RE: Desi Sex Kahani साइन्स की पढ़ाई या फिर चुदाई
चेतन- अरे यार, मैंने वो वाली गोली ले ली है। देख लौड़ा कैसे झटके मार रहा है प्लीज़.. तुम अपना काम करो और मुझे अपना काम करने दो।
ललिता- ठीक है.. ठीक है.. कर लो अपना काम.. डॉली कमर को थोड़ा और मोड़ कर रोटी बना लो ताकि ये अपना लौड़ा तेरी चूत में डाल सके।
चेतन- नहीं यार.. इसकी गाण्ड बड़ी मस्त है.. मेरा मन तो इसकी गाण्ड मारने का हो रहा है।
ललिता- पागल हो गए हो क्या.. रोटी बनाते हुए इसकी कुँवारी गाण्ड कैसे मारोगे.. पता है ना पहली बार में क्या होगा.. वो तुम रात को आराम से मार लेना.. अभी चूत से ही काम चलाओ।
डॉली- हाँ सर.. दीदी की बात सुनकर चूत में खुजली होने लगी है। अब डाल भी दो आप अपना लौड़ा।
डॉली ने कमर को और ज़्यादा झुका लिया.. चेतन ने लौड़े पर थूक लगा कर चूत में पेल दिया।
अब डॉली रोटी बनाने में लग गई और साथ में उसकी चुदाई भी शुरू हो गई।
चेतन धीरे-धीरे उसको चोदने लगा।
ललिता- राजा लौड़े का सारा कस अभी निकाल दोगे.. तो इतनी लंबी रात कैसे निकलेगी।
चेतन- चिंता मत कर.. अभी बस ऐसे ही थोड़ा मज़ा ले रहा हूँ पानी नहीं निकालूँगा।
ललिता- अगर ऐसी बात है तो ठीक है थोड़ा मेरी गाण्ड में भी लौड़ा घुसा देना ताकि मैं भी इस लम्हे को हमेशा याद रखूँ कि कभी रसोई में भी आपने मुझे चोदा था।
चेतन- हाँ जानेमन.. जरूर तुम कहो और मैं ना करूँ.. ऐसा कभी हुआ है क्या?
चेतन थोड़ी देर डॉली को चोदता रहा उसके बाद उसने ललिता की गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया।
लगभग 15 मिनट तक ये खेल चलता रहा तब तक खाना भी बन गया।
ललिता- अब बस भी करो.. चलो कमरे में जाकर बैठ जाओ.. हम खाना लेकर आ जाते हैं।
तीनों नंगे ही कमरे में खाना खाने लगे।
खाने के बाद वो तीनों टीवी देखने लगे।
ललिता- ले डॉली.. ये गोली खा ले, इससे कितना भी चुद.. बच्चा नहीं होगा।
डॉली ने बिना बोले दवा ले ली।
ललिता- थोड़ी देर टीवी देख लेते हैं उसके बाद चुदाई शुरू करेंगे.. हम दोनों को जितना चोदना है चोद लेना.. आज जैसा मौका शायद दोबारा मिले ना मिले।
डॉली- नहीं दीदी.. ऐसी बात मत करो अब तो हम रोज चुदाई करेंगे। अब मुझसे कहाँ बर्दाश्त होगा.. आप और मैं सर को रोज मज़े देंगे।
चेतन- अच्छा मुझे मज़े दोगी.. क्यों तुम दोनों मज़े नहीं लोगी क्या?
डॉली हँसने लगती है और उसके साथ दोनों भी मुस्कुरा देते हैं।
डॉली- दीदी वो वाली मूवी लगाओ ना.. उसको देख कर चुदाई करेंगे.. मज़ा आएगा…
ललिता- अरे वो तो उस दिन हमने देख ली थी ना.. आज तुझे दूसरी दिखाती हूँ अच्छी वाली.. तू भी क्या याद करेगी।
चेतन- हाँ अनु.. मैं समझ गया तू कौन सी मूवी की बात कर रही है.. चल जल्दी से लगा दे… आज डॉली को ये भी सिखा देते हैं कि कभी दो से चुदना हो तो कैसे चुदना चाहिए।
डॉली- दो से चुदने का क्या मतलब है दीदी?
