Sex Hindi Kahani चोदु अंकल और छिनाल मम्मी
09-13-2017, 10:48 AM,
#2
RE: Sex Hindi Kahani चोदु अंकल और छिनाल मम्मी
मा ने उनका मोटा सुपाडा मूह में ले लिया और चूसने लगी. अंकल का मूह मा की चूत में छुप गया . मुझे अंकल का काला जिस्म दिखाई दे रहा था जब कि मा के बदन की झलक भी मिल रही थी.”आह…..ओह…..आआ….उफ़फ्फ़” आवाज़ें मुझे सुनाई पड़ रही थी. कुच्छ देर के बाद वो दोनो अलग हुए तो मा की चूत और अंकल का लोड्‍ा थूक से भीग चुका था. अंकल ने मा को गहरी किस कर ली और फिर मा अपने आप पलंग के हेड रेस्ट पर हाथ रख कर कुतिया की तरह झुक गयी.
मा के मांसल नितंब उपर उठ चुके थे जिन पर अंकल ने प्यार से हाथ फेरा. सच में मेरी मा के चूतड़ बहुत सेक्सी लग रहे थे और मेरा खुद का मन कर रहा था कि मा के गुदाज़ चूतड़ सहला लूँ. अंकल नीचे झुक कर मा के चूतड़ को किस करने लगे. यहाँ तहाँ मा के चूतड़ पर वो किस करते वहाँ वहाँ उनके थूक की लाइन नज़र आती. तभी मा बोल उठी” भैया, अब देर मत करो, तुम्हारी बेहन बहुत गरम हो चुकी है….ओह्ह्ह्ह भैया अब तो पेल दो अपना मस्त लंड मेरी बुर के अंदर….प्यास बुझा दो मेरी प्यासी चूत की मेरे भाई…..
मेरी चूत जल रही है तेरे लंड के लिए छॅबू भैया….जल्दी से चोद डालो मुझे!? अंकल ने अपना मूह मा के चूतड़ से अलग कर लिया और लंड को हाथ में थाम कर उसके सुपाडे को मा के चूतड़ की दरार में से उसकी चूत पर टिका दिया,” ओह्ह्ह्ह भैया, धकेल दो मेरी चूत में…..चोदो अपनी बहन को, मेरे चुड़क्कड़ भैया…..डाल दो अपना लंड मेरी चूत में…..बुझा दो मेरी चूत की प्यास….” अंकल ने अपनी गान्ड आगे की तरफ कर के जोरदार धक्का मारा और फ़च की आवाज़ से उनका मोटा हथियार मा की चूत में घुस गया .
अंकल के हाथ मा की चुचि को दबाने लगे और मा के मुख से अजीब आवाज़ें निकलने लगी,” उम्म्म…..अरगगगगगगगगग….उर्र्र्र्ररर…आअररह….हाय्ाआ……उउउंम”अंकल ने अपना लंड आगे बढ़ा दिया और मा के चूतड़ आगे पीच्छे होने लगे. मेरा हाथ अपनी चूत पर चला गया और मैं अपनी चूत को सहलाने लगी. मेरी चूत से पानी टपकने लगा. मैने अपनी सलवार से अपनी चूत में उंगली डाल दी और मेरा हाथ मेरे चूत रस से भीग गया .
मेरे मन में इच्छा जाग रही थी कि काश मैं मा की जगह चुदवा रही होती! वास्तविक चुदाई मेरी नज़र पहली बार देख रही थी. है भगवान मेरी चूत को लंड कब मिलेगा? अंकल जोश में भर गये और तेज़ी से चुदाई करने लगे,” ओह्ह्ह्ह सुमित्रा…..मैं बहुत प्यार करता हूँ तुझे….मैं तेरे प्यार के लिए तुझे बहन तक कह रहा हूँ और ये भी बर्दाश्त कर रहा हूँ कि तू मुझे भैया कहती है……तेरे लिए मुझे सब मंज़ूर है मेरी बहना,
मेरी प्रेमिका. तू मेरा प्यार है सुमित्रा. तुझे चोदते हुए ऐसा लगता है जैसे तुम मेरी पत्नी हो. तुझे चोद कर मुझे जन्नत का मज़ा मिलता है रानी, काश मेरी शादी तुझ से हुई होती!” मा भी भावुक हो उठी और अपनी गान्ड को पीछे धकेलने लगी. अंकल का लंड अब तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था. मा अपने चूतड़ अंकल के लंड पर ज़ोर ज़ोर से मार रही थी. लंड और चूत का संगीत कमरे में गूँज रहा था. मेरी उंगलियाँ मेरी चूत को चोद रही थी. अंकल झुक कर मा की पीठ को चूम लेते और मा ”
अफ…..हाीइ…..एयाया…..ह्म्म” कर उठती. अब मेरी दो उंगलियाँ मेऱी चूत में थी और मैं तेज़ी से अपनी कुँवारी चूत को चोद रही थी. मेरी साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी. उधर उतेजना में आ कर अंकल ने मा के बाल खींच कर उस्खी गर्दन को पीछे खींच लिया जैसे कोई घोड़ी की लगाम खींच रहा हो,” ओह….सुमित्रा बहुत मज़ा आ रहा है….मेरा लंड तेरी चूत की गहराई में पहुँच चुका है…..ओह…बेह्न्चोद…..मैं तुझे हमेशा के लिए पा लेना चाहता हूँ….गोपी मदेर्चोद कितना खुशकिस्मत है जिस्खो तेरे जैसी पत्नी मिली है!”
