RE: Sex Hindi Kahani चोदु अंकल और छिनाल मम्मी
अर्रे छबरा, मदेर्चोद कहाँ छुपा कर रखते हो अपनी पत्नी को अपने यार से, साले मैं कहीं उसको भगा तो नहीं ले जाउन्गा. वीना, सच कहता हूँ अगर ये बेह्न्चोद तुझ से शादी ना कर चुका होता तो मैं तुझे ना छोड़ता और देखो इससे शादी तेरी हुई है और तू मेरी बहन बन गयी है.” अंकल बेशर्मी से हंस पड़े.” मादरचोद अपनी बीवी सुमित्रा को भूल गये, साले वो मेरी भी तो बेहन है. ऐसी सेक्सी औरत तेरी भी तो पत्नी है जिसको मेरी बेहन बना दिया है क्यो कि वो तेरी पत्नी है.
और एक बात मेरे दिमाग़ में आई है, गोपी यार, कि आज हम दोनो बेह्न्चोद भाई बन जाएँ. तू मेरी वीना के साथ और मैं सुमित्रा बेहन के साथ…..यानी कि एक रात के लिए पत्नियाँ बदल जाएँ तो तुझे कोई एतराज़ तो नहीं…..सुमित्रा बेहन आपका क्या विचार है, वैसे तो साला गोपी भी वीना पर आशिक है, देखो बेहन कैसे घूर रहा है मेरी पत्नी को आपका पति.” माँ भी बेशर्मी से मुस्कुराती हुई बोली,”
छबरा भैया, आप भी तो कम नहीं हैं. जब भी मौका मिलता है मुझ पर हाथ फेर लेते हैं. मुझे कोई एतराज़ नहीं है इस में. क्यो वीना, तुझे मेरा पति पसंद है तो आज अदला बदली कर ही लेते हैं. इस तरह हमारी दोस्ती और भी मज़बूत हो जाएगी.” वीना आंटी बस मुस्कुरा पड़ी और कुच्छ कहने की ज़रूरत नहीं थी. भैया ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर अपनी तरफ खींच कर मुझे लिप्स पर किस कर लिया और उतेज़ित स्वर में बोले,”
मम्मी पापा का प्रोग्राम शुरू होने को है, हम छुप कर देखते हैं. स्नेहा, तुम अपने कमरे की लाइट ऑफ कर दो ता कि कोई हम को देख ना सके और हम उनका सारा चुदाई का खेल देख सकें” मैने कमरे की बत्ती बंद कर दी और अपने कमरे की खिड़की से हॉल का नज़ारा देखने लगी. पापा और अंकल ने कुर्ता पाजामा पहना हुआ था और मम्मी और आंटी ने सारी पहनी हुई थी. अंकल ने मा को अपनी गोद में खींच कर मा को किस करना शुरू कर दिया जब कि पापा ने
वीना के चूतड़ पर हाथ मारा और मज़ाक से बोले,” छबरा, साले हरामज़ादे, जब मैं अपनी पत्नी तुझे देने को राज़ी हूँ तो जल्द बाज़ी क्यो कर रहा है. मेरी गरम पत्नी आज की रात तेरी है, साले भाग नहीं जाएगी कहीं. असल चुदाई शुरू करने से पहले कुच्छ जाम वाम हो जाए. क्यो वीना, विस्की पीओ गी. सुमित्रा अगर तुम औरतें भी दो दो पेग पी लो तो सभी के सामने चुदाई में कोई जीझक महसूस ना होगी.
मैं अभी पेग बना कर लता हूँ.” लेकिन वीना आंटी और मा ने ज़िद की कि पेग बनाना औरतों का काम है और वो दोनो डाइनिंग टेबल पर पेग बनाने लगी. पापा और अंकल सोफे पर आमने सामने बैठ गये. जब मा वापिस आई तो उसके हाथ में दो ग्लास थे. अंकल ने हाथ मा की कमर पर डाल कर अपनी गोद में बिठा लिया और पेग पी कर मा की मस्त चुचि को मसल्ने लगे. उधर पापा ने वीना आंटी की सारी खोलनी शुरू कर दी. वीना आंटी के बारे में आपको बता दूं. वीना आंटी का कद छोटा है, बस 5 फीट 2 इंच लेकिन वो हैं बहुत गोरी और उनकी गान्ड बहुत गोल गोल और मांसल है. उनकी चुचि भारी है और निपल्स ब्राउन रंग के हैं.