ललिता- अभी देख लेना यार।
ललिता ने एक सेक्सी डीवीडी लगा दी।
तीनों पास बैठ कर देखने लगे.. चेतन बीच में था और वो दोनों उसके दाएँ-बाएँ बैठी हुई थीं.. फिल्म में एक लड़की बैठी हुई थी।
तभी दो आदमी आकर उसको चूमने लगते हैं और धीरे-धीरे उनका चोदन शुरू हो जाता है।
असल बात यह है कि ललिता डॉली को यही दिखना चाह रही थी कि कैसे दो आदमी एक लड़की को चोदते हैं और हुआ भी वही.. जब दोनों उसको आगे-पीछे से चोदने लगे डॉली बोल पड़ी।
डॉली- ओह्ह.. माँ.. ये क्या एक साथ दो आदमी लौड़ा डाल रहे हैं.. ऐसा होता है क्या?
चेतन- मेरी जान होता है.. तभी तो ये फिल्म बनी.. आगे देखो और भी मज़ा आएगा जब तीसरा आकर इसके मुँह को चोदेगा.. यही तो है असली चुदाई का मज़ा।
इतना बोलकर चेतन उसके मम्मों को सहलाने लगा।
इधर ललिता भी कम ना थी.. वो चेतन के लौड़े को सहला रही थी।
आधा घंटा तक तीनों फिल्म देखते रहे.. चेतन का लौड़ा अब पूरा तन गया था और तीन लौड़ों से चुदती हुई लौन्डिया का ख्याल करके डॉली और ललिता दोनों की चूत पानी-पानी हो गई थीं।
चेतन- चल मेरी रानी.. अब तेरी गाण्ड मारकर तुझे एकदम पक्की चुदक्कड़ बना देता हूँ ताकि तू कभी भी किसी को भी खुश कर सके।
डॉली- सर आप की बात तो ठीक है मगर आपका लंड बहुत मोटा और बड़ा है.. ये मेरी गाण्ड में कैसे जाएगा.. बहुत दर्द होगा।
चेतन- अरे जान कुछ नहीं होगा.. चूत में चला गया तो गाण्ड में क्यों नहीं जाएगा।
ललिता- हाँ डॉली चूत में तो सील टूटी इसलिए इतना दर्द हुआ.. गाण्ड में ऐसा कुछ नहीं है.. दर्द होगा, मगर उतना नहीं।
डॉली ने चेतन के लौड़े को हाथ से पकड़ कर देखा।
डॉली- देखो दीदी शाम को ये इतना फूला हुआ नहीं था अभी तो बहुत मोटा लग रहा है।
ललिता- अरे ऐसा कुछ नहीं है.. तेरे राजा जी ने पावर बढ़ाने की गोली ले ली है.. इसके कारण ये ऐसा लग रहा है।
डॉली चौंकते हुए चेतन को देखने लगती है।
चेतन- अरे इसमें चौंकने वाली क्या बात है.. अब देखो शाम से तुम दोनों को चोद रहा हूँ.. मैं भी इंसान हूँ थक गया हूँ.. इसलिए गोली ली, ताकि मेरा पावर बना रहे और रात भर हम मज़ा करते रहें बस…
डॉली- ठीक है सर.. जैसा आपको अच्छा लगे.. मगर ये फिल्म देख कर मेरी चूत गीली हो गई है.. बड़ी खुजली हो रही है.. पहले इसकी खाज मिटा दो।
चेतन- हाँ जानेमन.. क्यों नहीं मगर पहले चूत मार लूँगा तो तेरा पावर कम हो जाएगा और उसके बाद गाण्ड में दर्द होगा.. चल आजा पहले बस थोड़ी देर गाण्ड मार लूँ.. उसके बाद पानी चूत में ही निकालूँगा ताकि दोनों काम एक ही बार में हो जाएं।
ललिता बिस्तर पर टेक लगा कर बैठ गई चेतन ने डॉली से कहा- इस तरह घोड़ी बन जाओ कि तुम ललिता की चूत भी चाट सको और गाण्ड भी मरवा सको।
डॉली- हाँ ये ठीक रहेगा.. मगर पहले आपके लौड़े को चूस कर गीला तो कर दूँ ताकि आराम से अन्दर चला जाए।
चेतन- अरे नहीं थूक से काम नहीं चलेगा.. गाण्ड में लौड़ा ऐसे नहीं जाता। तेरी गाण्ड तो में देसी घी लौड़े पर लगा कर मारूँगा.. बस 2 मिनट रुक मैं अभी लाया.. तब तक ललिता तू इसको गर्म कर।
