RE: xxx Kahani नौकरी हो तो ऐसी
मैं अभी उसकी चूत फाड़ने के लिए पूरा पागल हो गया..... मैने उसको उठाया और चार पाई के कोने पे बिठाया और उसके सामने खड़ा होके अपने लंड का निशाना उसकी चूत मे लगाना शुरू किया.
उतने मे एक शिक्षक बोला "अरे बाबूजी ज़रा तेल बेल...मक्खन वॉखान लगाओ...... नहितो अंदर नही जाएगा ..... बड़ी कठिनाई होगी आपको और रीना को भी…पहली बार है ना…हहहहा"
उधर सालो ने पूरी तैय्यारि कर रखी थी.... मैने उधर पड़ी एक तेल की शीशी को उठाया और अपने लंड को मस्त तेल से लथपथ कर दिया ... अभी मैने उसकी टांगे फैलाई.... मा कसम क्या चीज़ थी.... उसकी बुर पानी छोड़ रही थी..... उसके वो लाल लाल दाने और भी ज़्यादा लाल होये जा रहे थे…
मैने उसकी बुर पे मस्त थूक लगाई, उसके चुतताड़ो को सहालाया, शराब पीने से रचना और रीना दोनो और कमसिन और हसीन अदाकरा जैसे दिख रही थी.... दोनो के चेहरे पे हमे चोदो वाले भाव सॉफ सॉफ दिख रहे थे..... और एक उंगली को बुर के छेद के अंदर घुसा ही रहा था कि उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली "उंगली नही..... दर्द होता है... "
मैं - "हां दर्द तो होना ही है..... थोड़ा धीरज रख...." और मैने उसके चुतताड पे एक मस्त थप्पड़ मार दिया उसका चुतताड एकदम लाल हो गया
मैने तेल की शीशी से और तेल निकाला, और उसकी बुर की फांको पर लगा दिया.... मेरा हाथ लगते ही उसकी बुर और भी ज़्यादा लाल लाल हो रही थी, और बुर की फांके और बड़ी बड़ी हुई जा रही थी ..... तेल लगाने से बुर मस्त चमक ने लगी और उसका रंग और गहरा लाल हो गया और बीच मे वो छेद .... मा कसम ..... दिमाग़ पूरा पागल हुए जा रहा था उस छेद को देख के....
मैने मेरे लंड राजा को उसकी बुर के छेद के बराबर बीचोबीच रखा... वो थोड़ी पीछे सर्की.
मैं - "अरे डरो नही मैं हल्के हल्के करूँगा...." मैने बात करते करते उसके आम जैसे दूध को चूसना शुरू किया....
रीना- "मुझे बहुत ही डर लग रहा है.... मैं पापा से ही इसको खुलवाना चाहती थी पर उन्होने मेरी नही मानी...."
मैं - "मेरे से खुलावाले ....तेरे पापा से ज़्यादा मज़ा आएगा तुझे ...."
और ये कह के मैने धीरे से सूपदे को उसकी बुर के छेद के अंदर हल्के से घुसेड दिया... वो कराही.... थोडिसी चिल्लाई.....
उतने मे सब उधर आ गये..... रचना का अंग शराब पीने से और ज़्यादा चुदवाने के लिए बेकरार लग रहा था.... उसके बड़े बड़े नंगे दूध को देख के मेरा मंन अब और उत्तेजित हो गया... रचना की बड़ी गांद का घेराव मुझे आंतरण दे रहा था और मुझे कब इसको चोद्के उसकी मारू इसीमे दौड़े जा रहा था .. मैने अब थोड़ा आयेज पीछे जगह बनाया, रीना के चुतताड़ो को अपने हाथो मे दबाया और ज़ोर्से एक धाक्का मार दिया...
मेरा लंड 4 इंच तक अंदर चला गया......
""ईईई.....उईईईईईईईईईईईईईइमाआआअ" रीना के मूह से आवाज़ निकले जा रही थी.... 4 इंच लंड उसको सहा नही जा रहा था.
उसक बाप प्रिन्सिपल उसके दूध सहलाते हुए "बस बेटी हो गया..... अब थोड़ा ही है ..... हो गया " कह के उसे सहारा दे रहा था...
उसकी हालत पतली हो गयी थी .....मेरा मोटा और लंबा लंड उसे ज़रा ज़्यादा ही भारी पड़ गया.... पर वाह मज़ा आ गया था अभी तक मेरा पूरा
लंड अंदर गया भी नही था ...और वाह क्या चिकनाई थी....और अकड़ थी उस बुर मे ...वाआह वाह...
ऐसे लग रहा था कि इसकी बुर से कभी बाहर लंड ही नही निकालु...
क्रमशः………………………..
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