्ली मेरी जान..” कहते हुए उस लड़के ने उसकी सारी को ज़ोर का झटका दिया. उसकी बीवी ने अपने दोनो हाथों से कसकर सारी को थाम रखा था जिसका नतीजा ये हुए कि वो एक झटके में उस लड़के की बाहों में आ गयी.

“आज के दिन को तो खाली रहने देते.. वैसे इसके अलावा भी कुछ और सूझता है तुम्हे” उसकी बीवी ने उस लड़के की आँखो मे आँखे डाल मुस्कुराते हुए कहा. उसकी बीवी उस लड़के के हाथो को रोकने की कोसिस करते हुए बोली जो उसकी पीठ से होते हुए उसकी बीवी के नितंबो पर आ गये थे..

“कैसे सूझे कुछ तुम हो ही इतनी खूबसूरत और आज इस विधवा की सारी मे तो तुम कयामत ढा रही हो.. वैसे भी अब तो कोई परेशानी भी नही है अब तो हम दोनो के बीच का काँटा भी निकल गया है” कहते हुए उसने उसकी बीवी की सारी जो पेटिकोट मे अटकी हुई थी को एक झटके से पकड़ कर अलग करके वही ज़मीन पर फेंक दिया..
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