ललिता और डॉली एक-दूसरे के होंठ चूसने लगीं और निप्पल दबाने लगीं।
चेतन ने एक प्याली में थोड़ा सा घी गर्म किया और कमरे में ले आया।
चेतन- बस डॉली अब सही पोज़ में आ जाओ.. मुझसे सबर नहीं हो रहा.. तेरी मक्खन जैसी गाण्ड मुझे पागल बना रही है।
ललिता वापस टेक लगा कर बैठ गई और डॉली घोड़ी बन कर उसकी चूत चाटने लगी।
चेतन- हाँ बस ऐसे ही रहना जानेमन.. आज तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा कर मैं धन्य हो जाऊँगा।
चेतन ने ऊँगली घी में भरकर डॉली की गाण्ड के सुराख पे रख दी और धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा।
डॉली- आ आ आह्ह.. दीदी आपकी चूत से क्या मस्त रस आ रहा है.. आईईइ आह्ह.. सर आराम से.. कुँवारी गाण्ड है मेरी…
चेतन- अरे रानी अभी तो ऊँगली से घी तेरी गाण्ड में भर रहा हूँ ताकि लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।
डॉली- ऊँगली से ही हल्का दर्द हो रहा है.. लौड़ा डालोगे तो मेरी जान ही निकल जाएगी।
ललिता- उफ़फ्फ़ अरे कुछ नहीं होगा तू बस चूत रस का मज़ा ले बाकी चेतन अपने आप संभाल लेगा।
डॉली चूत चाटने में लग गई और चेतन ऊँगली से उसकी गाण्ड को चोदने लगा.. उसको मज़ा देने के लिए दूसरे हाथ से उसकी चूत में भी ऊँगली करने लगा।
अब डॉली को बड़ा मज़ा आ रहा था.. वो अपनी जीभ चूत में घुसा कर चाटने लगी।
ललिता- आह्ह.. अई आह अरे वाह.. बहना बड़ा मस्त चूस रही हो कककक आह्ह..मज़ा आ रहा है।
चेतन ने घी डॉली की गाण्ड में अच्छे से लगा दिया था।
अब उसका लौड़ा झटके खाने लगा था।
उसने डॉली की गाण्ड पर एक चुम्बन किया और लौड़े पर अच्छे से घी लगा लिया।
अब चेतन ने लौड़ा गाण्ड के सुराख पे रखा.. दोनों हाथों से उसको थोड़ा खोला और टोपी को उसमें फँसा दिया।
डॉली दर्द के मारे सिहर उठी.. मगर उसने चूत चाटना जारी रखा।
चेतन ने उसकी कमर को कस कर पकड़ा और जोरदार धक्का मारा.. आधा लंड गाण्ड में घुस गया।
यह तो घी का कमाल था.. वरना गाण्ड इतनी टाइट थी की टोपी भी नहीं घुसती।
ललिता ने डॉली का सर ज़ोर से पकड़ कर चूत में घुसा दिया।
डॉली- आआआअ आआआ उूउउ…
चेतन का लौड़ा एकदम फँस सा गया था.. इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था।
चेतन- आह उफ़फ्फ़.. साली तेरी गाण्ड है या आग की भट्टी.. कैसी गर्म हो रही है.. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है और टाइट भी बहुत है.. साला लौड़ा तो एकदम फँस गया है।
चेतन आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था…
अब गाण्ड में आधा लौड़ा ‘फॅक..फॅक.. फॅक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा।
ललिता- आह्ह.. अरे चूत को खा जाएगी क्या.. आराम से चूस।
तभी चेतन ने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गाण्ड में जड़ तक घुस गया।
इसी के साथ डॉली झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई।
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