वीना आंटी भी पापा के स्पर्श से उतेज़ित होने लगी और उनके पाजामे को खोलने लगी. पापा ने अंडरवेर नहीं पहना था और उनका मोटा काला लंड बाहर नुकाल आया.”भैया आपका लंड देखो कैसे व्याकुल हो रहा है अपनी बेहन को चोदने के लिए, इतना गरम तो ये पहले कभी नहीं हुआ. और भैया मैं आपको कई बारी कह चुकी हू लेकिन आप इसकी शेव क्यो नहीं करते. मुझे आपका लंड बहुत पसंद है, बस इसकी शेव कर लो.”
वीना आंटी नशे में बोल रही थी. “तो इसका मतलब है कि मेरी पत्नी वीना तू पहले से मेरे यार से चुदवा रही हो. खैर कोई बात नहीं, मैं और सुमित्रा बेहन भी कुच्छ वक्त से चुदाई का खेल खेल रहे हैं. यानी कि बाहर से बेहन भाई, अंदर से चारपाई. ये भी अच्छा ही हुआ कि अब हम चारों में कोई ग़लत फहमी नहीं बची है. सुमित्रा आज से हम को चुदाई छुप के नहीं करने की ज़रूरत. सच गोपी, तेरी बीवी की चूत बस माखन है माखन, मुझे तो इसकी चूत का रस नशा कर चढ़ा है.” पापा बोले,”
वीना भी कम नहीं है साले, ये मेरा लंड जिस तरह चुस्ती है, कोई रंडी भी नहीं चूस सकती. आ मेरी वीना, मूह में डाल ले मेरे लंड को और बजा दे बाँसुरी.”पापा वीना की सारी उतार चुके थे और मा भी नंगी हो चुकी थी. मा ने नये पेग बना लिए और सभी चुस्की लेते हुए एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. मेरी मा अंकल का लंड चूस रही थी और अंकल मा की चुचि को मसल रहे थे.
दूसरे सोफे पर पापा आंटी की जांघों को चौड़ा कर के उनकी चूत पर अपने होंठ से किस कर रहे थे. भैया की उतेज्ना का कोई हिसाब ना रहा और उन्हों ने मेरी पाजामी को नीचे खींच दिया. अंदर का सीन मुझे इतना गरम कर चुका था कि अब मैं इंतज़ार नहीं कर सकती थी. अंधेरे कमरे में भैया ने मुझे आगोश में भर के किस करना शुरू कर दिया.” ओह भैया…..मैं जल रही हूँ……मा और अंकल को देख कर मुझे बहुत उतेज्ना हो रही
है……मेरे बदन खेलो जैसे पापा आंटी के जिस्म से खेल रहे हैं…..आआ…..एमेम…..उफफफ्फ़….भीयया…..मुझे अपना बना लो, मुझे अपनी बाहों में भर लो…..मेरी आग शांत कर दो मेरे भैया….ओह भैया आपका हाथ मेरी चूत को और भी गरम कर रहा है….भैया मुझे अपना लंड चूसने का मौका दे दो….मेरी आग भड़क चुकी है……..मेरी चूत फड़फदा रही है….मेरे छोले को शांत कर दो, भैया….मेरी सील तोड़ दो, प्लीज़ी.” मैं चिल्ला रही थी.
भैया ने मेरी चूत में एक उंगली और फिर दो उंगलियाँ डाल दी और अंदर बाहर करने लगे. मेरी चूत से रस की गंगा बह रही थी. हॉल से पच पुच की आवाज़ें आ रही थी.”हे राम…..आआआअ….ओह…..बस करो पेल दो अब तो….अब और नहीं रहा जाता भैया….चोद डालो मुझे….मैं नहीं रुक सकती…..चोद डालो मुझे नहीं तो मैं मर जाउन्गि…हॅयियी”
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