मा भी पसीने से भीग चुकी थी. वो चिल्ला रही थी,: हां भैया, पेलो अपनी प्रेमिका को….अपनी बेहन को चोदो…. मैं तुझे अपना पति ही समझती हूँ…गोपी तो नाम का ही पति है मेरा…असल में तुझे ही अपना पति माना है मैने …..डाल दो अपना लंड मेरी चूत में. ज़ोर से चोदो अपनी बेहन को…..मेरे छॅब्बू राजा, तेरी सुमित्रा झड़ने को है….मेरी चूत पानी छोड़ रही है….ओह मेरे बेह्न्चोद यार…..चोद लो अपनी बेहन को आज….छोड़ दो अपने लंड का रस मेरी चूत में..” मा हान्फते हुए बोल रही थी.
अंकल का भी लंड छूटने वाला लगता था. उनके धक्के और भी तेज़ हो चुके थे. कुच्छ देर में अंकल का लंड पानी छोड़ने लगा तो उन्हों ने लंड बाहर खींच लिया और लंड की मूठ मारने लगे. सफेद क्रीम लंड से निकल कर मा के खूबसूरत चुतडो पर गिरने लगी. कुच्छ बूँद क्रीम मा की पीठ पर गिरी. मेरी चुत भी उसी वक्त पानी छोड़ने लगी. मेरा हाथ मेरी चूत के रस से भीग गया .
कमरे के अंदर की चुदाई ख़त्म हो चुकी थी. मैं चुपके से अपने कमरे में चली गयी. अंकल और मा नंगे लेटे हुए थे. मेरे सेल पर भैया का फोन आया और करण बोला कि वो कल घर पहुँच जाएगा. करण 6 फीट लंबा हॅंडसम नौजवान है जिस पर मेरी सहेलिया लाइन मारती रहती हैं. मेरा ध्यान अब अपने भाई की तरफ चला गया और मुझे एक महीना पहले का सीन याद आ गया जब मेरा भाई नहा कर बाथरूम से निकला और उसने टवल लपेटा हुआ था.
वो जब झुका तो टवल खुल गया और मैने उसका लंड देख लिया था. उसके लंड के आस पास काले घने बाल थे और खूबसूरत लंड मुझे नज़र आ रहा था. बेशक लंड अभी खड़ा नहीं था फिर भी काफ़ी बड़ा लग रहा था. उस नज़ारे को याद कर के मेरी चूत से पानी बहने लगता है. मेरे सपने में मुझे वो ही लंड चोदता है और असल ज़िंदगी में मुझे उस लंड की तमन्ना थी.
अब अपनी जवानी का भार मुझ से उठाया नहीं जा रहा था.. मेरा हाथ मेरी चूत को बुरी तरह से मसल रहा था. उधर फोन बज उठा और मैने उठा लिया. उससी वक्त दूसरे कमरे में फोन मा ने उठा लिया.
“हेलो” मा बोली. दूसरी तरफ पिता जी थे,” हेलो, सुमित्रा कैसी हो. मेरा दोस्त छबरा तो नहीं आया. उस बेह्न्चोद को मैने कहा था कि तेरा दिल लगा कर रखे और बोर ना होने दे. लेकिन उस बेह्न्चोद का कुच्छ पता नहीं. हो सकता है साला अपनी बीवी की गोद में बैठा हो, बहुत कमीना है वो” मा बोली,” नहीं, छबरा भैया तो यहीं हैं. बहुत ख्याल रखते हैं मेरा. मैं उनसे ही बातें कर रही थी.
आप कब आ रहे हैं, मैं आपकी बात भैया से करवाती हूँ.” पिताजी की आवाज़ सुनाई पड़ी” रानी मैं कल दोपहर को पहुँच जाउन्गा. ऐसा करते हैं छबरा और वीना को डिन्नर पर बुला लेते हैं. चारों मिल कर सेलेब्रेट करेंगे. हम सब का मन बहाल जाए गा, क्यो कैसा लगा मेरा विचार?” मा बोली “ठीक है, लो भैया से बात कर लो,”
“अर्रे मदेर्चोद छबरा, आज तो ठीक से मेरी पत्नी की ड्यूटी दे रहे हो, इस लिए माफ़ कर रहा हूँ. कल को वीना को लेकर हमारे घर आ जाना. विस्की पिएँगे और बिवीओ को भी पीला देंगे फिर मौज करेगे. बोल ठीक है?” पिता जी ने कहा और अंकल खुश हो कर बोले” हां यार ठीक है. वीना तुझे बहुत मिस कर रही थी. उसने तो बॅस गोपी भैया की रट लगा रखी है. ना जाने तुमने क्या जादू कर रखा है उस पर.
साले कहीं उस पर नज़र तो नहीं रखी हुई तुमने. तेरा नाम सुन कर उसके चहरे पर रौनक आ जाती है. बहनचोद कोई चक्कर तो नहीं चला रहा उसके साथ? मैं तो सुमित्रा बेहन के साथ बैठ कर गॅप मार रहा था. सच यार तेरी पत्नी बहुत अच्छी है,” पिताजी बोले” ठीक है बेह्न्चोद, कल का प्रोग्राम याद रखना.”
मैं कुच्छ समझ नहीं रही थी. लेकिन मुझे लग रहा था कि कल दोनो जोड़े स्वापिंग करने की कोशिश करेगे. मेरा मन कल्पना कर के भड़क उठा. अगर ऐसा हुआ तो मैं भी बिना चुदे तो नहीं रहूंगी. मैने भी अपनी चुदाई की योजना बना डाली. अगले दिन भैया और पिता जी दोनो पहुँच गये. भैया अब और भी हॅंडसम दिख रहे थे. उनकी कमीज़ से उनके बालों भरी छाती बहुत सेक्सी लग रही थी.
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